भोपाल गैस त्रासदी से जुड़े संगठनों का दावा, "सरकार बंद करने वाली है BGTRR विभाग"

भोपाल गैस पीड़ितों के कल्याण के लिए काम करने वाले पांच संगठनों ने गुरुवार को दावा किया कि मध्य प्रदेश सरकार भोपाल गैस त्रासदी राहत और पुनर्वास (BGTRR) विभाग को बंद करने की योजना बना रही है.

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फाइल फोटो

39 Years of Bhopal Gas Tragedy: भोपाल गैस त्रासदी (Bhopal Gas Tragedy) की 39वीं बरसी से पहले, गैस पीड़ितों के कल्याण (Welfare of Gas Tragedy Victims) के लिए काम करने वाले पांच संगठनों ने गुरुवार को दावा किया कि मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) भोपाल गैस त्रासदी राहत और पुनर्वास (BGTRR) विभाग को बंद करने की योजना बना रही है. वहीं दूसरी ओर बीजीटीआरआर मंत्री विश्वास सारंग (BGTRR Minister Vishwas Sarang) ने विभाग के बंद किए जाने का खंडन किया. उन्होंने पीटीआई-भाषा को बताया कि विभाग को बंद करने का कोई प्रस्ताव नहीं है.

बता दें कि दो और तीन दिसंबर 1984 की रात को यूनियन कार्बाइड फैक्टरी से जहरीली गैस के रिसाव के बाद भोपाल में कई हजार लोग मारे गए थे. अब यह कारखाना बंद हो चुका है.

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दूसरे विभागों को सौंपे जाने का किया दावा

भोपाल गैस त्रासदी में बचे लोगों के कल्याण के लिए काम करने वाले संगठनों ने गुरुवार को एक प्रेस कान्फ्रेंस में यह दावा किया. इस प्रेस कान्फ्रेंस में भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ, भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा, भोपाल गैस पीड़ित निराश्रित पेंशन भोगी संघर्ष मोर्चा के लोग मौजूद थे.

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इन्हीं संगठनों में से एक, भोपाल ग्रुप फॉर इंफॉर्मेशन एंड एक्शन की रचना ढींगरा ने कहा, "हमें हाल ही में एक गोपनीय दस्तावेज़ मिला है जिसमें भोपाल गैस त्रासदी राहत और पुनर्वास विभाग (BGTRR) को बंद करने की योजना बताई गई है.'' उन्होंने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल की अगली बैठक में चर्चा की जाने वाली इस योजना में गैस राहत विभाग द्वारा संचालित पांच अस्पतालों और नौ औषधालयों को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण और चिकित्सा शिक्षा विभागों को सौंपने का प्रस्ताव है.

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हाईकोर्ट ने लगाई फटकार: खान

वहीं भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष नवाब खान ने कहा, ''पिछले कुछ महीनों में हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त निगरानी समिति की सिफारिशों का पालन करने में गंभीर ढिलाई के लिए भोपाल गैस त्रासदी राहत और पुनर्वास विभाग को फटकार लगाई है.'' खान ने दावा किया कि गैस पीड़ित मरीजों के कम्प्यूटरीकृत पंजीकरण, इलाज के प्रोटोकॉल और देखभाल की गुणवत्ता में सुधार करने के बजाय, संबंधित अधिकारी न्यायिक प्रतिबंधों से बचने की कोशिश कर रहे हैं.

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