ये साक्षरता नहीं 'निरक्षरता' मिशन है! श्योपुर में शिक्षक-छात्रों ने मिलकर 'पास' कर दिया 'अनपढ़ों' को

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के श्योपुर में निरक्षरों को साक्षर बनाने के लिए नवभारत साक्षरता परीक्षा मिशन के तहत रविवार को परीक्षा आयोजित हुई थी, ताकि निरक्षर लोगों को साक्षर बनाया जा सके. लेकिन यहां शिक्षा विभाग के जिम्मेदारों ने साक्षरता मिशन का मजाक बना दिया और परीक्षार्थियों की जगह सरकारी मास्टर खुद परीक्षा की कॉपियां भर दी.

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Navbharat Literacy Campaign: श्योपुर में शिक्षा विभाग के जिम्मेदारों ने साक्षरता मिशन का मजाक बना दिया है. यहां सरकारी स्कूलों में निरक्षरों को साक्षर बनाने के लिए परीक्षा आयोजित हुई, लेकिन इस परीक्षा में कई लोग शामिल नहीं हुए. इतना ही नहीं जो परीक्षार्थी इस परीक्षा में शामिल भी नहीं हुए उनके नाम की भी कॉपियां भरी हुई मिली. इसके अलावा कई जगहों पर पत्नी की जगह पति साक्षर बनने की परीक्षा दे दी. 

साक्षरता मिशन परीक्षा में फर्जीवाड़ा

सरकार देश में निरक्षरता को कम करने के लिए लोगों में शिक्षा की अलख जागाने के लिए कई कारगर कदम उठा रही है, ताकि देश में निरक्षरता के ग्राफ को कम किया जा सके. तो वहीं दूसरी ओर सिस्टम में बैठे जिम्मेदार अधिकारी कागजों पर निरक्षरता के आंकड़े को कम करते हुए सरकार की मंशा को पूरा करने में जुटे हैं. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि श्योपुर जिले में नवभारत साक्षरता परीक्षा मिशन के तहत निरक्षरों को साक्षर बनाने के लिए योजना चल रही है. इसके तहत रविवार को परीक्षा का आयोजन किया गया, लेकिन इन परीक्षाओं में बड़ा फर्जीवाड़ा देखने को मिला.

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दरअसल, नवभारत साक्षरता परीक्षा मिशन के तहत आयोजित परीक्षा में शहर से लेकर गांव-देहात के उन लोगों को शामिल होना था, जिन्हें साक्षर बनते हुए अपनी निरक्षरता को खत्म करना था, लेकिन इस परीक्षा में अजब गजब खेल दिखा.

कहीं सरकारी शिक्षक... तो कहीं पति ने दी साक्षर बनने की परीक्षा

यहां ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में जो लोग परीक्षा केन्द्रों पर साक्षर बनने की परीक्षा देने भी नहीं पहुंचे, उनके नाम की उत्तर पुस्तिकाएं भरी हुई मिली. जिन लोगों की परीक्षा दूसरे ने दी उनका साफ तौर पर कहना था कि वो परीक्षा देने स्कूल ही नहीं पहुंचे तो परीक्षा कैसी? एक युवक ने अपनी निरक्षर पत्नी को साक्षर बनाने के लिए परीक्षा दे दी, जिसका खुलासा खुद पत्नी ने ही किया.

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निरक्षरता का ग्राफ कम करने का ये फर्जीवाड़ा यहीं नहीं रुका. सरकारी मास्टर ने भी परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा देने बैठे लोगों की कॉपी खुद और स्कूली बच्चों से भरवा दी, ताकि श्योपुर जिले में निरक्षरता का ग्राफ कम हो जाए.

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