Rajgarh :  युवा पत्रकार की मौत, पत्नी का आरोप- सिस्टम से जंग हार गया पति

नरसिंहगढ़ (Narsinghgarh) के एक युवा पत्रकार की मौत (Young Journalist Death) ब्रेन हेमरेज (Brain Hemorrhage) की वजह से हो गई है. मृतक के परिजनों का आरोप है कि पत्रकार को प्रशासन द्वारा धमकी भरा पत्र दिया गया था, जिसकी वजह से वह सदमे में रहने लगा था, बाद में उसे ब्रेन हेमरेज हो गए और हॉस्पिटल (Hospital) में जिंदगी की जंग हार गया.

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राजगढ़:

Madhya Pradesh News : नरसिंहगढ़ (Narsinghgarh) के एक युवा पत्रकार की मौत (Young Journalist Death) ब्रेन हेमरेज (Brain Hemorrhage) की वजह से हो गई है. मृतक के परिजनों का आरोप है कि पत्रकार को प्रशासन द्वारा धमकी भरा पत्र दिया गया था, जिसकी वजह से वह सदमे में रहने लगा था, बाद में उसे ब्रेन हेमरेज हो गए और हॉस्पिटल (Hospital) में जिंदगी की जंग हार गया.

क्या है मामला? 

नरसिहगढ़ में योगेश मैथली नामक पत्रकार एक निजी चैनल में कार्यरत थे, ब्रेन हेमरेज की वजह से उनका भोपाल के एक निजी अस्पताल (Private Hospital) में निधन हो गया. मृतक की पत्नी ने मौत का जिम्मेदार नरसिंहगढ़ एसडीएम (SDM Narsinghgarh) अंशुमन राज को ठहराया है.

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मृतक की पत्नी का आरोप है कि एसडीएम (SDM) ने योगेश मैथिल को पॉस्को एक्ट (POCSO Act) में फंसाने की धमकी दी थी. इसके बाद से योगेश डिप्रेशन (Depression) में चले गए थे, इसकी वजह से उन्हें ब्रेन हेमरेज हो गया और उपचार के दौरान भोपाल के एक निजी अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया. हम अस्पताल से उन्हें जीवित वापस नहीं ला सके. अब हमारा परिवार कैसे चलेगा.


SDM के पत्र में क्या लिखा था?

नरसिंहगढ़ एसडीएम (Narsinghgarh SDM) ने 23 अगस्त 2023 को योगेश के नाम एक कारण बताओ नोटिस (Show Cause Notice) जारी किया था. जिसमें लिखा था कि ‘शासकीय कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास (Girls Hostel) भोपाल रोड नरसिंहगढ़ में अनुविभागीय अधिकारी का टीम सहित निरीक्षण हुआ था. निरीक्षण के दौरान उपस्थित बालिकाओं द्वारा अवगत कराया गया कि योगेश मैथिली द्वारा छात्रावास (Hostel)  में अनाधिकृत प्रवेश कर बालिकाओं के साथ अभद्र व्यवहार किया जाता है जो की पॉस्को एक्ट के तहत दंडनीय अपराध है क्यों न आपके विरुद्ध पॉस्को एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया जाए'.

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पत्र को लेकर उठ रहे हैं सवाल

नरसिहगढ़ एसडीएम द्वारा 23 अगस्त को जारी इस नोटिस पर कई सारे सवाल खड़े हो गए हैं. 23 तारीख को जारी इस पत्र में लिखा है कि मृतक पत्रकार के खिलाफ शिकायत 23 अगस्त को की गई है. जबकि छात्रावास में निरीक्षण 24 अगस्त को हुआ है. बाद में इसको लेकर विभाग की ओर से एक प्रेस सूचना जारी की गई जिसमें लिखा है कि टाइपिंग में गलती होने की वजह से 24 की जगह 23 अगस्त प्रकाशित हो गया है. इस संबंध में जिले के पत्रकारों में आक्रोश है. स्थानीय पत्रकारों ने राज्यपाल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा हुए न्यायिक जांच की मांग की है.

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कानून के जानकारों का कहना है कि प्रारंभिक तौर पर यह कार्यवाही संदेह के घेरे में है क्योंकि पॉक्सो एक्ट मंं जांच और कार्यवाही पुलिस को करनी होती है.

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