जान लीजिए केन-बेतवा लिंक परियोजना की पूरी A B C D, कैसे 8 साल में बदल जाएगा पूरा बुंदेलखंड?

देश में पहली बार नदी जोड़ो योजना को लेकर कोई ठोस काम होने जा रहा है. बुधवार को पीएम मोदी अटल बिहारी वाजपेयी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट की पहली कड़ी में केन-बेतवा लिंक नहर योजना का शिलान्यास कर रहे हैं. 221 किलोमीटर लंबी इस परियोजना के पूरा होने पर मध्यप्रदेश के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के एक बड़े इलाके की तस्वीर बदल जाएगी. न सिर्फ सिंचाई की सुविधा बढ़ने से हरियाली आएगी बल्कि बिजली के उत्पादन से भी एक बड़ा इलाका रौशन होगा. जानिए इस परियोजना की पूरी ABCD.

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Ken-Betwa Link Canal: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee)के जन्मदिन पर उनके एक बहुत बड़े सपने का एक हिस्सा पूरा होने जा रहा है. दरअसल 25 दिसंबर यानी बुधवार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ऐतिहासिक केन-बेतवा लिंक परियोजना का शिलान्यास करेंगे. करीब 45 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली ये परियोजना देश की पहली नदी जोड़ो योजना है. इससे  मध्यप्रदेश के 10 जिलों और उत्तर प्रदेश के 4 जिलों की तस्वीर बदल जाएगी. 221 किमी लंबी लिंक नहर के द्वारा दोनों राज्यों को न सिर्फ सिंचाई और पेयजल की सुविधा मिलेगी बल्कि बिजली का उत्पादन और रोजगार भी पैदा होगा. आइए पहले इस नहर की इकोनॉमी समझ लेते हैं और रिपोर्ट को आगे बढ़ाते हैं. 

केन बेतवा लिंक नहर- ये है इकॉनोमी

  • देश की पहली नदी जोड़ो योजना होगी ये नहर 
  • केन्द्र, मध्यप्रदेश और यूपी सरकार के सहयोग से पूरा होगी
  • इस परियोजना की लागत- 44 हजार 605 करोड़ रूपये 
  • 90% खर्च केन्द्र सरकार और 10 % खर्च राज्यों का होगा
  • 103 मेगावाट बिजली का होगा उत्पादन, हजारों को रोजगार
  •  27 मेगावाट सौर ऊर्जा के उत्पादन का भी है लक्ष्य

दरअसल केन-बेतवा लिंक परियोजना मध्य प्रदेश के छतरपुर और पन्ना जिले में केन नदी पर बन रही है. इसके तहत  पन्ना टाइगर रिजर्व में केन नदी पर 77 मीटर ऊंचाई एवं 2.13 किलोमीटर लंबाई का बांध बनेगा. इसके अलावा यहां दो टनल भी बनेंगी जिसमें करीब तीन हजार मीलियन घन मीटर जल का भंडारण होगा.  बांध पर टनल अपर लेवल पर 1.9 किमी एवं लोअर लेवल पर 1.1 किमी की बनेंगी. इसके अलावा केन नदी में बांध से बचा पानी बेतवा नदी में छोड़ा जाएगा. इस योजना से मध्य प्रदेश में 103 मेगावॉट जल विद्युत और 27 मेगावॉट सौर ऊर्जा का भी उत्पादन होगा.जिसके लिए दो पॉवर प्लांट बनाए जाएंगे. इनकी क्षमता  60 मेगावॉट और 18 मेगावॉट की होगी.  दोधन बांध से 60 मेगावॉट और लोवर लेवल टनल से 18 मेगावॉट जलविद्युत का उत्पादन होगा. इसके अलावा शिवपुरी जिले में ऊर नदी के लोअर ऊर बांध पर 19 मेगावॉट सौर ऊर्जा, सागर में बीना नदी पर बीना परियोजना में 21 मेगावॉट जल विद्युत और विदिशा में बेतवा नदी पर कोठा बैराज में 8 मेगावॉट सौर ऊर्जा बनेगी. 

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केन बेतवा लिंक नहर: निर्माण की कहानी

  • छतरपुर और पन्ना जिले में केन नदी पर बन रही है योजना
  • इस नहर की पूरी लंबाई 221 किलोमीटर होगी
  • परियोजना को 8 सालों में पूरा करने का है लक्ष्य
  • केन नदी पर 77 मीटर ऊंचा,2.13 किमी लंबा बांध
  • पहाड़ के अंदर से बनेगी 1.1 और 1.9 किमी की दो टनल
  • दोनों टनल में 2,853 मिलियन घन मीटर जल का भंडारण
  • चंदेल कालीन 42 तालाबों को सहेजने का काम भी शामिल 
  • दूसरे चरण में सात बांधों का निर्माण किया जाएगा

 इस परियोजना का लाभ मध्य प्रदेश के पन्ना, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी,सागर, रायसेन, विदिशा, शिवपुरी, दतिया समेत 10 जिलों को मिलेगा. इन जिलों के  लगभग दो हजार गावों की 8.11 लाख हेक्टेयर जमीन में सिंचाई हो सकेगी। इन जमीनों से जुड़े 7 लाख किसान परिवारों को सीधा फायदा होगा. इसके अलावा उत्तर प्रदेश के  1.92 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में भी सिंचाई की सुविधा मिलेगी. इस परियोजना से मध्य प्रदेश की 44 लाख एवं उत्तर प्रदेश की 21 लाख आबादी को पेयजल की सुविधा भी मिलेगी. 

केन बेतवा लिंक नहर: ये होगा लाभ

  • 8.10 लाख हेक्टेयर इलाके को मिलेगी सिंचाई की सुविधा
  • 2 हजार गावों के 7 लाख 18 हजार किसानों को लाभ
  • MP के 10 जिलों की 44 लाख लोगों को पीने का साफ पानी 
  • UP के 21 लाख आबादी को भी मिलेगा साफ पानी 
  • UP के बांदा जिले को बाढ़ की समस्या से मिलेगी मुक्ति
  • पन्ना टाइगर रिजर्व को सालभर मिलेगा पीने का पानी

इस परियोजना की अच्छी बात ये है कि प्रोजेक्ट के तहत ऐतिहासिक चंदेल कालीन तालाबों को भी पुनर्जीवित भी किया जाएगा. इनकी संख्या करीब 42 होगी. इसमें बारिश के पानी को भरा जाएगा। इन तालाबों से भूजलस्तर बढ़ेगा और ग्रामीण क्षेत्र को फायदा होगा. इसके साथ ही पन्ना टाइगर रिजर्व में वन में भी जंगली जानवरों को साल भर पीने का पानी मिल सकेगा. प्रोजेक्ट के सेकंड फेज में विदिशा में बेतवा नदी, सागर जिले के बीना में, शिवपुरी में उर नदी पर बांध बनाए जाएंगे. कुल मिलाकर दूसरे चरण में सात बांधों का निर्माण किया जाएगा. जाहिर है जब प्रोजेक्ट पूरा होगा तो बुंदेलखंड इलाके में न सिर्फ हरियाली होगी बल्कि विकास की नई इबारत भी लिखी जा सकती है. 
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