MP News: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना यानी मनरेगा का नाम (MGNREGA Name Change) बदले जाने के विरोध में मध्य प्रदेश के कई जिलों में कांग्रेस ने एक साथ सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया. खंडवा, विदिशा और सीधी जिला मुख्यालय स्थित गांधी चौक पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने महात्मा गांधी की प्रतिमाओं के सामने धरना, नारेबाजी और कैंडल जलाकर विरोध दर्ज कराया.
सीधी: कांग्रेस का प्रदर्शन
सीधी जिला मुख्यालय पर गांधी चौक में आयोजित प्रदर्शन में कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार श्रमिकों के अधिकारों, संघीय ढांचे और जनकल्याणकारी योजनाओं को खत्म करने की साजिश कर रही है. कांग्रेस नेताओं ने मनरेगा का नाम बदलने को गरीब, मजदूर और ग्रामीण भारत पर सीधा हमला बताया.
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जिला कांग्रेस अध्यक्ष ज्ञान सिंह ने कहा कि मनरेगा का नाम बदलना केवल शब्दों का बदलाव नहीं है, बल्कि महात्मा गांधी के नाम, उनके विचारों और गरीबों के कानूनी अधिकार को मिटाने की सोची-समझी राजनीतिक साजिश है. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार केंद्र की जिम्मेदारी से बचते हुए राज्यों पर आर्थिक बोझ डाल रही है और करोड़ों गरीबों से रोजगार छीनना चाहती है.
विदिशा: केंद्र सरकार और भाजपा के खिलाफ नारेबाजी
विदिशा में जिला कांग्रेस कमेटी की ओर से नीमताल चौराहे पर जिला स्तरीय एक दिवसीय धरना आयोजित किया गया. बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार और भाजपा के खिलाफ नारेबाजी की. जिला कांग्रेस अध्यक्ष मोहित रघुवंशी ने आरोप लगाया कि मनरेगा कांग्रेस सरकार की ऐतिहासिक देन है और इसके नाम व स्वरूप से छेड़छाड़ किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं की जाएगी. उन्होंने सांसद शिवराज सिंह चौहान द्वारा योजना का नाम बदलने की कथित बातों का भी विरोध किया.
खंडवा: कार्यकर्ता महात्मा गांधी की वेशभूषा में नजर आए
खंडवा में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नगर निगम स्थित गांधी प्रतिमा के सामने जोरदार प्रदर्शन किया. इस दौरान राम धुन गाई गई और एक कांग्रेस कार्यकर्ता महात्मा गांधी की वेशभूषा में प्रदर्शन में शामिल हुआ. कांग्रेस नेताओं ने मंत्री कैलाश विजयवर्गी के बयान का हवाला देते हुए कहा कि पहले मनरेगा में 90 प्रतिशत योगदान केंद्र और 10 प्रतिशत राज्य सरकार का होता था, लेकिन अब 60 प्रतिशत केंद्र और 40 प्रतिशत राज्य सरकार पर डाल दिया गया है. कांग्रेस का आरोप है कि केंद्र सरकार ने करीब 16 लाख मजदूरों को योजना से बाहर कर दिया है.
खंडवा शहर कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा रघुवंशी ने कहा कि मनरेगा गरीबों के हाथ को काम देने की गारंटी थी और यह सुनिश्चित करता था कि देश में कोई भूखा न सोए. उन्होंने आरोप लगाया कि नए विकसित भारत आजीविका रोजगार गारंटी कानून में 100 दिन की रोजगार गारंटी समाप्त कर दी गई है, जो मजदूरों के अधिकारों पर सीधा हमला है.
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