Mahakal Darshan: 10 दिनों के लिए बदलेगी महाकाल दर्शन व्यवस्था; भस्म आरती बुकिंग करने से पहले जान लें नियम

Mahakal Darshan Bhasm Aarti: भस्मारती में ऑफ लाइन व्यवस्था के तहत श्रद्धालुओं को एक दिन पहले महाकाल लोक के इंट्री प्वाइंट पर पहुंचकर फॉर्म भरने होंगे, अनुमति दर्शनार्थियों की संख्या के आधार पर मिल सकेगी. कोई भक्त निराश न लौटे, इसके लिए भस्म आरती में चलायमान दर्शन की व्यवस्था भी रहेगी.

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Mahakal Darshan: 10 दिनों के लिए बदलेगी महाकाल दर्शन व्यवस्था; भस्म आरती बुकिंग करने से पहले जान लें नियम

Mahakal Darshan Online Bhasm Aarti: अधिकांश धार्मिक लोग नए साल की शुरुआत भगवान महाकाल (Mahakal Darshan) के दर्शन से करने की मंशा रखते है. यही वजह है कि मध्यप्रदेश के उज्जैन (Ujjain) स्थित विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर (Mahakal Mandir) में नव वर्ष (Happy New Year 2026) पर बड़ी संख्या में दर्शनार्थी आते है. इसी को देखते हुए महाकालेश्वर मंदिर समिति ने सभी को दर्शन हो सके ऐसे इंतजाम कर रही. हालांकि इसमें 10 दिन ऑनलाइन बुकिंग कर भस्मारती करने वाले श्रद्धालु को निराश होना पड़ेगा.

कब से कब तक रहेगा बदलाव?

12 ज्योर्तिलिंग में से एक महाकाल मंदिर की भस्मारती के लिए ऑन लाइन बुकिंग करना पड़ती हैं. लेकिन नव वर्ष पर करीब 10 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना देख मंदिर समिति ने 25 दिसम्बर से 5 जनवरी तक महाकाल मंदिर में तड़के होने वाली भस्म आरती की ऑनलाइन बुकिंग बंद कर दी. जिसके चलते श्रद्धालू 10 दिन ऑफ़ लाइन बुकिंग कर ही भस्मआरती में शामिल हो सकेंगे. वहीं जो श्रद्धालु बुकिंग नहीं करवा सके वह बिना परमिशन लाइन में लगकर चलित भस्म आरती के दर्शन कर सकेंगे.

ऐसे कर सकेंगे मंदिर में प्रवेश

महाकाल मंदिर प्रशासक प्रथम कौशिक ने बताया 31 दिसम्बर से 2 जनवरी तक तीन दिन में 10 लाख श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए पहुंचने एक अनुमान है.सभी की सुरक्षा,सहज दर्शन और भस्म आरती परमिशन के लिए अलग इंतजाम किए है. तय दिनों में श्रद्धालु त्रिवेणी संग्रहालय से एंट्री कर महाकाल लोक ओर मान सरोवर फिर टनल से गणेश मंडपम पहुंचकर बाबा के दर्शन कर सकेंगे. तत्पश्चात एग्जिट टनल से निकलकर बड़े गणेश मंदिर के सामने से बाहर होंगे. श्रध्दालुओं की एंट्री ओर एक्जिट मार्ग के अनुसार ही जूता स्टेण्ड की संख्या,पानी और शौचालय की व्यवस्था भी की जाएगी.

कैसे मिलेगी भस्मारती परमिशन?

कौशिक ने आगे बताया कि भस्मारती में ऑफ लाइन व्यवस्था के तहत श्रद्धालुओं को एक दिन पहले महाकाल लोक के इंट्री प्वाइंट पर पहुंचकर फॉर्म भरने होंगे, अनुमति दर्शनार्थियों की संख्या के आधार पर मिल सकेगी. कोई भक्त निराश न लौटे, इसके लिए भस्म आरती में चलायमान दर्शन की व्यवस्था भी रहेगी. वहीं सामान्य दिनों में रोज 30 से 40 क्विंटल लड्डू प्रसादी बनाया जाता है. लेकिन नव वर्ष पर 10 दिन 50 क्विंटल से अधिक लड्डू प्रसाद बनाया जाएगा.

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