MP News: अब रील बनाई तो हो सकती है कानूनी कार्रवाई, अधिकारियों ने बनाए शूटिंग और फोटोग्राफी के लिए नियम

Rules for Making Reels: एक अधिकारी ने बताया कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत जिलाधिकारी रुचिका चौहान द्वारा जारी की गयी निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने वालों पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 और साइबर कानूनों के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी.

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Gwalior News: रील बनाने पर हो सकती है कानूनी कार्रवाई

Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्वालियर जिले  (Gwalior) के अधिकारियों ने शनिवार को सार्वजनिक स्थानों और ऐतिहासिक महत्व के स्थलों पर रील बनाने तथा फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी करने पर प्रतिबंध लगा दिया है. अब रील या वीडियो बनाना आसान नहीं होगा.  यह कदम सोशल मीडिया पर एक महिला द्वारा यहां जिलाधिकारी कार्यालय में हिंदी फिल्म के गाने पर नृत्य करने का वीडियो सामने आने के बाद उठाया गया है.

इन कानूनों के तहत होगी कार्रवाई

एक अधिकारी ने बताया कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत जिलाधिकारी रुचिका चौहान द्वारा जारी की गयी निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने वालों पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 और साइबर कानूनों के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी.

चौहान ने आदेश में कहा कि कई व्यक्ति और संगठन बिना किसी पूर्व सूचना और अनुमति के जिले में ऐतिहासिक इमारतों, रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंड, सरकारी कार्यालयों, अन्य सार्वजनिक स्थानों और पार्कों में शूटिंग, वीडियो, रील और तस्वीरें बना रहे हैं.

सस्ती लोकप्रियता के लिए की जाती है फोटोग्राफी

आदेश में कहा गया है कि इन गतिविधियों का ऐतिहासिक इमारतों और क्षेत्रों के सौंदर्यीकरण या उनकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि से कोई लेना-देना नहीं है, बल्कि त्वरित और सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए अभद्र व्यवहार दिखाने वाली फोटोग्राफी की जाती हैं और रील बनाई जाती हैं और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से उन्हें प्रचारित किया जाता है.

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इसका जीवंत उदाहरण समाहरणालय कार्यालय भवन की सीढ़ियों पर फिल्माई गई रील से सामने आया है, जिसपर कई व्यक्तियों और संगठनों ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए ज्ञापन सौंपे हैं. ऐसी गतिविधियों से ग्वालियर जिले की छवि खराब हो रही है और उनपर तत्काल रोक लगाना जरूरी हो गया है.

लिखित में लेनी होगी शूटिंग की अनुमति

आदेश में कहा गया है कि ऐसे स्थानों पर शूटिंग करने के इच्छुक लोगों को संबंधित विभाग या प्राधिकरण से लिखित अनुमति लेनी होगी और शूटिंग से तीन दिन पहले अनुमति को पुलिस अधीक्षक (एसपी) और क्षेत्र के उप मंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) के समक्ष प्रस्तुत करना होगा.

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