PM Kusum Yojana: किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिये मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महा-अभियान (Pradhan Mantri Kisan Urja Suraksha evam Utthaan Mahabhiyan Yojana) यानी पीएम कुसुम योजना (PM Kusum Yojana) से अधिक से अधिक किसानों को जोड़ने के निर्देश दिये हैं. उन्होंने कहा कि "पीएम कुसुम" किसान हितैषी योजना है. इसमें किसान स्वयं की अनुपयोगी एवं बंजर कृषि भूमि पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर नियमित आय प्राप्त कर सकेंगे. योजना में शामिल किसानों द्वारा तैयार बिजली को सरकार द्वारा 3.25 रुपये प्रति यूनिट की दर से खरीदा जाएगा.
क्या है इस योजना का लक्ष्य?
पीएम कुसुम योजना में किसानों को लाभांवित कर सिंचाई के लिये आवश्यक बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके साथ ही किसानों को आय का नवीन स्रोत भी उपलब्ध कराना है. नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा पीएम कुसुम योजना "A" में कृषकों द्वारा स्वयं की अनुपयोगी एवं बंजर कृषि भूमि पर 500 किलोवाट से 2 मेगावाट तक क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किये जा सकेंगे.
क्या हैं प्रावधान?
पीएम कुसुम योजना "C" योजना का लक्ष्य कृषि फीडरों का सौर ऊर्जीकरण करना है. प्रदेश में सिंचाई के लिये सतत बिजली आपूर्ति के लिये 8 हजार समर्पित कृषि फीडर स्थापित किये गये हैं, जिनका निरंतर विस्तार प्रक्रियाधीन है. पीएम कुसुम "C" में सोलर संयंत्र की स्थापना के लिये 1.5 करोड़ रूपये प्रति मेगावाट केन्द्रीय सहायता राशि दिये जाने का प्रावधान है.
परियोजना पर 4 करोड़ रूपये प्रति मेगावाट की अनुमानित राशि व्यय होती है. इसमें 70 प्रतिशत तक बैंक ऋण उपलब्ध हो सकता है. इस ऋण राशि में 2 करोड़ रूपये की राशि तक एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड में प्रचलित ब्याज पर 3 प्रतिशत की छूट का प्रावधान भी है.
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