पीएम मोदी ने रखी ERCP की आधारशिला, एमपी और राजस्थान के लिए क्यों है अहम? जानिए, प्रोजेक्ट की खास बातें

PKC/ERCP project: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में राजस्थान और मध्य प्रदेश ने एक एमओयू हस्ताक्षर किया. इस समझौते के बाद राजस्थान और मध्य प्रदेश में पानी के आदान-प्रदान को लेकर आसानी होगी.

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PKC/ERCP project: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में राजस्थान और मध्य प्रदेश ने एक एमओयू हस्ताक्षर किया. इस समझौते के बाद राजस्थान और मध्य प्रदेश में पानी के आदान-प्रदान को लेकर आसानी होगी. साथ ही मध्य प्रदेश के जल संकट में भी राहत का रास्ता खुलेगा. दोनों राज्यों के बीच मंगलवार को महत्वाकांक्षी समझौते पर हस्ताक्षर किए गए इसके गवाह के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल रहे जिन्होंने योजना को देश के लिए और दोनों राज्यों के लिए महत्वाकांक्षी बताया.
इस समझौते से राजस्थान के 21 जिले में सिंचाई की व्यवस्था को व्यापकता मिलेगी तो दूसरी तरफ मध्य प्रदेश के 11 जिलों में सिंचाई के साथ-साथ पेयजल सप्लाई में भी यह परियोजना काम आएगी और मध्य प्रदेश का जल संकट कम होगा

क्या है PKC/ERCP प्रोजेक्ट?

इस परियोजना को राजस्थान और मध्य प्रदेश को साझा करने वाली तीन प्रमुख नदी को जोड़ने के लिए तैयार किया गया है. इन तीनों नदियों के पानी को आपस में जोड़कर राज्य की जल समस्या को हल करने की कोशिश की जाएगी. इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए दोनों राज्यों के बीच एमओयू हस्ताक्षर होने के बाद अब इसके अस्तित्व में आने की चर्चा तेज हो गई है. यह 4 साल में पहले चरण को पूरा करेगा. तीन नदियों के पानी को  दोनों राज्यों को डिस्ट्रीब्यूशन करने के उद्देश्य से इस परियोजना को पीकेसी ईआरसीपी नाम दिया गया है. 

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परियोजना में कैसे जुड़े राम

इस परियोजना को दो राज्यों के बीच तैयार किया जाना है. इसलिए राजस्थान का ‘रा' लिया गया और मध्य प्रदेश का ‘म' जब दोनों को मिलाया तो परियोजना से निकला ‘राम' और इस तरह से इस परियोजना के साथ राम जुड़ गए.

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मध्य प्रदेश के 11 जिले होंगे जला जल

मध्य प्रदेश की औद्योगिक जल आपूर्ति सिंचाई आपूर्ति के साथ पीने लायक जल आपूर्ति के इस परियोजना के तहत दोनों राज्यों में हुए समझौते के अनुसार चंबल काली सिंध और पार्वती  लिंक परियोजना से मध्य प्रदेश के शिवपुरी सहित 11 ऐसे जिले हैं जो सीधे तौर पर इस परियोजना से फायदे में होंगे जिसमें 11 जिलों को लाभ मिलेगा. इसकी लागत लगभग 36 हजार 800 करोड़ क्या आस-पास बताई गई है. गुना, शिवपुरी, सीहोर, देवास, राजगढ़, उज्जैन, आगर-मालवा, इंदौर, शाजापुर, मंदसौर और मुरैना के 2094 गांवों में लगभग 6 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी. जो कि अपने आप में मध्य प्रदेश के लिए एक बड़ी सौगात है जिसे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरगामी सोच पर आधारित रखा गया है. 

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परियोजना से शिवपुरी को मिलेगा बड़ा लाभ

नदी जोड़ो परियोजना अंतर्गत पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना समझौता  परियोजना के बनने से शिवपुरी के किसानों को मिलेगी सिंचाई की सुविधा पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना अन्तर्गत शिवपुरी जिले में 04 बांध सोनपुर बांध, पवा बांध, कटीला बांध एवं नैनागढ़ बैराज के माध्यम से दाबयुक्त पाइप नहर प्रणाली द्वारा सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी शिवपुरी जिले के 437 ग्रामो के किसानों को 130860 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी जिससे परोक्ष रूप से फसल उत्पादन में 30 से 35 प्रतिशत वृद्धि होगी इसके साथ-साथ लगभग 7.0 लाख आबादी को पीने योग्य जल की उपलब्धता होगी. 

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