NDTV Impact: खबर सामने आने के बाद कलेक्टर ने लिया बड़ा एक्शन, गर्भवती महिलाओं के देखभाल के लिए दिए ये आदेश

MP News: एमपी के आदिवासी क्षेत्र में गर्भवती महिलाओं की बदहाल स्थिति पर NDTV के खबर दिखाने के बाद कलेक्टर ने बड़ा एक्शन लिया है. जिले के उपस्वास्थ्य केंद्रों पर एक-एक गर्भवती महिला को चिह्नित करके कलेक्टर ने स्पेशल जांच कराई है.

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Pregnant Women in Ashoknagar: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के अशोकनगर जिले से कुछ दिन पहले आदिवासी गर्भवती महिलाओं (Tribal Pregnant Women) के दो ऐसे मामले सामने आए थे, जिसने आदिवासी महिलाओं और परिवारों की बदहाल स्थिति को उजागर किया था. एक आदिवासी महिला की मौत हो गई थी, तो दूसरी महिला के पांच बच्चों में से चार की मौत हो गई थी और महिला में मात्र डेढ़ ग्राम हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) मिला था. मामले को लेकर NDTV ने प्रमुखता से खबर दिखाई थी. इसके बाद अशोकनगर कलेक्टर ने मामले में बड़ा एक्शन लिया है. कलेक्टर ने जिले के उप स्वास्थ्य केंद्रों पर खास शिविर का आयोजन कराया है. इसकी मदद से गर्भवती महिलाओं का हाल पता लगाकर उनकी बदहाली उजागर होने के बाद उनका खास ध्यान रखे जाने के आदेश दिए गए है.

शिविर में शामिल हो रहे क्षेत्र के लोग

कलेक्टर ने दिया ये आदेश

अशोकनगर कलेक्टर ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए 21 और 22 सितम्बर को पूरे जिले में सभी उप स्वास्थ्य केंद्रों पर मेटरनल कैंप आयोजित कराया है. इसके लिए एक गर्भवती महिला को चिह्नित किया गया है. जिसमें 1250 आदिवासी गर्भवती महिलाएं सामने आईं हैं. जिनका परीक्षण कराया जाएगा और उनकी वर्तमान स्थिति का आकलन किया जाएगा. उसके बाद जो भी महिलाएं स्वास्थ्य की दृष्टि से कमजोर पाईं जाएंगी, उनको स्वास्थ्य विभाग की देखरेख में रखा जाएगा.    

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प्रीति के शरीर में थी भारी हीमोग्लोबिन की कमी 

अशोकनगर जिले के मुंगावली ब्लॉक की रहने वाली 27 साल की महिला प्रीति घर पर प्रसव होने के पांच दिन बाद अपने मासूम बच्चे को लेकर पति के साथ सिविल अस्पताल मुंगावली गंभीर हालत में पहुंची थी. महिला की स्थिति देखकर डॉक्टर ने जब इसका हीमोग्लोबिन चेक कराया, तो लगभग डेढ़ ग्राम हीमोग्लोबिन ही बचा था. उसे प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल अशोकनगर रेफर कर दिया गया था. बता दें कि औसतन महिलाओं के शरीर में 12-15.5 ग्राम प्रति डेसीलीटर हीमोग्लोबिन होना चाहिए. 

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