जिला उपभोक्ता आयोग का आदेश, 'नीबू बूटी-कागदी बीजू पौधों की कीमत और क्षतिपूर्ति राशि का करें भुगतान'; जानें पूरा मामला

Jabalpur News: जबलपुर में परिवादी उपभोक्ता ने नीबू बूटी और कागदी बीजू का पौधा खरीदा था, लेकिन ये पौधे वादे वाली प्रजाति का नहीं निकला. अब इस मामले में जिला उपभोक्ता आयोग ने एक्शन लिया है.

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Madhya Pradesh Latest News: मध्य प्रदेश के जबलपुर में जिला उपभोक्ता आयोग (Order of Jabalpur District Consumer Commission) ने सेवा में कमी के रवैये को लेकर मजीठा फ्लोरीकल्चर के नितिन और दीपांकर अग्रवाल को फटकार लगाया है. साथ ही धों की कीमत और क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान करने का भी आदेश दिया है. 

दरअसल, जबलपुर में परिवादी उपभोक्ता ने नीबू बूटी और कागदी बीजू का पौधा खरीदा था, लेकिन ये पौधे वादे वाली प्रजाति का नहीं निकला. जिसके बाद परिवादी ने इस मामले को लेकर जिला उपभोक्ता आयोग की शरण में गया, जहां आयोग ने परिवादी उपभोक्ता के हक में राहतकारी आदेश पारित किया है. 

वादे वाली प्रजाति का नहीं निकला पौधा, अब करना होगा रुपये का भुगतान 

जिला उपभोक्ता आयोग ने मजीठा फ्लोरीकल्चर के नितिन और दीपांकर अग्रवाल को निर्देश दिया कि एक महीने के भीतर नीबू बूटी पौधे की कीमत छह हजार रुपये, कागदी बीजू पौधे की कीमत तीन हजार रुपये भुगतान करें. साथ ही उक्त राशि पर सात प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज का भी भुगतान करें. इसके अलावा मानिसक क्षतिपूर्ति के लिए पांच हजार रुपये और मुकदमे का खर्च तीन हजार रुपये भी परिवादी को भुगतान करें.

जानें क्या है पूरा मामला?

बता दें कि उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष पंकज यादव और सदस्य अमित सिंह तिवारी की युगलपीठ के समक्ष सुनवाई हुई. इस दौरान परिवादी रहली सागर निवासी रामकृष्ण उपाध्याय की ओर से अधिवक्ता योगेंद्र पटेल और आवेश पटेल ने पक्ष रखा. उन्होंने दलील दी कि परिवादी ने 11 जुलाई, 2019 को नीबू बूटी के 200 नग 30 रुपये प्रति नग के हिसाब से क्रय किए थे. इसके लिए छह हजार किए. इसी तरह कागदी बीजू के 200 पौधे 15 रुपये प्रति नग के हिसाब से लेकर तीन हजार दिए. इसके अलावा 29 हजार 500 के अन्य पौधे भी खरीदे थे.

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वादा किया गया था कि तीन वर्ष में सभी पौधे फल देने लगेंगे, लेकिन समयावधि निकलने के बावजूद फल नहीं निकले. इससे साफ हो गया कि पौधे वादे वाली प्रजाति के नहीं थे. काफी समय बाद कुछ फल निकले, लेकिन वो संतरे की आकार के होने के कारण बाजार में नहीं बिके. इससे साफ है कि सेवा में कमी की गई.

क्या है नीबू बूटी?

नीबू बूटी एक पौधा है, जिसका वानस्पतिक नाम Cynodon Dactylon है. यह एक प्रकार की घास है जो उष्ण और समशीतोष्ण क्षेत्रों में पाई जाती है. इसका उपयोग आयुर्वेदिक और यूनानी चिकित्सा में किया जाता है.

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क्या है कागदी बीजू? 

कागदी बीजू एक पौधा है जिसका वानस्पतिक नाम Vernonia cinerea है. यह एक प्रकार की साग है जो भारत और दक्षिण एशिया में पाई जाती है. इसका उपयोग आयुर्वेदिक और यूनानी चिकित्सा में किया जाता है.

जानें कागदी बीजू के क्या हैं फायदे

1. कागदी बीजू पाचन तंत्र को मजबूत करती है.

2. कागदी बीजू का उपयोग बुखार, ज्वर, और अन्य बीमारियों के इलाज में किया जाता है.

3. यह दिल के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है कागदी बीजू.

4. कागदी बीजू का उपयोग त्वचा की समस्याओं के इलाज में भी किया जाता है.

5. कागदी बीजू पेशाब की समस्याओं को दूर करने में भी मदद करती है.

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