MP News: मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे सिंगरौली के इस गांव के 400 से ज्यादा परिवार, अफसर नहीं ले रहे सुध

NDTV Special Report: कहानी मध्य प्रदेश के करीब 400 बैगा आदिवासी समुदाय के उस गांव की है जो आज भी विकास की मुख्य धारा में आने के लिए जद्दोजहद कर रहें है. पढ़िए NDTV की ये ग्राउंड रिपोर्ट...

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

NDTV Special Ground Report: मध्यप्रदेश का सिंगरौली जिला यूं तो पावर हब, कोयले की खान और खनिज संपदाओं की बाहुल्यता के लिए जाना जाता है. इस ऊर्जाधानी शहर से प्रदेश सरकार को इंदौर के बाद दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा राजस्व मिलता है. लेकिन विडम्बना ये है कि ऊर्जाधानी सिंगरौली जिले के कई गांव आज भी अंधेरे में हैं. आजादी के कई दशक गुजर जाने के बाद भी यहां के लोग मूलभूत सुविधाओं को मोहताज हैं.  NDTV की टीम ऐसे ही एक गांव उतानी पाठ में पहुंची यहां बैगा आदिवासियों ने अपना दर्द बताया.

पानी के लिए 400 किमी का सफर 

इस गांव में करीब 400 बैगा आदिवासी रहते हैं. ये गांव नादों ग्राम पंचायत का आश्रित गांव है. लेकिन आज भी इस विकास की मुख्यधारा में आने की जद्दोज़हद कर रहा है. इस गांव में रहने वाले रहवासियों के सामने सबसे बड़ी समस्या पानी की है. अब गांव का दुर्भाग्य कहें या फिर शासन प्रशासन की लापरवाही, लोगों को अपनी प्यास बुझाने के लिए 3 से 4 किलोमीटर का सफर तय करके नदी में पानी लाने के लिए जाना पड़ता है, यहां के लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहें है.

Advertisement

बच्चों की पढ़ाई भी भगवान भरोसे 

गांव के सहदेव बैगा ने NDTV को बताया कि पानी लाने के लिए गांव से  3 से 4 किलोमीटर दूर नदी में जाते हैं. गांव में न तो सड़क है न बिजली और न ही यहां पर किसी प्रकार की कोई व्यवस्था. जब कोई बीमार होता है तो खाट पर लेकर जाते हैं. क्योंकि सड़क नहीं होने से यहां कोई भी वाहन नहीं आ पाती है. यहां एक प्राथमिक शाला जरुर है, लेकिन वह भी खंडहर में  तब्दील हो चुका है. मास्टर साहब भी यहां के बच्चों को पढ़ाने के लिए एक महीने में चार से पांच दिन ही आते हैं. 

Advertisement

गांव की बैगा परिवार की सीता कुमारी ने रात के अंधेरे में चूल्हे में खाना बना रही थी. NDTV को सीता ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि गांव में आज तक बिजली नसीब नहीं हुई है. अंधेरे में ही जिंदगी गुजर रही है. किसी भी सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिला है. उनकी बेटी भी रात में टॉर्च की रोशनी में पढ़ाई करती है. 70 साल की सुकवरिया बैगा बताती हैं कि उन्हें सरकारी योजना का लाभ तो आज तक नहीं मिला है. 

Advertisement

ये भी पढ़ें Exclusive Interview : बजट को ख़ास बनाने के लिए क्या करते हैं पीएम मोदी?  इस इंटरव्यू में खोल दिए राज...

ये भी पढ़ें Anti Naxal Operation: ओडिशा-छत्तीसगढ़ बॉर्डर पर पुलिस-नक्सली मुठभेड़, जवान को गले में लगी गोली

Topics mentioned in this article