Pahalgam Terrorist Attack: पहलगाम आतंकी हमले में इंदौर के सुशील नाथूनियल की भी जान गई थी. वहीं, उनके पार्थिव शरीर को गुरुवार को जूनी इंदौर के कब्रिस्तान में दफनाया और लोगों ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी. इस दौरान सुशील के परिजन, रिश्तेदार और शहरवासी मौजूद थे. सुशील का पार्थिव शरीर बुधवार को इंदौर एयरपोर्ट पहुंचा था, जहां मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने श्रद्धांजलि दी थी. इसके बाद उनका शव घर की ओर रवाना किया गया.
सुशील नाथूनियल 21 अप्रैल को अपने परिवार के साथ पहलगाम घूमने गए थे. इस दौरान वह 22 अप्रैल यानी मंगलवार को घटना वाले दिन बैसरन में ही मौजूद थे. दोपहल में हथियारबंद आतंकियों ने पर्यटकों पर गोली बरसानी शुरू कर दीं. इस दौरान सुशील की भी मौत हो गई. वहीं, उनकी बेटी आकांक्षा के पैर में गोली लग गई.
शहर काजी ने की ये मांग
अंतिम विदाई के दौरान शहर काजी इशरथ अली भी मौजूद थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि वो इस हमले की कड़ी शब्दों में निंदा करते हैं. भारत में यह घटना होती आई हैं, हमारी भारत सरकार से मांग है कि अब आगे इसे ना होने दें. धर्म पूछ कर गोली मारना बिल्कुल गलत है. पूरे भारत में आक्रोश का माहौल है. मासूमों ने क्या बिगाड़ा था, वह तो घूमने ही गए थे.
बेटे ने बताई आंखों देखी
सुशील के बेटे ओस्तीन ने कहा कि पुलिस और आर्मी वहां सबसे ज्यादा तैनात रह., मेरे सामने 6 लोगों को गोली मारी गई. कम से कम 4 आतंकी थे. वो अपने सिर पर कैमरा लगा कर आए थे. आतंकी मारने के बाद सेल्फी भी ले रहे थे.
इस घटना के बाद पूरे देश में आक्रोश का माहौल है. इंदौर में भी कई चौराहों पर आतंकियों का पुतला फूंका है. सभी लोग मृतकों के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं.
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पहलगाम शहर से छह किमी दूर इलाका
बता दें कि मंगलवार दोपहर पहलगाम शहर से लगभग छह किमी दूर बैसरन में दोपहर लगभग 2:30 बजे आतंकियों ने पर्यटकों पर गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. इसमें 26 लोगों की जान चली गई. बैसरन एक घास का मैदानी इलाका है और आसपास देवदार के वृक्ष हैं. यह एक पर्यटन स्थल है और यहां बड़ी संख्या में टूरिस्ट मौजूद थे.