PM Kusum Yojana: बंजर जमीन से भी होगी आय, CM मोहन ने कहा किसान लगाएं सोलर सिस्टम, सरकार देगी साथ

PM Kusum Scheme: पीएम कुसुम योजना के तहत केंद्र सरकार किसानों को सोलर पंप (Solar Pump) लगवाने की सुविधा प्रदान करती है ताकि वह खेती के अतिरिक्त खर्चों को कम कर अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकें. इसके साथ ही सरकार द्वारा सौर पंप और सौर ऊर्जा सयंत्र लगाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

PM Kusum Yojana: किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिये मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महा-अभियान (Pradhan Mantri Kisan Urja Suraksha evam Utthaan Mahabhiyan Yojana) यानी पीएम कुसुम योजना (PM Kusum Yojana) से अधिक से अधिक किसानों को जोड़ने के निर्देश दिये हैं. उन्होंने कहा कि "पीएम कुसुम" किसान हितैषी योजना है. इसमें किसान स्वयं की अनुपयोगी एवं बंजर कृषि भूमि पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर नियमित आय प्राप्त कर सकेंगे. योजना में शामिल किसानों द्वारा तैयार बिजली को सरकार द्वारा 3.25 रुपये प्रति यूनिट की दर से खरीदा जाएगा.

Advertisement

क्या है इस योजना का लक्ष्य?

पीएम कुसुम योजना में किसानों को लाभांवित कर सिंचाई के लिये आवश्यक बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके साथ ही किसानों को आय का नवीन स्रोत भी उपलब्ध कराना है. नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा पीएम कुसुम योजना "A" में कृषकों द्वारा स्वयं की अनुपयोगी एवं बंजर कृषि भूमि पर 500 किलोवाट से 2 मेगावाट तक क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किये जा सकेंगे.

Advertisement
Advertisement
वर्तमान में परियेाजना से उत्पादित बिजली को सरकार द्वारा 25 वर्षों के अनुबंध पर किसानों से 3 रुपये 25 पैसे प्रति यूनिट पर खरीदा जाएगा. यह किसानों की नियमित आय का स्रोत होगा. इस स्कीम का लाभ आवंटन पोर्टल से वॉक इन पद्धति द्वारा मिलेगा.

क्या हैं प्रावधान?

पीएम कुसुम योजना "C" योजना का लक्ष्य कृषि फीडरों का सौर ऊर्जीकरण करना है. प्रदेश में सिंचाई के लिये सतत बिजली आपूर्ति के लिये 8 हजार समर्पित कृषि फीडर स्थापित किये गये हैं, जिनका निरंतर विस्तार प्रक्रियाधीन है. पीएम कुसुम "C" में सोलर संयंत्र की स्थापना के लिये 1.5 करोड़ रूपये प्रति मेगावाट केन्द्रीय सहायता राशि दिये जाने का प्रावधान है.

मध्यप्रदेश में इस योजना में 2000 मेगावाट क्षमता के संयंत्र स्थापना का लक्ष्य रखा गया है. योजना में प्रस्ताव देने वालों को निविदा से 500 मेगावाट क्षमता आवंटित भी की जा चुकी है. अभी भी 1500 मेगावाट की क्षमता की बिजली उत्पादन का लाभ दिया जाना है. योजना का लाभ लेने के लिये प्रति मेगावाट ऊर्जा उत्पादन के लिये 2 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता होती है

परियोजना पर 4 करोड़ रूपये प्रति मेगावाट की अनुमानित राशि व्यय होती है. इसमें 70 प्रतिशत तक बैंक ऋण उपलब्ध हो सकता है. इस ऋण राशि में 2 करोड़ रूपये की राशि तक एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड में प्रचलित ब्याज पर 3 प्रतिशत की छूट का प्रावधान भी है.

यह भी पढ़ें : MP में इन सड़कों को मिलेगी नई रफ्तार, इकोनॉमिक कॉरिडोर के लिए ₹3 हजार करोड़ मंजूर, CM ने कहा थैंक यू

यह भी पढ़ें : MP में इन सड़कों को मिलेगी नई रफ्तार, इकोनॉमिक कॉरिडोर के लिए ₹3 हजार करोड़ मंजूर, CM ने कहा थैंक यू

यह भी पढ़ें : पीएम कुसुम योजना केवल 30% लक्ष्य ही हासिल कर पाई: थिंक टैंक रिपोर्ट

यह भी पढ़ें : Fertilizer Crisis: किसान परेशान, नहीं मिल रहा समाधान! जानिए क्यों है DAP का संकट?