BNS-BNSS-BSA लागू होने के बाद MP में तेजी से बढ़ी e-FIR, जागरुकता और ट्रेनिंग से सफल हो रहे तीन नए कानून

Three New Criminal Laws: भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) के प्रति नागरिकों के लिए मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं.

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Azaad Bharat Ke Kanoon: देशभर में 1 जुलाई से भारतीय न्याय संहिता (Bhartiya Nyaya Sanhita) या बीएनएस (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (Bharatiya Nagrik Suraksha Sanhita) या बीएनएसएस (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Bharatiya Sakshya Adhiniyam) यानी बीएसएस (BSA) लागू हो चुका है. मध्यप्रदेश पुलिस (Madhya Pradesh Police) इन तीन नए कानूनों (Three New Criminal Laws) का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन कर रही है. ये हम नहीं बल्कि आंकड़े कह रहे हैं, महज दो दिनों नए कानून लागू होते ही पूरे प्रदेश में 855 एफआईआर (FIR) दर्ज की गई है. नए कानून लागू होने के पहले प्रदेशभर में औसतन 10 ई-एफआईआर दर्ज की जाती थी. वहीं पूरे मध्यप्रदेश में दो दिन के भीतर अब 98 ई-एफआईआर दर्ज की गई हैं. एक जुलाई को 53 और दो जुलाई को 45 एफआईआर दर्ज की गई है.  

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क्यों खास हैं नए कानून, सुनिए

MP में पर्याप्त जागरुकता और ट्रेनिंग की वजह से मिल रहे हैं सकारात्मक परिणाम

नए कानून लागू हाेने के बाद इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन का उपयोग भी नागरिकों द्वारा किया जा रहा है. दो दिन में ही ई-एफआईआर की संख्या में वृद्धि हुई है. 

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भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) के प्रति नागरिकों के लिए मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं.

प्रदेश के सभी जिलों में नवाचार कर लोगों को उनके अधिकारों और कानूनों के बारे में बताया जा रहा है. न्यायधीशों, पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों, अधिवक्ताओं, स्वयंसेवी संस्थाओं और जन भागीदारी से समाज के प्रत्येक नागरिक को जागरूक किया जा रहा है.

महिलाओं और बच्चों को विशेष रूप से उनके लिए बनाए गए कानूनों के बारे में बताया जा रहा है. स्कूलों और कॉलेजों में सेमिनार आयोजित कर विद्यार्थियों को नए कानून समझाए जा रहे हैं. इसके अलावा जन सभा, पैदल मार्च, रोड शो के माध्यम से भी जनजागृति की जा रही है.

तीन कानूनों के सफल क्रियान्वयन के लिए MP पुलिस पहले से थी तैयार

भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के सफल क्रियान्वयन के लिए पहले से मध्य प्रदेश में तैयारी थी. इसके लिए मध्यप्रदेश पुलिस छह महीनों से लगातार प्रयास कर रही थी. आरक्षक से लेकर आला अधिकारियों तक सभी को नए कानूनों के क्रियान्वयन के लिए प्रशिक्षित किया गया. तीनों कानूनों के बारे में 302 मास्टर्स ट्रेनर्स द्वारा 60 हजार से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया. इनमें 31 हजार से अधिक विवेचना अधिकारी शामिल हैं. विशेष रूप से नए कानूनों में तकनीक के महत्व को बढ़ाया गया है. इस दृष्टिकोण से प्रदेश के सभी थानों में सीसीटीएनएस (Crime and Criminal Tracking Network & System) का संचालन करने वाले कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया है.

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