No confidence Motion: पार्षदों की बगावत; MP के 20 नगरीय निकाय में कुर्सी का संकट, विदिशा में लगे ये आरोप

MP Politics: मध्यप्रदेश के 20 निकायों से बगावती तस्वीर सामने आ रही है. पार्षद अपने ही अध्यक्ष के खिलाफ विद्रोह का झंडा बुलंद कर रहे हैं. सवाल ये है कि पार्टी हाईकमान अपनी साख बचाएगा या भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे अध्यक्ष को बचाने की कोशिश करेगा?

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No confidence Motion: पार्षदों की बगावत; MP के नगरीय निकाय में कुर्सी का संकट, विदिशा में लगे ये आरोप

No confidence Motion: मध्यप्रदेश की सियासत में भूचाल आ गया है. 20 नगरीय निकायों में अब पार्षद अपने ही अध्यक्ष के खिलाफ लामबंद हैं. भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी और विकास कार्यों में ठहराव को लेकर बगावत का बिगुल बज चुका है. विदिशा नगर पालिका भी इसी उथल-पुथल का सबसे बड़ा चेहरा बन गई है, जहां 38 पार्षदों ने अध्यक्ष प्रीति राकेश शर्मा को सत्ता से हटाने के लिए मोर्चा खोल दिया है. इससे विदिशा नगर पालिका की राजनीति अब गरमा गई है. अध्यक्ष प्रीति राकेश शर्मा पर भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी के गंभीर आरोप लगे हैं. हालात इतने बिगड़े कि 38 पार्षद एकजुट होकर कलेक्टर के दरबार पहुंच गए और अविश्वास प्रस्ताव की मांग कर डाली.

विदिशा के पार्षदों का क्या कहना है?

 विदिशा नगर पालिका की पार्षद ज्योति जैन का कहना है कि “विदिशा की हालत खराब है. नगर पालिका अध्यक्ष ने अब तक कोई विकास नहीं कराया. इसी के विरोध में हम सभी पार्षद अविश्वास प्रस्ताव लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने आए हैं.”

दिलचस्प ये रहा कि कांग्रेस और भाजपा के पार्षदों ने मिलकर अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोला. लेकिन कांग्रेस ने अपने ही पार्षदों को कारण बताओ नोटिस थमा कर असमंजस की नई राजनीति खड़ी कर दी.

पार्षद रानू शर्मा का कहना है कि “हम सभी का एक ही मत है कि भ्रष्टाचार को खत्म करना है. अध्यक्ष के रहते विकास असंभव है, इसलिए हमें ये कदम उठाना पड़ा.”

अधिकारियों का क्या कहना है?

इधर अधिकारियों का कहना है कि पार्षदों की मांग पर जांच होगी और नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी. मुख्य नगर पालिका अधिकारी दुर्गेश ठाकुर का कहना है कि “सभी पार्षदों ने प्रस्ताव दिया है. आगे जांच होगी और नियमानुसार अग्रिम कार्रवाई की जाएगी.”

मध्यप्रदेश के 20 निकायों में यही तस्वीर सामने आ रही है. पार्षद अपने ही अध्यक्ष के खिलाफ विद्रोह का झंडा बुलंद कर रहे हैं. सवाल ये है कि पार्टी हाईकमान अपनी साख बचाएगा या भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे अध्यक्ष को बचाने की कोशिश करेगा?

अविश्वास प्रस्ताव की गूंज और भ्रष्टाचार के आरोपों से डगमगाती कुर्सियां. अब देखना होगा कि विदिशा से उठी ये बगावत पूरे प्रदेश की सियासत को किस मोड़ पर ले जाती है.

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