बुरहानपुर के जंगल में मिला बाघ का शव, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा!

Mp News- मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले के जंगल में शुक्रवार को एक बाघ मृत अवस्था में मिला, जिसके बाद वन विभाग की टीम हरकत में आ गई. जानें पोस्टमार्टम रिपोर्ट में क्या पता चला?

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Mp News- मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले के जंगल में शुक्रवार को एक बाघ मृत अवस्था में मिला, जिसके बाद वन विभाग की टीम हरकत में आ गई. सूचना मिलते ही वन मंडल के अधिकारी मौके पर पहुंचे और मृत टाईगर का पोस्टमार्टम कराने के लिए 8 डॉक्टरों का पैनल गठित किया. 

नेपानगर वन परिक्षेत्र के कक्ष क्रमाक 197 में शुक्रवार देर शाम बाघ के शव मिलने की सूचना मिली. बताया गया कि हसनपुरा जंगल के दक्षिण क्षेत्र में यह मृत टाईगर देखा गया है. वन विभाग के मैदान अमले ने इसकी सूचना विभाग के आला अधिकारियों को दी. सूचना मिलते ही वन मंडलाधिकारी (डीएफओ) विजय सिंह की अगुवाई में वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और मृत बाघ का पोस्टमार्टम कराने के लिए आठ डॉक्टरों का पैनल गठित किया. 

टाइगर का हुआ शिकार? 

डीएफओ विजय सिंह ने बताया मृत बाघ की उम्र 7 -8 साल के आसपास है. पोस्टमार्टम के दौरान डॉक्टरो ने पाया कि टाईगर के दांत-मूंछो के बाल, पैरो के नाखून पूरी तरह सुरक्षित हैं. ऐसे में अनुमान है कि टाईगर की मौत शिकार के कारण नहीं बल्कि सामान्य रूप से मौत हुई है. हालांकि इस प्रकार की घटनाएं सामान्य होती हैं, लेकिन वन्यजीव के मामले में यह बात काफी चिंताजनक है. 

चलाया गया सर्च ऑपरेशन

घटना की सूचना के बाद वन विभाग ने एहतियातन विभाग के डॉग स्क्वाड और ड्रोन कैमरों की मदद से सर्चिंग अभियान चलाया, लेकिन किसी प्रकार के शिकार के सबूत नहीं मिले. लिहाजा यह माना जा रहा है कि टाईगर की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई होगी. वन्य जीवो के संरक्षण के प्रति अलर्ट रहते हुए वन विभाग ने टाईगर के शव का सही तरीके से परीक्षण किया है ताकि उचित ऑपिनियन पर पहुंचा जा सके. 

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पहले भी यहां देखे गए हैं बाघ

बुरहानपुर से मेलघाट कॉरिडोर जुड़े होने के कारण इस क्षेत्र में वन्य जीवों का आवागमन सामान्य है. डीएफओ विजय सिंह ने बताया कि पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र की मेलघाट टाइगर सेंचुरी के कारण इस क्षेत्र में बाघ का आवागमन पहले भी देखा गया है. 
इस मामले में वन विभाग ने स्थानीय निवासियों से अपील की है कि वे वन्य जीवों के प्रति जागरूक रहें और उनकी सुरक्षा में योगदान दें. टाइगर की मौत ने वन्यजीव संरक्षण की आवश्यकता को एक बार फिर से उजागर किया है. लिहाजा सभी संबंधित पक्षों को सक्रिय होने की आवश्यकता है. 

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