MP News In Hindi: जेल में बंद कैदियों का नाम सुनते ही अपराध से जुड़ी तस्वीरों का ख्यालों में उभरना बिल्कुल आम बात है, लेकिन नवाचार के जरिए ऐसे बहुत से सुधार किए जा चुके हैं, जो ऐसे कैदियों की दिशा को बदलने में बड़ी भूमिका अदा कर देते हैं. कुछ ऐसा ही एक नवाचार किया जा रहा है, भोपाल जेल विभाग के द्वारा.
इन हाथों में अब पेट्रोल पंप का दिखेगा नोजल
भोपाल में पहली बार सेंट्रल जेल के पेट्रोल पंप की शुरुआत होने जा रही है. यह पंप जेल के मुख्य द्वार के ठीक सामने एयरपोर्ट रोड पर बनकर तैयार हो चुका है.बता दें, जिन हाथों में कभी तलवार, छुरी, कट्टे और पिस्टल होते थे, आम लोग इनके पास जाने से डरते थे, उन हाथों में अब पेट्रोल पंप का नोजल दिखेगा. जी हां, हम बात कर रहे हैं, उन कैदियों की जो गंभीर अपराधों में जेल में बंद हैं.
प्रबंधन की कमान होगी इनके हाथों में
हिन्दुस्तान पेट्रोलियम के सहयोग से निर्मित नए पेट्रोल पंप का उद्घाटन अगले महीने होने की उम्मीद है. इस पेट्रोल पंप में 9 ओपन जेल के बंदी रिफिलिंग और अन्य कार्य संभालेंगे, जबकि प्रबंधन की जिम्मेदारी दो प्रहरियों के हाथ में होगी. बंदियों और प्रहरियों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू कर दिया गया. जेल विभाग के इस पहल की हर जगह तारीफ हो रही है.
ये करेंगे पंप का संचालन
भोपाल जेल अधीक्षक राकेश भांगरे ने कहा, इस पेट्रोल पंप का निर्माण 9687 स्क्वायर फीट में है. एचपी ने इसका निर्माण किया, जबकि जमीन जेल विभाग ने उपलब्ध कराई गई थी. पंप के संचालन के लिए आवश्यक पेट्रोल और डीजल का लोन एचपी कंपनी से लिया जाएगा, जिसे बाद में किश्तों में चुकाया जाएगा. पेट्रोल पंप का संचालन ओपन जेल के कैदी और प्रबंधन प्रहरी मिलकर करेंगे, और इसके लिए विशेष ट्रेनिंग प्रदान की जा रही है.
एमपी के इस जिले में शुरू हुई थी ये पहल
आपको बता दें, ये प्रयोग सबसे पहले इंदौर जिले में किया गया था. करीब 2020 में इंडियन ऑयल के सहयोग से जेल विभाग का पहला पेट्रोल पंप खुला था. भोपाल में खुलने जा रहे इस पेट्रोल पंप में और अधिक सुविधाएं होंगी. खास बात ये है कि इस पेट्रोल पंप में सामान्य दरों पर ही पेट्रोल-डीजल दिया जाएगा.
इतने रुपये रोजाना मिलेंगे
पेट्रोल पंप को 24 घंटे, सातों दिन संचालित करने की योजना है. भविष्य में, यदि प्रतिक्रिया अच्छी रही तो प्रत्येक शिफ्ट में 9 बंदियों को काम पर रखा जाएगा, जिससे रोजाना 30 कैदियों को रोजगार मिलेगा. हिन्दुस्तान पेट्रोलियम की ओर से उन्हें लगभग 500 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से पारिश्रमिक दिया जाएगा.
जानें कितना लगा वक्त
जेल प्रशासन को नए पेट्रोल पंप के संचालन के लिए नगर निगम, पीडब्ल्यूडी, वन विभाग, एसडीएम, और जिला कलेक्टर सहित आधा दर्जन से अधिक विभागों से एनओसी प्राप्त करनी पड़ी. इस कार्य को करने में करीब एक साल से अधिक का समय लगा है.
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कमाई का इस्तेमाल होगा इनके कल्याण में
इस पेट्रोल पंप की कमाई का एक बड़ा हिस्सा कर्मचारियों के वेलफेयर के लिए उपयोग किया जाएगा. बच्चों की शिक्षा और बीमारी के दौरान विशेष सहायता प्रदान की जाएगी. कर्मचारियों के बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए आर्थिक दिक्कतें आती हैं, तो उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी. यह पहल कर्मचारियों के कल्याण के लिए की गई है.
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