25 साल से जल रही है CM शिवराज के नाम की ज्योति... जानिए विदिशा के इस खास मंदिर की कहानी 

Navratri 2023: दुर्गा मंदिर (Durga Mandir) बसने के बाद इस इलाके को लोग दुर्गा नगर (Durga Nagar) नाम से जानने लगे. शरीफ़ जागीरदार (Sharif Jagirdar) ने मंदिर के लिए जगह दान दी थी. इतना ही नहीं मुस्लिम जागीरदार ने मंदिर बनाने के दौरान कुछ चांदी के सिक्के भी भेंट किए थे. मंदिर के पास हाजी वली दरगाह (Hajiwali Dargah) भी है जो आज अनेकता में एकता की मिसाल को बयां करती हैं. 

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25 साल से जल रही है CM शिवराज के नाम की ज्योति

Vidisha: मध्‍य प्रदेश (Madhya Pradesh) के व‍िद‍िशा ज़िले (Vidisha) में दुर्गा मां का (Durga Maa Temple) बेहद प्रसिद्ध मंदिर स्थित है. इस मंदिर का नाम 'अखंड ज्योत मंदिर' (Akhand Jyot Mandir) है. खास बात यह कि प्राचीन ज्वालादेवी मंदिर (Jwaladevi Temple) में अखंड ज्योति जलती है. इस मंदिर में भक्त अखंड ज्योति जलवाने आते हैं. साल 1957 में महंत पंडित दयाल चतुर्वेदी (Mahant Pandit Dayal Chaturvedi) ने मंदिर में ज्वाला देवी की प्रतिमा की स्थापना की थी. इसके बाद लगातार यहां अखंड ज्योति जल रही है. यह मंदिर आम लोगों के अलावा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) के साथ कई राजनेताओं की बड़ी आस्था का केंद्र हैं. इस मंदिर में मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम की 365 दिन ज्योत जलती हैं.

इस मंदिर से CM शिवराज की भी जुड़ी है आस्था 

इस प्रसिद्ध मंदिर में CM शिवराज सिंह चौहान के नाम से घी की ज्योत जलवाई गई है. मंदिर में यह ज्योति पिछले 25 सालों से प्रज्वलित है. नवरात्रि में भी उनके माध्यम से ज्योति जलाकर मां ज्वाला देवी से मध्य प्रदेश में एक बार फिर सरकार बनाने की प्रार्थना की गई है...इसके अलावा कई बड़ी-बड़ी हस्तियों के नाम से भी मंदिर में ज्योत जलाई जाती है. यही नहीं, कई विदेशियों को भी इस मंदिर में अपने नाम की ज्योत जलाने पर अटूट आस्था है. 

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दुर्गा नगर के ज्वाला देवी मंदिर में 50 सालों से जल रही अखंड ज्योत

गंगा-जमुना तहजीब की मिसाल है दुर्गा मंदिर 

दुर्गा मंदिर बसने के बाद इस इलाके को लोग दुर्गा नगर नाम से जानने लगे. नवरात्रि के मौके पर यहां बड़ी तादाद में भक्तों का तांता लगा रहता है. सन् 1957 से पहले दुर्गा नगर को लोग हाजी वली तलाब के नाम से जानते थे. सन् 1957 में पंडित प्रभुदयाल चतुर्वेदी ने यहां के मुस्लिम जागीरदार शरीफ खान से मंदिर के लिए जगह मांगी थी. शरीफ़ जागीरदार ने मंदिर के लिए जगह दान दी थी. इतना ही नहीं मुस्लिम जागीरदार ने मंदिर बनाने के दौरान कुछ चांदी के सिक्के भी भेंट किए थे. आज दुर्गा मंदिर ने एक विशाल रूप ले लिया है. मंदिर के पास हाजी वली दरगाह भी है जो आज अनेकता में एकता की मिसाल को बयां करती हैं. 

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मंदिर के पुजारी ने की गौमाता के सेवा की अपील 

दुर्गा मंदिर के पुजारी रामेश्वर दयाल चतुर्वेदी ने हमसे बात की. उन्होंने बताया कि 50 सालों से यह मंदिर सिद्ध स्थान है. यहां पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन-पूजा के लिए आते हैं और अपनी ज्योत जलाते हैं. नवरात्रि के अवसर पर 1000 से ज्यादा तेल और घी की जोत प्रज्वलित की गई है. वहीं, उन्होंने अपील करते हुए कहा है कि अक्सर गाय बाहर सड़क पर पड़े अनर्गल सामान को खाते हुए नज़र आती है. ऐसे में अच्छा है कि अपनी इच्छानुसार हर घर से एक रोटी निकाल कर दी जाए. 

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