Barwani: कीचड़ भरी सड़क से निकलने को मजबूर ग्रामीण, शासन-प्रशासन की उपेक्षा के बाद किया ये ऐलान

MP News: बड़वानी जिले के ग्राम पंचायत सेमलदा डेब में आज भी सड़क नहीं बन पाई है. यहां के लोग कीचड़ भरी सड़क से निकलने को मजबूर हैं. शासन-प्रशासन की उपेक्षा से परेशान ग्रामीणों ने अब चुनाव बहिष्कार का ऐलान किया है.

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No Development in Villages: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्रामीण इलाकों (Rural Areas) में आज भी पक्की सड़कें नहीं बन पाई हैं. इसका जीता जागता उदाहरण बड़वानी जिले (Barwani) का सेमलदा डेब गांव है. आजादी के 75 साल बीत जाने के बावजूद इस गांव में सड़क नहीं बन पाई है. जिसके चलते यहां के लोगों को बारिश के समय भारी समस्या का सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों की सबसे बड़ी समस्या यह है कि गांव से आने-जाने के लिए यही एकमात्र रास्ता है, मजबूरन ग्रामीणों के कीचड़ से भरी सड़क (Muddy Road) से होकर गुजरना पड़ रहा है.

यह कहानी है बड़वानी जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत सेमलदा डेब की. जहां पर मात्र 300 मी की सड़क बनाने के लिए ग्रामीण सालों से मांग कर रहे हैं. शासन-प्रशासन को कई बार आवेदन देने के बाद भी यह सड़क आज तक नहीं बन पाई है. सबसे हैरानी वाली बात यह है कि इस गांव के पास में ही पूर्व जनप्रतिनिधियों के भी गांव जुड़े हुए हैं. इन जनप्रतिनिधियों का भी आना-जाना इस गांव में रहा है. इस सब के बावजूद जनप्रतिनिधियों ने इस गांव की दशा नहीं बदली.

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कीचड़ भरी सड़क पर गिरने से स्कूली बच्चे का बैग गंदा हो गया.

मौके पर पहुंची NDTV की टीम

NDTV की टीम जब सड़क की हकीकत जानने मौके पर पहुंची तो तस्वीरें बेहद चौंकाने वाली थीं. NDTV के कैमरे के सामने स्कूली बच्चे कीचड़ से गुजरते हुए दिखाई दिए. वहीं दूसरी ओर एक आदमी की अंतिम यात्रा निकाली जा रही थी. कंधों पर अर्थी लिए लोग कीचड़ भरी सड़क से निकलते दिखाई दिए.

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कीचड़ में सन जाते हैं स्कूली बच्चों के बैग

इसी सड़क से गांव के बच्चे स्कूल पढ़ने के लिए जाते हैं. आलम ये है कि कई बार ये बच्चे कीचड़ में फिसलकर गिर जाते हैं, जिसके चलते बच्चों का यूनिफॉर्म तो खराब होता ही है, इनका बैग और किताबें भी कीचड़ में सन जाती हैं. बारिश के समय सड़क पर कीचड़ हो जाने से बच्चों को स्कूल आने-जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. बच्चों का कहना है कि हम लोग जब भी स्कूल जाते हैं तो हमारी यूनिफॉर्म कीचड़ से खराब हो जाती है, कभी बस्ते खराब हो जाते हैं. ऐसे में हम लोगों का निकलना भी मुश्किल है.

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कीचड़ वाली सड़क से स्कूल जाते बच्चे.

ग्रामीणों ने चुनाव के बहिष्कार का किया ऐलान

वहीं गांव के लोगों का कहना है कि हमने कई बार बड़े-बड़े जनप्रतिनिधियों को भी इस सड़क की हालत के बारे में अवगत कराया, लेकिन सिर्फ हमें आश्वासन मिला. आश्वासन के अलावा कुछ भी नहीं मिला. ग्रामीणों ने बताया कि वे लगातार नेताओं और प्रशासन को इस सड़क के बारे में बताते रहे, लेकिन गांव की सड़क फिर भी नहीं बन पाई. अब हमने यह निर्णय लिया है कि अगर हमारे गांव की सड़क नहीं बनती है तो चुनाव का बहिष्कार करेंगे. चाहे किसी भी पार्टी का कोई भी नेता क्यों ना आ जाए हम चुनाव का बहिष्कार करेंगे.

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