रामलला के आगमन पर किसान ने दिखाई अनोखी भक्ति, गांव वालों के लिए कर दिया ये ऐलान 

22 जनवरी के मौके पर उत्तर प्रदेश के अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ. 500 साल के लंबे इंतजार के बाद रामलला अयोध्या के भव्य मंदिर में विराजमान हो गए हैं. इस दिव्य दिव्य कार्यक्रम से तमाम रामभक्तों की मनोकामनाएं जुड़ी हुई थी. इसी कड़ी में सतना के एक किसान ने मनोकामना पूरी होने पर नई इबारत लिखते हुए गांववालों के लिए अनोखा फैसला लिया है.

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रामलला के आगमन पर किसान ने दिखाई अनोखी भक्ति, गांव वालों के लिए कर दिया ये ऐलान

अयोध्या (Ayodhya) में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम सम्पन्न हो गया. लगभग 500 साल बाद भगवान श्री राम का भव्य मंदिर बना और उसमें विग्रह मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हुई. इस दिव्य कार्यक्रम से तमाम रामभक्तों की मनोकामनाएं जुड़ी हुई थी. इसी कड़ी में सतना के एक किसान ने मनोकामना पूरी होने पर नई इबारत लिखते हुए सामुदायिक भवन बनाने का संकल्प लिया है. एक तरफ आज 22 तारीख को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई...वैसे ही किसान ने सतना में सामुदायिक भवन का भूमिपूजन कर दिया. बता दें कि यह सामुदायिक भवन पिपरी कला के मशहूर हनुमान मंदिर के पास बनाया जाएगा.

किसान ने लिया अनोखा संकल्प 

बताया जाता है कि पिपरीकला में इच्छापूर्ति हनुमान मंदिर है. जहां पर हर रोज सैकड़ों की संख्या में भक्त अपनी मनोकामना लेकर पहुंचे थे. कभी अकहा के रहने वाले किसान काशी सिंह 67 वर्ष ने भी रामभक्त के सामने अयोध्या में रामलला का मंदिर बनाने की इच्छा जाहिर की थी. तब से लेकर अभी तक उन्होंने इस बारे में किसी को कुछ नहीं बताया. लेकिन दोपहर 12 के करीब जब रामलला की गर्भगृह में प्राणप्रतिष्ठा हुई तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. पिपरीकला के किसान ने अपनी इच्छा पूरी होने की खबर आसपास के लोगों को दी. इसके बाद आनन-फानन में सामुदायिक भवन निर्माण करने की तैयारी शुरू कर दी गई. 

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करीब साढ़े तीन लाख करेंगे खर्च

इसके बाद पंडित की मदद से भूमिपूजन कार्यक्रम कराया गया. जानकारी के लिए बता दें कि सामुदायिक भवन को बनाने में लगभग साढ़े तीन लाख रुपए खर्च होंगे. जिसका पूरा खर्च किसान काशी सिंह ही उठाएंगे. वहीं, गांव के लोगों ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर किसान के इस फैसले की खूब सराहना की. इस बात की जानकारी जैसे ही पिपरी कला के लोगों को हुई वहां पर उत्सव जैसा माहौल बन गया. किसान काशी सिंह ने बताया कि यह मेरा सौभाग्य है कि मैं लोगों की मदद के लिए कुछ कर पा रहा हूं. आज बहुत प्रसन्न हूं कि मेरे प्रभु की प्राण प्रतिष्ठा हुई. इसके लिए हमें बहुत इंतजार करना पड़ा. 

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