NTA Case: विवेक तन्खा ने NEET परीक्षा को लेकर दिया बड़ा बयान, कहा-'एनटीए को आज ही...'

MP News: नेशनल टेस्ट एजेंसी के मुद्दे पर सड़क से लेकर संसद तक हंगामा चल रहा है. इसके संबंध में राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने NDTV से खास बातचीत में बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि नेशनल टेस्ट एजेंसी को तत्काल भंग कर दिया जाना चाहिए.

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एनडीटीवी से विवेक तंखा ने की खास बातचीत

Vivek Tankha on NEET Exam Scam: NDTV ने राज्यसभा सांसद और कांग्रेस के वरिष्ट नेता विवेक तन्खा (Vivek Tankha) से खास बात की. इस मौके पर उन्होंने नीट परीक्षा (NEET Exam) को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा, 'बहुत सिंपल बात है, नीट एक ऑल इंडिया एक्जैम है. मेडिकल एडमिशंस का यह बड़ा इम्तिहान है. वर्ष 2016 के पहले एम्स (AIIMS) अपने एग्जाम्स करता था. एम्स के एग्जाम भी सरकार ने NTA को ट्रांसफर कर दिए और नीट अब सभी मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम कर रहा है. NTA एक सोसाइटी के रूप में रजिस्टर्ड है. एक सोसाइटी पूरी तरह अकाउंटिबल नहीं होती है जैसे कि जिम्मेदार सरकार होती है. मैंने आज अनुरोध किया है कि तुरंत एनटीए को भंग किया जाए जैसे व्यापम भंग हुआ था.'

तन्खा की पहल पर शुरू हुआ क्लैट एग्जाम

विवेक तन्खा ने बताया कि पहले क्लैट भी नहीं होता था. पहले हर लॉ कॉलेज अपनी परीक्षा करता था. 2007 में मेरे बेटे वरुण को 6 परीक्षाएं दो दिन में देनी पड़ी थी. उससे दुखी होकर मैंने पिटिशन सुप्रीम कोर्ट में लगाई थी. उन्होंने कहा, 'उस केस में जस्टिस बालकृष्ण एवं जस्टिस नावलेकर की कोर्ट में मैंने बहस की और मैंने दलील दीं की इसकी कॉमन प्रवेश परीक्षा होनी चाहिए. पहले किसी को यकीन नहीं होता था कि यह कैसे संभव है.'

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BJP-RSS कार्यकर्ता न चलाएं संस्था-विवेक तन्खा 

विवेक तन्खा ने कहा, 'मैं नहीं चाहता कि NTA जैसे महत्वपूर्ण संस्थान BJP पार्टी के कार्यकर्ता या पार्टी के सपोर्ट करने वाले आरएसएस या उनके लोग इन बॉडीस को चलाए, क्योंकि ये देश के लिए लाभदायक नहीं है. युवाओं के इंट्रेस्ट में नहीं है और अगर आप देश को 5 वी बडी इकॉनमी सुपर पावर बनाना चाहते हो तो इस से नहीं होगा. देश मेरिट से चलता है जिस दिन मेरिट की अनदेखी  होगी. उस दिन देश आगे नहीं बढ़ेगा.'

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सरकार कर रही है जिद-तन्खा 

तन्खा ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा, 'सरकार तो अपनी इज्जत बचाने में लगी है और इज्जत बचाने के चक्कर में वो लोग फिर हटधर्मी हो जाते हैं और कठोर हो जाते हैं और अपना निर्णय बदलना नहीं चाहते हैं. जबकि, ऐसा निर्णय जल्दी देश हित में होना चाहिए. अब सुप्रीम कोर्ट के सामने 8 तारीख को मैटर जाएगा सुप्रीम को डिसाइड करेगी कि अब क्या होना चाहिए.'

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