Madhya Pradesh Government Cabinet Meeting: मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) ने अब लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग (Department of Public Health and Family Welfare) और चिकित्सा शिक्षा विभाग (Department of Medical Education) को मर्ज करने का फैसला लिया है. वहीं मध्य प्रदेश के हर जिले में प्रधानमंत्री एक्सीलेंस कॉलेज (Prime Minister Excellence College) खोले जाएंगे. ये जानकारी आज मंत्रालय में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री (Chief Minister of Madhya Pradesh) मोहन यादव (CM Mohan Yadav) की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक के बाद दी गई. इसके अलावा मध्यप्रदेश माल एवं सेवा कर संशोधन अध्यादेश-2024 के प्रस्ताव की समय सीमा बढ़ाई गई है. मध्य प्रदेश आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय अधिनियम 2011 के कुछ प्रावधानों में भी संशोधन किया गया है. साथ ही बैठक में प्रदेश हित में और भी निर्णय लिए गए हैं.
सरकार का कहना है कि इस मर्जर से मेडिकल कॉलेज रूटीन चिकित्सा सेवाएं देने के बजाय अति गंभीर या विशिष्ट उपचार, चिकित्सा शिक्षा पर ध्यान केन्द्रित कर सकेंगे. शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर की प्रभावी निगरानी हो सकेगी. मेडिकल कॉलेजों की बेस्ट प्रेक्टिसेस का स्वास्थ्य केन्द्रों में उपयोग किया जा सकेगा. मेडिकल कॉलेजों से जिला चिकित्सालयों को संबद्ध करना आसान हो जाएगा. स्वास्थ्य नीति और विभागीय योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन एवं नियंत्रण में सुविधा मिलेगी. आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप में दोनों विभागों के विलय की अनुशंसा की गई थी.
मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय अधिनियम, 2011 के प्रावधानों में संशोधन
मंत्रि-परिषद द्वारा मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय अधिनियम, 2011 के प्रावधानों में संशोधन की स्वीकृति दी गई है. वर्तमान में आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय चिकित्सा, दंत चिकित्सा, नर्सिंग, आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी, नेचरोपैथी आदि में पाठ्यक्रम संचालित करता है. नर्सिंग और पैरामेडिकल संस्थाओं और छात्र-छात्राओं की संख्या में वृद्धि को देखते हुए आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय को नर्सिंग एवं पैरामेडिकल को छोड़कर अन्य विषयों के पाठ्यक्रम संचालित करने का दायित्व दिया जायेगा. नर्सिंग एवं पैरामेडिकल विषयों से संबंधित पाठ्यक्रम का संचालन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा स्थापित अन्य विश्व विद्यालयों के माध्यम से किया जायेगा.
मल्हारगढ़ सिंचाई परियोजना के लिए 87 करोड़ 25 लाख रुपये की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा अशोकनगर की तहसील मुंगावली में बेतवा नदी पर 87 करोड़ 25 लाख रूपये लागत की मल्हारगढ़ उद्वहन सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दी गयी है. परियोजना से मुंगावली तहसील के 26 ग्रामों के 7500 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो सकेगी.
जल (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम, 1974 में संशोधन
मंत्रि-परिषद ने जल (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम, 1974 में संशोधन के लिए संसद को भेजे जाने वाले प्रस्ताव का अनुमोदन किया है. कानून में जल प्रदूषण से जुड़े छोटे अपराधों को अपराध की श्रेणी से हटाने और जुर्माने का प्रावधान करने जैसे संशोधन प्रस्तावित है.
सभी जिलों में प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेन्स की स्थापना का निर्णय
मंत्रि-परिषद द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) के अतंर्गत प्रदेश के सभी जिलों में 1-1 प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेन्स स्थापित करने की स्वीकृति दी है. प्रदेश के 55 जिलों में प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेन्स स्थापित किया जायेगा. चयनित महाविद्यालयों में अतिरिक्त 1845 शैक्षणिक पदों व 387 अशैक्षणिक पदों की स्वीकृति दी गयी है. इसके लिए कुल 485 करोड़ रूपये के व्यय की स्वीकृति दी गयी.
छठवें वेतनमान की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत अनुदान प्राप्त अशासकीय संस्थाओं के शिक्षकों व कर्मचारियों को 1 जनवरी 2006 से छठवें वेतनमान का लाभ देने एवं 206 करोड़ 80 लाख रूपये के अनुमानित व्यय का अनुमोदन दिया गया है. इसके अलावा मंत्रि-परिषद द्वारा मध्यप्रदेश माल एवं सेवा कर (संशोधन) अध्यादेश, 2024 में संशोधन की स्वीकृति दी गई है.