कलेक्टर का आदेश नहीं मानना पड़ा महंगा, सतना के इस स्कूल पर हुई बड़ी कार्रवाई

MP School News: मध्य प्रदेश के सतना में नन्ही दुनिया स्कूल पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. यह जुर्माना कलेक्टर के आदेश का उल्लंघन करने के लिए लगाया गया है. स्कूल प्रबंधन पर आरोप है कि उन्होंने शुल्क वृद्धि, एनसीईआरटी से अतिरिक्त निजी प्रकाशकों की किताबों की बिक्री और एक ही स्थान से ड्रेस और अन्य स्टेशनरी खरीदने का दबाव बनाया.

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Satna News: मध्य प्रदेश के सतना में कलेक्टर के आदेश का उल्लंघन करना नन्ही दुनिया स्कूल के संचालक को महंगा पड़ गया. निरीक्षण के दौरान पाई गई विसंगतियों के संबंध में जारी नोटिस का सही जवाब नहीं देने पर जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा स्कूल पर दो लाख रुपये का जुर्माना ठोक दिया गया. साथ ही सात दिन के अंदर यह राशि जमा करने का आदेश दिया गया है. 

जानकारी के अनुसार, स्कूल के विरूद्ध तीन बिंदुओं की कमी पाई गई. विद्यालय प्रबंधन पर आरोप है कि उनके द्वारा शुल्क वृद्धि, एनसीईआरटी से अतिरिक्त निजी प्रकाशकों की किताबों की बिक्री तथा एक ही स्थान से ड्रेस और अन्य स्टेशनरी खरीदने का दबाव बनाए जाने की पुष्टि हुई थी. 

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उल्लेखनीय है कि कलेक्टर को कुछ अभिभावकों ने शिकायत की थी. इसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी टीपी सिंह के द्वारा विद्यालय का निरीक्षण कर तीन बिंदुओं में आरोपों की जांच की गई. जांच में आरोप प्रमाणित पाए जाने के बाद विद्यालय संचालक को नोटिस जारी किया गया. 

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क्या थी गड़बड़ी? 

नन्ही दुनिया स्कूल प्रबंधन द्वारा सत्र 2024-25 एवं नवीन सत्र 2025-26 का पत्रक प्रस्तुत किया गया. जांच में पाया गया कि बिना सक्षम समिति के अनुमोदन के ही कक्षा नर्सरी से कक्षा 4 तक में 20 प्रतिशत शुल्क वृद्धि की गई. कक्षा 5 में लगभग 15 प्रतिशत 7 एवं 8 में 20 प्रतिशत तक वृद्धि की गई है. जबकि समिति से अनुमोदन के बाद ही किसी प्रकार की वृद्धि की जा सकती थी.  

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वहीं डीईओ के निरीक्षण के दौरान संस्था में उपस्थित स्टॉफ द्वारा यह बताया गया कि स्कूल ड्रेस एवं पुस्तकें माही साइबर एवं स्टेशनरी नामक प्रतिष्ठान राजेन्द्र नगर से प्राप्त करने के लिए अभिभावकों को कहा जाता है. बुक सेलर का कार्क भी संस्था में काफी मात्रा में पाया गया. जिसकी एक प्रति निरीक्षण में जप्त भी की गई. इससे यह स्पष्ट है कि संस्था के द्वारा बच्चों एवं उनके अभिभावकों को निश्चित प्रतिष्ठान से स्कूल ड्रेस, पुस्तकें, स्टेश्नरी सामग्री लिये जाने हेतु दबाव बनाया जाता है. यह कृत्य अधिनियम एवं कलेक्टर सतना के निर्देश का स्पष्ट उल्लंघन है.

इसके अलावा नन्ही दुनिया इंटरनेशन स्कूल द्वारा एनसीईआरटी के अतिरिक्त निजी प्रकाशकों की पुस्तकें नर्सरी कक्षा के अलावा अन्य कक्षाओं में भी चलाई जा रही है जो कि अधिनियम की धारा 6 की कंडिका (घ) के विपरीत है.

नए सत्र में फिर शुरू हुआ खेल

निजी स्कूलों पर नकेल कसने के लिए जिला कलेक्टर के द्वारा आदेश जारी किया गया है. इसके बाद भी तमाम स्कूलों के संचालकों के द्वारा योजनाबद्ध तरीके से बच्चों के अभिभावकों पर आर्थिक बोझ डाला जा रहा है. स्कूल संचालकों के विरूद्ध जिला प्रशासन कुछ मामलों में एक्शन ले रहा है, लेकिन यहां हर स्कूल की सघन जांच होने के बाद ही पुस्तक-ड्रेस माफियाओं पर नकेल कसा जा सकता है.

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