उज्जैन में शरद पूर्णिमा पर दूर-दूर से खीर खाने आते हैं सैकड़ों लोग, जड़ी-बूटी से डालकर बनता है ये प्रसाद

उज्जैन में शरद पूर्णिमा के अवसर पर एक अनोखा आयोजन किया गया, जहां करीब 2000 लोगों ने आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से बनी खीर का प्रसाद ग्रहण किया. इस खीर को बनाने वाले डॉ. प्रकाश जोशी पिछले 27 वर्षों से इस परंपरा को निभा रहे हैं.

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MP News in Hindi: मध्य प्रदेश के उज्जैन में सोमवार रात दूर-दूर से बड़ी संख्या में लोग पहुंचे. यह लोग बाबा महाकाल के दर्शन करने नहीं, बल्कि खीर के प्रसाद से अपनी बीमारी का इलाज करवाने आए थे. माना जाता है कि इस खीर से  सांस ओर एलर्जी सहित कई बीमारी से निजात मिलती है.

इंदिरा नगर निवासी डॉ. प्रकाश जोशी ने बताया कि पिछले 27 साल से शरद पूर्णिमा की रात दवाई स्वरूप प्रसादी खीर लोगों को बांट रहे हैं. यही वजह है कि सोमवार को शरद पूर्णिमा होने पर निशुल्क चिकित्सा शिविर लगाया. इसमें अपनी बीमारी के इलाज के लिए करीब दो हजार पुरुष, महिलाएं, बुजुर्ग पहुंचे और रात भर जगराता कर मंगलवार तड़के अमृत समान खीर का प्रसाद लिया.

जड़ी बूटी की खीर

डॉ जोशी बताया कि सैकड़ों प्रकार की जड़ी-बूटियों से दवाई बनाई जाती है, जिसे खीर में मिलाकर देते हैं. जड़ी-बूटियां मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात के घने जंगलों से मिलती हैं. प्रत्येक जड़ी-बूटी के लिए तिथि और समय निर्धारित रहता है. दवाई को छांव या रात के अंधेरे में सुखाकर बनाते हैं. इस साल भी शरद पूर्णिमा की रात 12 बजे 16 कलाओं से पूर्ण चंद्रमा की अमृत समान किरणों की रोशनी में आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों वाली खीर बनाई गई. इस दौरान सोमवार रात करीब 8 बजे से भजन संध्या की जो देर रात तक चला.

सुबह 4 बजे बांटा प्रसाद

आयोजन समिति के लोगों ने बताया कि हर साल हजारों लोग इस खीर के लिए आते हैं. दो बड़े बर्तन भरकर दूध से यह खीर प्रसादी तैयार की गई. खीर रातभर चंद्रमा की चांदनी में रखी गई और 4 बजे ब्रह्म मुहूर्त में पंजीकृत लोगों को लाइन में बिठाकर यह वितरित की गई. उसके बाद सुबह 6 बजे से कर्ण वेधन चिकित्सा प्रारंभ की गई. आयोजन की व्यवस्था करीब 75 डॉक्टरों ने संभाली। इस तरह का प्रदेश का यह सबसे बड़ा आयोजन है.

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