MP News: गेहूं उपार्जन केंद्र को लेकर महिला स्व सहायता समूह के सदस्य ने लगाए ऐसे आरोप कि मच गया हड़कंप

Corruption News: आरोप लगाया गया है कि मैहर जिले के प्रभारी खाद्य अधिकारी जेएसओ केएस भदौरिया की बदौलत ये भ्रष्टाचार हो रहा है. शकुन्तला महिला स्व सहायता समूह अध्यक्ष और इनके बीच नजदीकी रिश्ता है. जेएसओ समूह संचालकों के फूफा हैं. ऐसे में राष्ट्रीय आजीविका मिशन (National Rural Livelihood Mission) के अधिकारियों के द्वारा भी इस मामले में कोई आपत्ति नहीं की जा रही है.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के नए जिले मैहर (Maihar) में महिला स्व सहायता समूहों (Women Self Help Group) के द्वारा समर्थन मूल्य (MSP) पर धान (Paddy Procurement) और गेहूं उपार्जित (Wheat Procurement) किए जाने में मनमानी का खेल चल रहा है. गेहूं उपार्जन सत्र 2024-25 में अव्यवस्था और मनमानी का आलम यह है कि जो समूह फर्जी रिकार्ड (Fake Record) पर संचालित हो रहे हैं, उन्हें भी उपार्जन केन्द्रों का जिम्मा सौंपने की तैयारी चल रही है. इस बात की पोल महिला स्व सहायता समूह के सदस्य ही खोल रहे हैं. मैहर कलेक्टर (Maihar Collector) के पास दो समूहों के फर्जीवाड़े की शिकायत पहुंची है. पहली शिकायत ग्राम पंचायत करौंदी की है जबकि दूसरी शिकायत बिगौड़ी की है. करौंदी में एक अपात्र महिला को अध्यक्ष बनाने का आरोप है, तो वहीं बिगौड़ी को लेकर कहा गया है कि अध्यक्ष और सचिव ने धान उपार्जन के लाभांश का वितरण तक नहीं किया है.

MP News: मैहर कलेक्टर को दिया गया शिकायती आवेदन

MP News: मैहर कलेक्टर को दिया गया शिकायती आवेदन

क्या है मामला?

प्राप्त जानकारी के अनुसार करौंदी ग्राम में गेहूं खरीद केंद्र बनाए जाने को लेकर ग्रामीणों ने कलेक्टर मैहर को शिकायती पत्र सौंप कर समूह की जांच कराए जाने की मांग की है. ग्रामीणों ने कलेक्टर को लिखे पत्र में कहा है कि स्व-सहायता समूह करौंदी का संचालन सीमा सिंह पति देवेंद्र सिंह द्वारा किया जाता है. शकुन्तला स्व-सहायता समूह को गेहूं खरीदी केंद्र के लिए प्रस्ताव दिया गया है. जिसकी जानकारी सदस्यों की नहीं दी गई है. फर्जी दस्तावेज (Fake Documents) के सहारे गेहूं खरीदी केंद्र संचालित की कोशिश की जा रही है.

Advertisement
समूह की न तो कोई बैठक होती न ही अन्य सदस्यों को शकुन्तला स्वसहायता केंद्र से कोई लाभ मिलता. शकुन्तला समूह की अध्यक्ष वर्तमान में करौंदी की सरपंच हैं. इनके पति आयकर दाता हैं, साथ ही अध्यक्ष के पास लगभग 40 एकड़ जमीन है. शकुन्तला स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष सामान्य वर्ग से आतीं है. लेकिन जाति को छिपाकर ओबीसी एनआरएलएम की सूची में फर्जी रूप से दर्ज कराया गया है.

समूह के अधिकतम सदस्य उनके घर परिवार से आते हैं. अगर इन्हें इसके बाद भी गेंहू खरीदी केंद्र दिया जाता है तो हम गरीब सदस्य इनके भ्रष्ट्राचार की भेंट चढ़ सकते हैं. इनके द्वारा अगर खरीदी लेन-देन में भ्रष्टाचार किया गया तो हम सभी गरीब सदस्य पिस जाएंगे.

Advertisement

कैसे हुआ खेल?

आरोप लगाया गया है कि मैहर जिले के प्रभारी खाद्य अधिकारी जेएसओ केएस भदौरिया की बदौलत ये भ्रष्टाचार हो रहा है. शकुन्तला महिला स्व सहायता समूह अध्यक्ष और इनके बीच नजदीकी रिश्ता है. जेएसओ समूह संचालकों के फूफा हैं. ऐसे में राष्ट्रीय आजीविका मिशन (National Rural Livelihood Mission) के अधिकारियों के द्वारा भी इस मामले में कोई आपत्ति नहीं की जा रही है.

Advertisement

पचास लाख का लाभांश अध्यक्ष-कोषाध्यक्ष ने डकारा

एक अन्य शिकायत में महिला समूह प्रियंका स्व सहायता बिगौड़ी के खिलाफ भी सदस्यों ने मोर्चा खोला है. शिकायत में लिखा है कि पंजीयन क्रमांक एमपी 67953 से संचालित समूह द्वारा पिछले वर्षों में मध्यान्न भोजन वितरण का कार्य किया जा रहा था. वर्ष 2021-22 से उपार्जन का कार्य समूह की अध्यक्ष एवं कोषाध्यक्ष द्वारा किया जा रहा है. जिसमें से उपरोक्त कार्योंं से लगभग 50 लाख रुपये का लाभांश प्राप्त हुआ. समूह की अध्यक्ष उषा पटेल एवं कोषाध्यक्ष अनुराधा पटेल द्वारा संयुक्त हस्ताक्षर से राशि निकाल कर अपने स्वयं के कार्य में खर्च करती हैं, जबकि समूह के लाभांश का वितरण सभी सदस्यों के बीच किया जाना चाहिये. जिससे समूह के सदस्यों का आर्थिक उत्थान हो सके. लेकिन अध्यक्ष एवं कोषाध्यक्ष द्वारा मनमानी तौर पर समूह के अन्य सदस्यों को दर किनार कर भ्रष्टाचार किया जा रहा है. सदस्यों ने आरोप लगाया है कि उनके फर्जी हस्ताक्षर कर प्रस्ताव तैयार किया गया है.

यह भी पढ़ें : 

** खास खबर: ग्वालियर के चाय वाले आनंद 28वीं बार ठोकेंगे चुनावी ताल, रोचक है चुनाव में उतरने की कहानी

** जलियांवाला बाग नरसंहार: PM मोदी से लेकर CM मोहन ने कैसे दी शहीदों को श्रद्धांजलि, देखिए वीडियो

** Surguja Lok Sabha से कांग्रेस प्रत्याशी ने कहा-चंदा मांगकर लडूंगी चुनाव, यहां अहम हैं गोंड वोटर