Putin India Visit: अनोखा स्वागत; MP के किसान ने अनाज से बनाई मोदी-पुतिन की फोटो

Putin India Visit: भारत और रूस के बीच दोस्ती का इतिहास काफी पुराना है. खासतौर से रक्षा के मामले में रूस भारत के साथ दशकों से खड़ा है. दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग की शुरुआत 1950-60 के दशक में हुई थी.

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Putin India Visit: अनोखा स्वागत; MP के किसान ने अनाज से बनाई मोदी-पुतिन की फोटो

Putin India Visit: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4 दिसंबर को दो दिवसीय दौरे पर गुरुवार को भारत पहुंच रहे हैं. पूर्व भारतीय राजनयिकों का मानना है कि परमाणु प्लांट से जुड़े विषय, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और तकनीक के अलावा राष्ट्रपति पुतिन और प्रधानमंत्री मोदी के बीच द्विपक्षीय वार्ता में यूक्रेन युद्ध पर भी चर्चा हो सकती है. भारत और रूस की दोस्ती आज की नहीं, बल्कि वर्षों पुरानी है. दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध खास नहीं थे, लेकिन भारत के लिए रूस हमेशा से ही उसका सबसे भरोसेमंद रणनीतिक साझेदार रहा है. सुरक्षा के दृष्टिकोण से रूस हमेशा भारत के साथ खड़ा रहा है. वहीं इस मौके पर मध्य प्रदेश के एक किसान ने अनोखे ढंग से स्वागत किया है.

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अनाज से बनाई तस्वीर

नर्मदापुरम के डोलरिया विकासखंड के ग्राम सुपरली के किसान योगेन्द्र पालसिंह सोलकी ने पुतिन के भारत आगमन पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत का अनोखा एवं सांस्कृतिक तरीका चुना है. कृषि प्रधान भारत की समृद्ध परंपरा को प्रदर्शित करते हुए उन्होंने दोनों नेताओं की प्रतिमाएं विभिन्न प्रकार के अनाजों से तैयार की है. इन कलात्मक तस्वीरों में धान, बाजरा, तिल, रागी, चावल, कुल्थी, खसखस सहित कई प्रकार के भारतीय अनाजों का प्रयोग किया गया है. किसान सोलकी का कहना है कि भारत सदियों से अन्न-उत्पादन में अग्रणी रहा है और इसी अन्न–संस्कृति का संदेश वह विश्व के शक्तिशाली देशों तक पहुंचाना चाहते हैं.

दशकों पुरानी है भारत-रूस की दोस्ती

भारत और रूस की दशकों पुरानी दोस्ती में एक नया आयाम जुड़ने जा रहा है. भारत और रूस ने 1947 में राजनयिक संबंध स्थापित किए थे. तब से लेकर आज तक भारत किसी भी संकट में होता है तो रूस एक मित्र राष्ट्र होने के नाते मजबूती के साथ खड़ा रहा है.

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1965 में भारत और पाकिस्तान युद्ध के दौरान रूस (सोवियत संघ) ने मध्यस्थता का काम किया. 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान रूस ने भारत का समर्थन किया. इतना ही नहीं, इस दौरान दोनों देशों ने मैत्री और सहयोग संधि की. परमाणु के क्षेत्र में भी रूस भारत का पुराना भागीदार है. मार्च 2010 में राष्ट्रपति पुतिन ने भारत दौरे पर परमाणु ऊर्जा के उपयोग के क्षेत्र में एक अहम सुरक्षा समझौते पर मुहर लगाई थी.

भारत और रूस ने स्पेस के क्षेत्र में भी अहम भागीदारी निभाई है. विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी दोनों देशों की मजबूत साझेदारी देखी गई.

भारत और रूस के बीच दोस्ती का इतिहास काफी पुराना है. खासतौर से रक्षा के मामले में रूस भारत के साथ दशकों से खड़ा है. दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग की शुरुआत 1950-60 के दशक में हुई थी.

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भारत एक तरफ चीन और दूसरी तरफ पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों से मुकाबला कर रहा है. दो छोर से भारत के लिए लगातार चुनौतियां खड़ी रहती हैं, हालांकि, रूस एक मित्र राष्ट्र होने के नाते भारत के साथ खड़ा है. रूस रक्षा और रणनीतिक सहयोग के जरिए भारत का साथ दे रहा है. भारत की डिफेंस ताकत को बढ़ाने में रूस की मिग-21 से लेकर एस-400 मिसाइल, सुखोई जेट और टी-90 टैंक जैसे तमाम प्रमुख हथियार और डिफेंस सिस्टम ने अहम भूमिका निभाई है. भारत रूस के सहयोग से मेड इन इंडिया हथियार भी बना रहा है.

भारत और रूस ने हाल ही में अपनी दोस्ती की प्रतिबद्धता स्पष्ट की, जब अमेरिका ने दोनों देशों के बीच तेल व्यापार खत्म करने के लिए मनमाना टैरिफ लगाकर दबाव बनाने की कोशिश की. हालांकि, भारी दबाव के बावजूद भी भारत ने अमेरिका के सामने घुटने नहीं टेके और साफ शब्दों में कहा कि वह किससे तेल खरीदेगा और किससे नहीं, यह कोई अन्य देश तय नहीं करेगा.

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ग्लोबल साउथ में भारत और रूस की भागीदारी काफी महत्वपूर्ण है. दोनों देश इस समूह में अपने हितों को बढ़ावा दे रहे हैं. एक तरफ रूस ग्लोबल साउथ में अपनी उपस्थिति बढ़ा रहा है, दूसरी ओर भारत इस समूह के वैश्विक हितों के बारे में विश्व पटल पर आवाज उठा रहा है. वहीं, अगर सांस्कृतिक संबंधों की बात की जाए तो भारत का संगीत, नृत्य और फिल्में रूस में काफी पसंद की जाती हैं.

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