Nag Panchami 2025: रात 12 बजे खुले श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट, श्रद्धालु 24 घंटे कर सकेंगे दर्शन

Ujjain Shri Nagchandreshwar Temple: नागपंचमी के मौके पर नागचन्द्रेश्वर के दर्शन के लिए देशभर से आए श्रद्धालु रात 7 बजे से ही कतार में लग गए थे. वहीं रात 12 बजे नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट खोले गए और पूजा अर्चना की गई. इसके बाद श्रद्धालुओं के लिए दर्शन का सिलसिला शुरू हुआ.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

Nag Panchami 2025: मध्य प्रदेश के उज्जैन में विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर (Ujjain Shri Nagchandreshwar Temple) के पट रात 12 बजे खुल गए. नाग पंचमी के मौके पर पट खुलते ही पहले यहां विराजित शिव परिवार की परंपरानुसार पूजा की गई. इसके बाद दर्शनों का सिलसिला शूरू हुआ जो 24 घंटे तक चलेगा.

रात12 बजे खुला नागचंद्रेश्वर मंदिर का पट

12 ज्योतिर्लिंग में से एक बाबा महाकाल मंदिर के तीसरे खंड पर स्थित नागचंद्रेश्वर का मंदिर नाग पंचमी की पूर्व रात्रि 12 बजे खुला. परंपरानुसार, सबसे पहले पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरी जी ने मंदिर में शेषनाग की साए में विराजित शिव प्रतिमा की दूध से अभिषेक कर त्रिकाल पूजा की. इस दौरान कलेक्टर रोशन सिंह, एसपी प्रदीप शर्मा सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद थे.

Ujjain Shri Nagchandreshwar Temple: पट खुलने के बाद नागचन्द्रेश्वर भगवान की विधिवत पूजा अर्चना की गई.

नागपंचमी पर नागचन्द्रेश्वर के दर्शन के विशेष महत्व को देखते हुए देश भर से आए श्रद्धालु रात 7 बजे से ही कतार में लग गए थे और 12.30 बजे से दर्शन शुरू हो गए. मुख्य रूप से मंत्री कैलाश विजयवर्गी, क्रिकेटर उमेश यादव, सहित कई ख्यात हस्तियां भी देर रात नाग चंदेश्वर भगवान के दर्शन करने के लिए पहुंचे.

सिर्फ नागपंचमी पर 24 घंटे के लिए खुलते हैं पट

महंत विनीत गिरी ने बताया कि नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट साल में सिर्फ एक बार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को खुलने की परंपरा प्राचीनकाल से है. अब पट बुधवार रात 12 बजे तक खुले रहेंगे. नागपंचमी पर नागचंद्रेश्वर मंदिर के दर्शन का विशेष महत्व माना जाता है. वहीं क्षेत्रीय परंपरा के अनुसार,आज घरों में तवा नहीं चढ़ता है, इसलिए मालवा क्षेत्र में दाल, बाटी, चूरमा बनता है. जिसका भगवान को भोग लगाया जाता है.

Advertisement

Ujjain Shri Nagchandreshwar Temple के पट खोलते पुजारी. 

9 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना

कलेक्टर रोशन सिंह ने बताया कि नागचंदेश्वर भगवान के दर्शन सिर्फ साल भर में एक बार होने के कारण देशभर से बड़ी संख्या में दर्शनार्थी आते हैं. रात सवा एक बजे तक करीब 50 हजार लोगों ने दर्शन कर लिए. संभावना है कि 24 घंटे में 8 से 9 लाख श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचेंगे. श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. सुरक्षा के लिए 700 सीसीटीवी कैमरे लगाने के साथ 2000 पुलिसकर्मियों को भी तैनात किया गया है.

Ujjain Shri Nagchandreshwar Temple: नागचंदेश्वर भगवान के दर्शन के लिए भारी संख्या में उमड़ी भीड़.

यह है नागचंद्रेश्वर मंदिर का इतिहास

महाकालेश्वर मंदिर में गर्भ गृह में स्वयंभू बाबा महाकाल विराजित हैं. दूसरे खंड में ओंकारेश्वर और तीसरे खंड में नागचन्द्रेश्वर मंदिर है. माना जाता है कि इसका निर्माण 1050 ईसवीं में परमार राजा भोज ने कराया था. इसमें नागचंद्रेश्वर की दुर्लभ प्रतिमा 11वीं शताब्दी में नेपाल से लाकर स्थापित की थी.

Advertisement

शेषनाग पर आसन है शिव पार्वती

मंदिर में फन फैलाए नाग आसन पर शिव जी पार्वती के साथ बैठे हैं. उनके गले और भुजाओं में नाग लिपटे हैं. माना जाता है कि संभवतः दुनिया में ये एक मात्र प्रतिमा है, जिसमें शिव जी नाग आसन पर विराजित हैं. यहां गणेश जी,सप्तमुखी नागदेव और दोनों के वाहन नंदी, सिंह भी है. महाकाल मंदिर का जीर्णोद्धार 1732 में महाराज राणोजी सिंधिया ने किया था.

ये भी पढ़े: July and August Month History: जुलाई और अगस्त में 31 दिन क्यों होते हैं? जानें इसका इतिहास

Advertisement


 

Topics mentioned in this article