पहली बारिश में 'पानी-पानी' हुआ अस्पताल, हालात और इलाज दोनों बदहाल

Panna District MP News : जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजनों का कहना है कि उन्हें आने-जाने में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. लोग वार्डो में आने-जाने में फिसल रहे हैं जिससे कोई बड़ी घटना हो सकती है.

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पहली बारिश में 'पानी-पानी' हुआ अस्पताल, हालात और इलाज दोनों बदहाल

MP News in Hindi : अपनी लाचार व्यवस्थाओं और लापरवाही के लिए हमेशा सुर्खियों में बने रहने वाले पन्ना जिला अस्पताल के हालात सुधरने के नाम नहीं ले रहे है. कभी यहां लोगों को एम्बुलेंस नहीं मिलती तो कभी मरीज डॉक्टरों की तलाश में इधर-उधर भटकते रहते हैं. एक बार फिर जिला अस्पताल की बड़ी लापरवाही सामने आई है. बता दें कि पन्ना जिले में पिछले दो दिनों से हल्की-फुल्की बारिश हो रही है. बारिश के पहले जिला अस्पताल में मेंटिनेंस का कार्य नहीं करवाया गया जिस वजह से छत से पानी टपक रहा है.

अस्पताल में घुसा बारिश का पानी

अगर बात यहां तक रहती तो समझ आता... लेकिन इसी बारिश का पानी डिलीवरी वार्ड की गैलरी, सर्जिकल वार्ड व ऑपरेशन रूम में भर रहा है जिससे न सिर्फ वहां भर्ती मरीज बल्कि मरीज के परिजनों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इतना ही नहीं, कोई गर्भवती महिला भी यहां फिसल कर गिर सकती है. हालांकि मीडिया को देख जिला अस्पताल के सफाई कर्मचारी बारिश के भरे पानी को साफ करने में जुट गए.

अनहोनी को बुलावा दे रहा भराव

जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजनों का कहना है कि उन्हें आने-जाने में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. लोग वार्डो में आने-जाने में फिसल रहे हैं जिससे कोई बड़ी घटना हो सकती है. इतना ही नहीं, बारिश के पानी से भर्ती मरीजों को भी कई तरह की समस्याएं हो रही है. सबसे ज्यादा खतरा जिला अस्पताल में भर्ती होने आ रही गर्भवती महिलाओं को है जो कभी भी यहां फिसल कर गिर भी सकती है.

अस्पताल में डॉक्टर की भी कमी

गौरतलब है कि जिला हॉस्पिटल लगातार लापरवाही के लिए मशहूर है. आलम ये है कि कोई भी डॉक्टर यहां आना नहीं चाहता. इसके अलावा यहां बाहर से मरीजों की लंबी लाइन लगी रहती है. साथ ही यहां लेडीज डॉक्टर की भी कमी है. जिले में लगातार भोपाल में पत्राचार के बाद भी कोई हल नहीं निकला है.

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एंबुलेंस के लिए पैसों की मांग

अस्पताल की एक एंबुलेंस है लेकिन उसके लिए ड्राइवर पैसे मांगते है... वरना बोलते हैं नहीं चलेंगे ! यही नहीं, ऐसी अराजकता से कई बार गर्भवती महिलाओं को भी इलाज नहीं मिल पाता और वे दम तोड़ देती है. एक MLC (Medico-legal Case) के लिए 150km दूर तक का सफर करना पड़ता है. ऐसे में अब सवाल है कि यहां के मरीजों को कब तक इलाज मिलेगा और कब तक जिला अस्पताल के हालात सुधरेंगे?

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