भारतीय जनता पार्टी की राज्यसभा सांसद सुमित्रा वाल्मीकि (Rajya Sabha MP Sumitra Valmiki) के साथ एक बार फिर अभद्र व्यवहार का मामला सामने आया है. सुमित्रा वाल्मीकि सोमवार को मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित भाजपा कार्यालय में चार संभागों की बैठक में शामिल होने पहुंची थीं. इस बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सहित अनेक वरिष्ठ नेता मौजूद थे.
सादगी के लिए जानी जाने वाली सांसद सुमित्रा वाल्मीकि बिना किसी तामझाम के बैठक स्थल पर पहुंच गई, लेकिन मीटिंग हॉल में प्रवेश करने से पहले सुरक्षा कर्मियों ने न केवल उन्हें रोक दिया बल्कि अभद्र व्यवहार भी किया. इससे आहत होकर सांसद वहां से वापस लौटने लगीं. बाद में पार्टी नेताओं के समझाने-बुझाने पर उन्हें बैठक में बुलाया गया, लेकिन इस दौरान उनकी नाराजगी स्पष्ट झलक रही थी.
'कुंडली दिखानी पड़ेगी'
राज्यसभा सांसद सुमित्रा वाल्मीकि का बयान भी सामने आया है. उन्होंने कहा कि बार-बार मेरे साथ अभद्रता क्यों होती है? इसके लिए मुझे कुंडली दिखानी पड़ेगी. सुमित्रा वाल्मीकि ने कहा कि उत्साहित कार्यकर्ताओं की धक्का-मुक्की से उनका चश्मा भी टूट गया. उन्होंने कहा कि सुरक्षा कर्मियों ने सुरक्षा के कारण अंदर नहीं जाने दिया था.
सादगी के कारण बार-बार होता है दुर्व्यवहार
यह कोई पहला मौका नहीं है जब सांसद सुमित्रा बाल्मीकि के साथ ऐसा व्यवहार हुआ हो. 5 जुलाई 2022 को जब वे सागर सर्किट हाउस में ठहरी थीं तो बिना बताए उनका सामान बाहर कर दिया गया था, जिससे बड़ा विवाद खड़ा हो गया. 21 जून 2023 को विश्व योग दिवस के अवसर पर उनकी कुर्सी मंच पर पीछे लगाई गई थी, जिस पर उन्होंने तत्कालीन कलेक्टर सौरभ सुमन को जिम्मेदार ठहराया था.
समानता, शालीनता और सादगी को जीवन में आत्मसात करने वाली सुमित्रा बाल्मीकि को अक्सर लोग पहचान नहीं पाते और इसी वजह से उनके साथ इस तरह की घटनाएं बार-बार घट रही हैं.
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