MP Vidhan Sabha Budget Session Latest Update: मध्यप्रदेश में बजट सत्र के दौरान विधानसभा में कांग्रेस विधायकों ने मंडला नक्सली एनकाउंटर को फर्जी बताया है. कांग्रेस का आरोप है कि पुलिस ने अपना टारगेट पूरा करने के लिए आदिवासी की हत्या की है. इस मामले की रिटायर्ड जज से इसकी जांच कराई जानी चाहिए. ध्यानाकर्षण के दौरान कांग्रेस नेता विक्रांत भूरिया ने कहा नक्सली के नाम पर निर्दोष आदिवासियों के संबंध में मैं आपका ध्यान आकर्षित करना चाहूंगा. पुलिस ने अपना टारगेट पूरा करने के उद्देश्य से आदिवासी की हत्या की है, एक ओर सरकार प्रदेश में नक्सलवाद समाप्त करने का दावा कर रही है. वहीं दूसरी ओर नक्सली के नाम पर निर्दोष आदिवासियों को मौत के घाट उतारने का काम यह सरकार कर रही है.
विक्रांत ने पूरा किस्सा सुनाया
कांग्रेस विधायक ने कहा कि "मंडला जिले के खटिया क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम नंगी लाखेरी टोला निवासी हिरण परते उम्र लगभग 40 वर्ष की खटिया पुलिस के द्वारा फर्जी एनकाउंटर कर निर्मम हत्या कर दी गई. जिसका पोस्टमार्टम दिनांक 13 मार्च को कराया गया. यह व्यक्ति आदिवासी समाज से आता है, अपने पांच बच्चों एवं माता-पिता का भरण पोषण मजदूरी से करता था, उसका नक्सल गतिविधियों में किसी भी तरह से कोई वास्ता नहीं था."
"इस घटना में पहले पुलिस द्वारा दावा किया गया कि मृतक नक्सली है और बाद में यह बताया गया कि नक्सलियों का समर्थक है इस तरह से पुलिस की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ चुकी है. इस तरह से पूरे प्रदेश में आदिवासियों पर अत्याचार लगातार बढ़ते जा रहे हैं. एनसीआरबी रिपोर्ट में मध्य प्रदेश में आदिवासियों पर सबसे ज्यादा अत्याचार हो रहे हैं और मध्य प्रदेश की सरकार आदिवासियों की सुरक्षा करने एवं उनके समुचित विकास करने में विफल रही है. घटना की जांच नहीं कराई जाने एवं दोषियों के विरुद्ध हत्या का प्रकरण पंजीकृत नहीं किए जाने और मृतक के परिजनों को आर्थिक उपलब्ध नहीं कराई जाने समूचे प्रदेश में आदिवासियों में राज्य में उदासीनता है."
सरकार का जवाब
मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने जवाब देते हुए कहा कि "टीम को तीन सशस्त्र नक्सली, एक वर्दी धारी तो दो सादे वस्त्र में दिखाई दिए. फिर राशन उठाकर वापस जाने लगे तो टीम लीडर ने आत्म समर्पण के लिए फायरिंग की, आत्मसमर्पण के लिए इन नक्सलियों एवं उनके अन्य छुपे हुए नक्सली साथियों ने पेड़ों के पीछे से फायरिंग करना शुरू कर दिया. जिसके जवाब में आत्मरक्षक टीम ने संतुलित जवाबी फायरिंग की यह फायरिंग रुक-रुक कर लगभग 2 घंटे चली. संध्या होने पर फिर रुक गई, अगले दिन 10 मार्च 2025 को सुबह सर्चिंग करने पर बॉडी को देखा और सर्चिंग के दौरान एनकाउंटर क्षेत्र में एक 315 बंदूक और अन्य खाली कारतूस विभिन्न स्थलों पर पाए गए. ऑपरेशन और सर्चिंग की कार्रवाई समाप्त होने को होने के उपरांत बॉडी को फ्रीजर में रखा गया और उपलब्ध नक्सली प्रोफाइल से फोटो मैच न होने पर सिनॉप्सिस के लिए आवश्यक कार्रवाई की गई."
इस पर विक्रांत भूरिया ने कहा कि हम आदिवासी हैं नक्सली नहीं है. हम देश के मूल निवासी हैं इस मामले में रिटायर्ड जज से जांच होनी चाहिए. मंत्री नरेंद्र सिंह पटेल ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करूंगा. जिन्होंने प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय के लिए काम किया है.
कांग्रेस का हंगामा और वॉकआउट
कांग्रेस विधायक ने कहा जल जंगल जमीन के लिए लड़ने वाला आदिवासी नक्सली नहीं है, नक्सलवाद को खत्म करना जरुरी है, सिर्फ मजिस्ट्रियल जांच से काम नहीं चलेगा, विधायकों का दल भेजकर जांच कराएं. मंत्री ने कहा मानवाधिकार आयोग के आदेश के अनुसार मजिस्ट्रियल जांच की जा रही है. कैलाश विजयवर्गीय ने इंटेलिजेंस की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में लगातार नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है और मध्य प्रदेश में दाखिल हो रहे हैं नक्सली. कांग्रेस विधायक भंवर सिंह शेखावत ने कहा कि आदिवासी की मौत की बात चल रही है और प्रधानमंत्री की बात लेकर आ गए.
कांग्रेस विधायक नारायण सिंह पट्टा ने कहा कि क्या हमारे लोगों को नक्सली समझकर कहीं पर गोली मार दी जाएगी या फिर एनकाउंटर कर दिया जाएगा? ओंकार सिंह मरकाम ने कहा कि जांच कब तक पूरी हो पाएगी? इस पर अध्यक्ष ने कहा कि यह काफी संवेदनशील मामला है.
नक्सली नहीं पाए जाने पर 1 करोड़ की सहायता और नौकरी
मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने कहा कि जांच आ जाएं, जांच में अगर यह परिवार नसक्ली या नक्सली समर्थक नहीं पाया गया तो एक सदस्य को सरकारी नौकरी और जरूरत पड़ने पर 1 करोड़ की राशि भी दी जायेगी. संसदीय कार्यमंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा मंत्री जी ने सदन में घोषणा कर दी है. इस पर उमंग सिंघार ने पूछा अभी आपने 10 लाख की सहायता राशि नक्सली को दी है या आदिवासी को दी है? इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा संसदीय कार्यमंत्री ने 1 करोड़ की सहायता राशि और नौकरी दी जाएगी. उमंग सिंघार ने कहा कि घटना कैसे हुई? यह जांच का विषय है, बालाघाट में भी ऐसी घटना हुई थी. उसे मामले में सरकार ने उनके परिवार ने किसी को नौकरी दी जाएगी. क्या उन्हें 2 करोड़ रुपए की सहायता राशि दी जाएगी? विधानसभा अध्यक्ष ने कहा यह विषय संवेदनशील है. इसके बाद कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की, फिर कार्यवाही से वॉक आउट कर दिया.
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