Paan Ki Kheti: यहां के बंगला पान की है देश भर में पहचान! जानिए किन समस्याओं से जूझ रहे हैं किसान

Paan Ki Kheti: कटनी जिले के उमरियापान का बंगला पान देशभर में अपनी पहचान बनाया हुआ है. यहां करीब 200 से ज्यादा पान बरेज हैं, जिसमें चौरसिया समाज के लोग परंपरागत तरीके से पीढ़ी दर पीढी पान की खेती करते आ रहे है. लेकिन पान की खेती करना इतना आसान भी नहीं है. देखिए ग्राउंड रिपोर्ट.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
Paan Ki Kheti: पान की खेती करने वालों का हाल

Betel Leaf Cultivation in Katni: कटनी जिले के उमरियापान की देशभर में पहचान यहां के खास बंगला पान से हैं. यहां 200 से ज्यादा पान बरेज हैं, जिसमें पान की खेती होता है. बंगला पान का स्वाद काफी खास होता है. वहीं गर्मी के चलते इनकी कीमतें बढ़ जाती हैं. सबसे खास बात यह है कि इस पान में कीड़े नहीं लगते है और ग्रीष्मकाल में इसकी मांग बढ़ने से कीमत भी अच्छी मिल रही है. लेकिन पान किसानों को पान की खेती के दौरान कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. आइए देखिए ये ग्राउंड रिपोर्ट.

Paan Ki Kheti: पान के बरेज

आसान नहीं है पान

कटनी जिले के उमरियापान का बंगला पान देशभर में अपनी पहचान बनाया हुआ है. यहां करीब 200 से ज्यादा पान बरेज हैं, जिसमें चौरसिया समाज के लोग परंपरागत तरीके से पीढ़ी दर पीढी पान की खेती करते आ रहे है. लेकिन पान की खेती करना इतना आसान भी नहीं है. बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से पान की फसल खराब होती है तो वहीं, गर्मी में नमी बनाए रखना भी चुनौतीपूर्ण काम होता है.

Paan Ki Kheti: बंगला पान

पान बरेज के किसान प्रदीप चौरासिया ने बताते हैं कि "इस समय पान डेढ़ सौ रुपये सैकड़ा बिक रहा है. उन्हें महीने में करीब 8 हजार रु की कमाई हो पाती है. पान का नया रोपण बरेजा लगा दिए है अब ढाई माह का हो गया है इससे आने वाले समय मे सावन में नया पान मिलने लगेगा, लेकिन नई फसल में कीमत बहुत कम हो जाती है.अभी पुराना पान है इसलिए दाम ज्यादा है."

पान की खेती, कच्चा व्यापार है

वहीं किसान लल्लूराम ने बताया कि "लागत बहुत अधिक है, लेकिन आय बहुत कम है. कच्ची फसल है यदि पानी गिर जाए तो नुकसान हो जाएगा, यदि फसल बच गई तो लागत वसूलने के बाद थोड़ा बहुत पैसा बच पता है. यह उनके बाप- दादा के समय से पुस्तैनी काम है."

Advertisement

Paan Ki Kheti: पान के खेत में किसान

जगन्नाथ चौरसिया ने बताया कि "पहले पान की कीमत बहुत कम थी, लेकिन इस समय पुराने पान की कीमत ज्यादा रहती है. फिलहाल 2 हजार रु तक कीमत मिल रही है. इस खेती में बचत नही हो पाती है. महंगाई में लागत भी नहीं निकल पाती है, हमको यह खेती विरासत में मिली है, जिसे चलाए रखना भी चुनौती है."

यहां ढाई सौ परिवार है पान बेरेजे की खेती कर रहे है. यहां का पान लखनऊ, रीवा, कटनी के आसपास के शहरों, सतना और मिर्जापुर जाता है. बंगला पान जल्दी खराब नहीं होता है.

Advertisement

यह भी पढ़ें : MSP For Kharif Crops: किसानों के लिए खुशखबरी! मोदी कैबिनेट ने 14 फसलों की MSP बढ़ाने को दी मंजूरी

यह भी पढ़ें : Indian Army: मुरैना की बेटी हिमानी तोमर को सैल्यूट! सेना में लेफ्टिनेंट बनकर बनाया MP का मान, ऐसी है कहानी

Advertisement

यह भी पढ़ें : PM Modi Bhopal Visit: पीएम मोदी की यात्रा दौरान ऐसा रहेगा भोपाल का ट्रैफिक, सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था

यह भी पढ़ें : Kalyani Vivah Yojana: विधवा बहनों को सौगात, CM मोहन ने कहा- MP में शुरू होगी कल्याणी विवाह योजना, जानिए डीटेल्स