
Madhya Pradesh Assembly Masoon Session 2025: मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र तय समय से दो दिन पहले ही बुधवार को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर कर दिया गया. इस दौरान राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी सदन को संबोधित किया.
इस मौके पर सीएम यादव ने जहां सत्र के दौरान होने वाले कामों को गिनाया. वहीं, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार से जनप्रतिनिधियों की सैलरी से लेकर विधायकों की निधि में वृद्धि की मांग की. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 28 जुलाई को शुरू हुआ था और इसे 8 अगस्त 2025 तक चलना था, लेकिन दो दिन पहले 6 अगस्त को इसे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया.
मुख्यमंत्री ने सदन को किया सम्बोधित
सत्र के समापन से पहले मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि विधानसभा में बिताया गया एक-एक दिन सारगर्भित रहा. जिस प्रकार से देश के बाकी विधानसभाओं का दृश्य दिखाई दे रहा है, उसमें मध्य प्रदेश एक अच्छा स्थान लेकर के आगे बढ़ रहा है. लिहाजा, मैं बधाई देना चाह रहा हूं कि आपके माध्यम से जब आपने विक्रमादित्य की बात कही, तो सदन के अंदर विक्रमादित्य के लिए विक्रम विश्वविद्यालय का नामकरण का भी गौरव इसी दरमियान मिला.
किसानों की समस्या को किया स्वीकार
राज्य में किसानों को हो रही परेशानी पर बोलते हुए सीएम यादव ने कहा कि यह बात सही है कि किसानों को बिजली की परेशानी को लेकर के तात्कालिक बातों में पक्ष भी अपनी बात कह सकता है और विपक्ष भी अपनी बात कह सकता है. साथ ही उन्होंने कहा कि इसी सरकार ने इसका स्थाई समाधान भी ढूंढा है.
किसानों की बिजली समस्या खत्म करने का दिया अश्वासन
इसके बाद सीएम यादव ने कहा कि आने वाले समय में 30 लाख बिजली कनेक्शन स्थाई और 2 लाख अस्थाई कनेक्शन हम अगले 3 साल के अंदर सोलर पंप देकर देंगे. इससे हमेशा के लिए किसानों को बिजली के बिल से भी छुट्टी दिलाएंगे और पूरे देश में आदर्श स्थिति भी लाएंगे. उन्होंने कहा कि जब किसान बिजली खुद उत्पन्न करें, अपने खुद के काम में लाए और आने वाले समय में सरकार भी किसानों से बिजली खरीदेगी. हालांकि, हमें यह भी देखना होगा कि 2003 तक की अलग-अलग सरकारों में क्या हुआ है?
नेता प्रतिपक्ष ने जनप्रतिनिधियों की उठाई समस्या
सदन के समापन से पहले संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि विधानसभा की कार्यवाही का लाइव प्रसारण हो. इसके अलावा उन्होंने विधायकों की निधि 2 करोड़ के बढ़ाकर 5 करोड़ करने की मांग की. साथ ही विधायकों की तनख्वाह पर भी विचार करने की सदन से अपील की. वहीं, उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि मंत्री सदन में गलत जवाब देते हैं. लिहाजा, इस पर रोक लगना चाहिए.
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