
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh Assembly Elections 2023) राज्य में विंध्य प्रदेश क्षेत्र के सतना जिले में नागौद विधानसभा क्षेत्र है, जो अनारक्षित है. पिछले विधानसभा चुनाव, यानी वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में यहां कुल मिलाकर 215036 मतदाता थे, जिन्होंने बीजेपी के प्रत्याशी नागेंद्र सिंह को 54637 वोट देकर जिताया था. उधर, कांग्रेस उम्मीदवार यादवेंद्र सिंह को 53403 वोट हासिल हो सके थे, और वह 1234 वोटों से हार गए थे.
इसी तरह वर्ष 2013 में नागौद विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी यादवेंद्र सिंह को जीत हासिल हुई थी, और उन्होंने 55879 वोट हासिल किए थे. इस चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार गगनेंद्र प्रताप सिंह को 45815 वोट मिल सके थे, और वह 10064 वोटों के अंतर से दूसरे स्थान पर रहे थे.
इससे पहले, नागौद विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2008 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी पार्टी के प्रत्याशी नागेंद्र सिंह ने कुल 36249 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी, और कांग्रेस उम्मीदवार यादवेंद्र सिंह दूसरे स्थान पर रहे थे, जिन्हें 29267 मतदाताओं का समर्थन हासिल हो सका था, और वह 6982 वोटों के अंतर से विधानसभा चुनाव हार गए थे.
गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव, यानी विधानसभा चुनाव 2018 में मध्य प्रदेश में 114 सीटें जीतकर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनी थी, जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खाते में 109 सीटें आई थीं. बाद में कांग्रेस ने 121 विधायकों के समर्थन का पत्र राज्यपाल के सामने पेश किया और कमलनाथ ने बतौर मुख्यमंत्री शपथ ली. लेकिन डेढ़ साल में ही राज्य में नया राजनीतिक तूफ़ान खड़ा हो गया, जब ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थक 22 विधायकों के साथ BJP में शामिल हो गए. इससे BJP के पास बहुमत हो गया और शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर मुख्यमंत्री बन गए. हालांकि इसके बाद राज्य में 28 सीटों पर उपचुनाव हुए और BJP 19 सीट जीतकर मैजिक नंबर के पार जा पहुंची. फिलहाल शिवराज सिंह 18 साल की अपनी सरकार की एन्टी-इन्कम्बेन्सी की लहर के बावजूद अगला कार्यकाल हासिल करने की उम्मीद कर रहे हैं, और BJP ने अपने सारे दिग्गजों को मैदान में उतार दिया है. दूसरी तरफ, कांग्रेस एन्टी-इन्कम्बेन्सी की लहर पर सवार होकर सत्ता पाने का सपना संजोए हुए है. पार्टी को लगता है कि उसके लिए इस बार संभावनाएं पहले से अच्छी हैं. अब कामयाबी किसे मिलती है, यह तो चुनाव परिणाम ही तय करेंगे.