MP News: सिस्टम दुरुस्त नहीं, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र का काम प्रभावित, एडमिशन-पासपोर्ट के लिए हो रही परेशानी

Gwalior News: जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र के पंजीकरण अधिकारी और नगर निगम के अफसर डॉ उपेंद्र यादव का  कहना है कि सामान्य दिनों में रोज दर्जनों सर्टिफिकेट आसानी से बन जाते थे, लेकिन जब से वेबसाइट को अपग्रेड करने का काम शुरू हुआ है तब से दिन में दो-तीन ही प्रमाण पत्र बन पाते हैं, क्योंकि यह काम मैन्युअली करना पड़ता है. पोर्टल कभी भी बफरिंग करने लगता है और सारी मेहनत बेकार चली जाती है.

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Madhya Pradesh Birth & Death Certificate: ग्वालियर में बेहतर चिकित्सा सुविधाएं होने के कारण बच्चों का जन्म लेना आसान है, लेकिन बच्चे का बर्थ सर्टिफिकेट (Birth Certificate) हासिल कर पाना बड़ा मुश्किल हो रहा है. यहां जन्म हो या या मृत्यु (Death Certificate) या फिर मैरिज सर्टिफिकेट (Marriage Certificate), उन्हें हासिल करने के लिए दफ्तर में लम्बी लंबी कतारें है. लोग महीनों से चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें सर्टिफिकेट ही नहीं मिल पा रहे हैं. सबसे ज्यादाा दिक्कत उन अभिभावकों को आ रही है, जिन्हें इसी सत्र में अपने बच्चों का स्कूल में एडमिशन (School Admission) करवाना है, लेकिन बर्थ सर्टिफिकेट के बिना वे एडमिशन नहीं करवा पा रहे. यही हाल विदेश यात्रा के लिए तैयार नव-विवाहित जोड़ों का है, क्योंकि मैरिज सर्टिफिकेट न बन पाने से न तो उनका पासपोर्ट (Passport) बन पा रहा है और न ही वीजा (VISA) के लिए अप्लाई कर पर रहे हैं. इसी समस्या को NDTV के वरिष्ठ सहयोगी देव श्रीमाली ने खास ग्राउंड रिपोर्ट की है. देखिए क्या कुछ है इसमें... 

एक महीने चक्कर लगाने के बाद आज मिली खुशी

ग्वालियर के रहने वाले पीयूष दीक्षित आज खुश हैं, क्योंकि लगातार एक महीने चक्कर लगाने के बाद आज उनके बेटे का बर्थ सर्टिफिकेट बनकर उन्हें मिल गया है. वे कहते हैं कि बीता एक महीना वे न तो धंधा कर सके न कोई जॉब क्योंकि रोज यहां चक्कर लगाना पड़ता था. यही हाल मुन्नालाल का है जो अपने बेटे की शादी का प्रमाणपत्र बनवाने के लिए भीषण गर्मी और उमस में एक माह से नगर निगम (Gwalior Nagar Nigam) के जन्म और मृत्यु पंजीकरण दफ़्तर में चक्कर काट रहे हैं. यह सिर्फ कुछ लोगों की समस्या नहीं है, बल्कि हजारों लोग जन्म-मृत्यु और  सैकड़ों  नव दंपति अपना मैरिज सर्टिफिकेट बनवाने के लिए यहां बार-बार चक्कर लगा रहे हैं. ये लोग जब भी नगर निगम के ऑफिस पहुंचते है तो उन्हें हर बार यही जवाब मिलता है कि वेबसाइट पर काम चल रहा है इसलिए अभी नहीं बन पाएगा.

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ग्वालियर में अभी 600 से ज्यादा आवेदकों का आवेदन पेंडिंग में है. इसी तरह से इंदौर, जबलपुर, सागर के अलावा कई जिलों में इतनी ही संख्या में आवेदन अटके पड़े हैं. 

फाइलों का लग रहा है अंबार, ग्वलियर ही नहीं पूरा MP परेशान 

बाल भवन में स्थित इसके दफ्तर में आवेदनों की फाइलों का अंबार है और परेशान लोगों की लंबी कतारें है. जब एनडीटीवी ने इन आवेदकों की परेशानी देख, इस अव्यवस्था की वजह जानना चाही तो अफसरों का जवाब मिला कि ये परेशानी केवल ग्वालियर में नहीं बल्कि मध्य प्रदेश के इंदौर (Indore), जबलपुर (Jabalpur) जैसे कई बड़े जिलों में देखने को मिल रही है. बल्कि कई राज्य हैं जहां सॉफ्टवेयर के कारण ऑनलाइन सर्टिफिकेट जारी नहीं हो पर रहे हैं.

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जन्म-मृत्यु और मैरिज सर्टिफिकेट सांख्यिकी विभाग के द्वारा बनाए जाते हैं, लेकिन इनके लिए आवेदन और इसे देने का जिम्मा नगर निगम है. जिस वेबसाइट पर डाटा अपलोड होकर सर्टिफिकेट बनाया जाता है, उस पर अपग्रेडेशन का काम चल रहा है.

अधिकारियों का क्या कहना है?

जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र के पंजीकरण अधिकारी और नगर निगम के अफसर डॉ उपेंद्र यादव का  कहना है कि सामान्य दिनों में रोज दर्जनों सर्टिफिकेट आसानी से बन जाते थे, लेकिन जब से वेबसाइट को अपग्रेड करने का काम शुरू हुआ है तब से दिन में दो-तीन ही प्रमाण पत्र बन पाते हैं, क्योंकि यह काम मैन्युअली करना पड़ता है. पोर्टल कभी भी बफरिंग करने लगता है और सारी मेहनत बेकार चली जाती है.

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आवेदकों का क्या कहना है?

परेशान नागरिकों और आवेदकों का कहना है कि जब वेबसाइट को अपग्रेड करना था तो प्रमाण पत्र जारी करने के वैकल्पिक इंतजाम करने चाहिए थे. किसी के बच्चे का एडमिशन नहीं हो पा रहा, तो कोई पेंशन के लिए परेशान हो रहा है. कोई मैरिज सर्टिफिकेट न बन पाने से विदेश नहीं जा पा रहा. तो किसी के डेथ सर्टिफिकेट के कारण सक्सेसन और बैंक का काम अधूरा पड़ा है. 1 जुलाई से पहले ज्यादातर जिलों में बच्चों के स्कूल खुल जाते हैं, ऐसे में जन्म प्रमाण पत्र और आधार कार्ड न बनने से पालकों के लिए मुश्किल खड़ी हो गई है.

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