Good News: महिला सुरक्षा को लेकर MP Police के इस अभियान को मिला राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान

MP Police Campaign: “हम होंगे कामयाब'' के तहत इंदौर एवं उज्जैन रेंज के सात थानों में महिला उर्जा डेस्क के साथ सभी स्टेक होल्डर इस दिशा में समन्वित प्रयास कर रहे हैं. अभी तक 150 पीड़िताओं को चिन्हित कर उनके मानसिक स्वास्थ्य के लिए काउंसलिंग की गई है.

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Madhya Pradesh Police: मध्यप्रदेश की महिला सुरक्षा (Women's Safety) शाखा द्वारा महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों (Crimes Against Women) की रोकथाम, व्यापक जागरूकता तथा पीड़िता के पुनर्वास के लिए किया गया नवाचार, "हम होंगे कामयाब'' अभियान (Hum Honge Kamyaab Campaign) को राष्ट्रीय स्तर (National Level) पर पुरस्कृत (Award) किया गया है. हैदराबाद में तेलंगाना पुलिस, महिला सुरक्षा विंग द्वारा आयोजित नेशनल टेक्निकल कंसल्टेशन समारोह में इस अभियान को अवॉर्ड स्वरूप ट्रॉफी प्रदान की गयी. मध्यप्रदेश पुलिस की ओर से एसएसपी किरणलता केरकट्टा ने यह अवॉर्ड प्राप्त किया. पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना से मंगलवार 10 सितंबर को महिला सुरक्षा शाखा की स्पेशल डीजी प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव, आईजी हिमानी खन्ना, यूएन वूमन के स्टेट प्रतिनिधि, महिला बाल विकास विभाग सहित अन्य सहभागी संस्थान के प्रतिनिधियों ने भेंट कर ट्रॉफी सौंपी. डीजीपी ने इस नवाचार की सराहना करते हुए प्रदेश में महिला सुरक्षा को और भी सुदृढ़ करने के लिए सभी को प्रोत्साहित किया.

''हम होंगे कामयाब'' अभियान क्या है?

मध्यप्रदेश पुलिस महिला सुरक्षा शाखा ने प्रदेश में महिला अपराधों को रोकने, जिसमें मानव तस्करी भी शामिल है, महिला जागरूकता, महिला विकास तथा पीड़िता के पुनर्वास के लिए एक समन्वित प्रयास जिसमें शासन के अन्य विभाग जैसे महिला एवं बाल विकास, ग्रामीण आजीविका मिशन, पर्यटन, श्रम एवं पंचायत विभाग तथा एनजीओ शामिल हैं के माध्यम से 3पी थ्योरी जिसमें प्रिवेंशन, प्रोटेक्शन एवं प्रोसीक्यूशन पर पूरा ध्यान केन्द्रित किया गया. इस उद्देश्य से पुलिस के साथ अन्य कई विभाग इन अपराधों की रोकथाम, नियंत्रण, अभियोजन एवं पुनर्वास के लिए ''हम होंगे कामयाब'' मंच के अंतर्गत एक दिशा में कार्य कर रहे हैं.

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इंदौर एवं उज्जैन रेंज के सात थानों में की गई शुरूआत

“हम होंगे कामयाब'' के तहत इंदौर एवं उज्जैन रेंज के सात थानों में महिला उर्जा डेस्क के साथ सभी स्टेक होल्डर इस दिशा में समन्वित प्रयास कर रहे हैं. अभी तक 150 पीड़िताओं को चिन्हित कर उनके मानसिक स्वास्थ्य के लिए काउंसलिंग की गई है. आवश्यकता होने पर पीड़िता का आजीविका मिशन के स्व-सहायता समूह से जोडने का प्रयास किया जा रहा है ताकि उनका पुनर्वास हो सके. इसी कड़ी को धीरे-धीरे अन्य विभागों से जोड़ने की योजना है.

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