"सरकारों के हाथों में नहीं होनी चाहिए मंदिरों की व्यवस्था..." शंकराचार्य सदानंद सरस्वती ने दिया बयान 

MP News: नरसिंहपुर में प्रवचन के दौरान शंकराचार्य सदानंद सरस्वती ने कहा कि  सरकारों के हाथों में मंदिरों की व्यवस्था नहीं होनी चाहिए... 

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Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर में द्वारिका पीठ के शंकराचार्य सदानंद सरस्वती ने प्रवचन के दौरान एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि मंदिरों की व्यवस्था सरकारों के पास नहीं होना चाहिए. धार्मिक लोग,ट्रस्टी, सनातन धर्मावलंबियों और धर्माचार्यों के पास  व्यवस्था होनी चाहिए. 

दरअसल करेली के राम मंदिर में शंकराचार्य प्रवचन कर रहे थे. यहां की व्यवस्था प्रशासन के हाथों में है. इस दौरान उन्होंने कहा कि शासकीय हस्तक्षेप की सीमा होती है. पूजा पाठ,शास्त्रीय व्यवस्था और उत्सवों में शासन का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए. मंदिर और धर्म स्थानों की रक्षा तब होगी जब हिन्दू,धर्म का पालन करेंगे. उन्होंने कहा कि बहुत से लोग सनातन हिन्दू धर्म को कमजोर करने के लिए हमारे धर्म को भ्रष्ट करने का प्रयास कर रहे हैं,ये पाखंडी हैं. हमारा देश ,सरकार और सेना मजबूत है तो षड्यंत्र करके उसे कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है.

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गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा दिया जाना चाहिए

कार्यक्रम में मौजूद अग्नि अखाड़ा के पीठाधीश्वर स्वामी रामकृष्णानंद महाराज ने गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा न दिए जाने पर सरकार की मंशा पर  प्रश्नचिन्ह लगाया.उन्होंने कहा कि देश का दुर्भाग्य है कि हिंदुओं की हित की बात करने वाली सरकार गौ को राष्ट्रमाता घोषित नहीं कर पा रही है.जब धर्माचार्य इस बात को उठाते हैं तो उन्हें राजनैतिक दल के तुम में देखा जाने लगता है,इसके लिए मतदाताओं को एक होना पड़ेगा. उन्होंने ये भी कहा कि राजनैतिक दलों ने खुद के धर्माचार्य बनाकर संतों के बीच में खींचातानी कराने का काम किया है.

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