MP के सरकारी अस्पताल में एंड्रॉयड फोन के बिना इलाज नहीं, सरकारी आदेश से ग्रामीण परेशान

Android phone Mandatory In MP Govt. Hospitals: मध्य प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले ग्रामीणों के लिए अस्पताल में दाखिले के लिए अब एंड्रॉयड फोन अनिवार्य सा बना दिया है. इससे गांवों से शहर में इलाज के लिए पहुंचने वाले गरीब गरीबों को सरकारी अस्पतालों में इलाज पाना मुश्किल हो गया है.

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Government Hospital MP: मध्य प्रदेश में सरकारी अस्पतालों में इलाज करने पहुंचने वाले ग्रामीणों को सरकारी अस्पतालों के नए फरमान ने डरा दिया है. दरअसल, सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले ग्रामीणो को स्मार्टफोन यानी एंड्रॉयड फोन लाना आवश्यक बना दिया गया है, जिससे उन्हें इलाज के लिए नई समस्या का सामना करना पड़ रहा है.

मध्य प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले ग्रामीणों के लिए अस्पताल में दाखिले के लिए अब एंड्रॉयड फोन अनिवार्य सा बना दिया गया है. इससे गांवों से शहर में इलाज के लिए पहुंचने वाले गरीब मरीजों को सरकारी अस्पतालों में इलाज पाना मुश्किल हो सकता है.

आभा ऐप डाउनलोड करना जरूरी, ओटीपी के बाद जांच या भर्ती की मिलती है पर्ची

रिपोर्ट के मुताबिक नए फरमान के मुताबिक अब अस्पताल में इलाज अथवा भर्ती होने के लिए ग्रामीणो के पास अपना एंड्रॉयड फोन होना आवश्यक कर दिया गया है. दलील है कि भारत सरकार आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत इलाज पाने के लिए 'आभा' ऐप डाउनलोड करना पड़ता है और ओटीपी आने के बाद ही उन्हें जांच या भर्ती पर्ची मिलती है.

गरीब ग्रामीणों के लिए टेढ़ी खीर बना एंड्रॉयड फोन, फरमान से हैरान हुए ग्रामीण 

सवाल है कि गरीब और लाचार ग्रामीणों को अब इलाज के लिए एंड्रॉयड फोन खरीदना पड़ेगा, जो कि ग्राणीण मरीजों के लिए बहुत ही जटिल समस्या है.  अगर ग्रामीण एंड्रॉयड फोन खरीद भी लेते हैं तो क्या गांरटी है कि सरकारी अस्पतालों में मोबाइल के सिग्नल मिल जाएंगे? इससे इलाज के लिए पहुंचे मरीजों की समस्या बढ़ जाएगी.

सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए पहुंचने वाले ग्रामीणों को यह फरमान भारी पड़ रह है, जो ग्रामीण मरीजों के लिए परेशानी का सबब बन सकता है. मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक ने भी माना कि यह सब मरीज हित के लिए ही किया जा रहा है, लेकिन यह प्रक्रिया ग्रामीणों पर भारी पड़ रही है.

सरकार की दलील, ग्रामीणों की मदद के लिए अस्पताल में बनाए गए हैं हेल्प डेस्क

सरकार की ओर से दलील दी जा रही है कि ग्रामीण क्षेत्रों से आए मरीजों की मदद के लिए सरकारी अस्पतालों में हेल्प डेस्क भी बनाए है, जहां लोगों को मोबाइल एप डाउनलोड करने में मदद दी जा रही है. वहीं, जिनके पास एंड्रॉयड फोन नहीं है उनके लिए भी एक अलग डेस्क बनाई गई है, लेकिन यह डेस्क बहुत लंबी होती है.

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