रायसेन शराब फैक्ट्री पर CM के निर्देश के बाद बड़ी कार्रवाई, 4 अधिकारी सस्पेंड, आयोग अध्यक्ष ने थाने में जमाया था डेरा

Raisen News: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग अध्यक्ष ने मीडिया को बताया सोम डिस्टलरी शराब फैक्ट्री से 60 बच्चे रेस्क्यू किए गए थे. जिसके बारें में जिला प्रशासन को अवगत कराया गया था. उसी समय यहां के पुलिस अधिकारियों को आवेदन दिया गया था. जिसमें लिखा था बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाए, एसडीएम के समक्ष बयान कराए जाएं. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं किया गया.

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Raisen News: शनिवार की दोपहर को रायसेन में एनसीपीसीआर ने सोम शराब बनाने वाली कंपनी पर कार्रवाई की थी

Madhya Pradesh: CM डॉक्टर मोहन यादव (Mohan Yadav) के संज्ञान लेने के बाद फैक्ट्ररी में बालश्रम के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है. रात में प्रभारी जिला अधिकारी कन्हैयालाल अतुलकर और 3 आबकारी उप निरीक्षक प्रीति शैलेंद्र उइके, सेफली वर्मा और मुकेश कुमार को निलंबित किया था. वहीं रविवार को प्रशासन ने एक और बड़ा एक्शन लेते हुए श्रम निरीक्षक मंडीदीप रामकुमार श्रीवास्तव को निलंबित कर दिया गया है. निलंबन की कार्रवाई कर श्रमायुक्त ने आदेश जारी किया गया. उन पर घोर लापरवाही बरतने की वजह से ये कार्रवाई की गई है. जिले में जगह-जगह बच्चे कार्य कर रहे हैं लेकिन आज तक एक भी कार्रवाई इन्होंने नहीं की.

शनिवार की दोपहर हुई थी कार्रवाई

शनिवार की दोपहर को रायसेन में एनसीपीसीआर ने सोम शराब बनाने वाली कंपनी पर कार्रवाई की थी. जिसमें शराब बनाते हुए 60 नाबालिग बच्चे मिले थे. तत्काल कार्रवाई करते हुए आयोग के अध्यक्ष भोपाल चले गए थे. जब शाम तक पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया और बच्चे गायब होने की जानकारी लगी तो वह उमरावगंज थाने पहुंचे और जब तक कार्रवाई करवाने के लिए वहीं बैठे रहे. आयोग अध्यक्ष ने जिला प्रशासन पर कार्रवाई नहीं करने और फैक्ट्री एवं मौजूदा प्रशासन पर बच्चे को भगाने के गंभीर आरोप लगाए हैं. 39 नाबालिग़ बच्चों को गायब करने के आरोप लगाए जा रहें है. वही अध्यक्ष का कहना है कि जिला प्रशासन इस बड़े माफिया की चापलूसी कर रहा है इसलिए कार्रवाई नहीं की जा रही है.

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60 बच्चे किए गए थे रेस्क्यू

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग अध्यक्ष ने मीडिया को बताया सोम डिस्टलरी शराब फैक्ट्री से 60 बच्चे रेस्क्यू किए गए थे. जिसके बारें में जिला प्रशासन को अवगत कराया गया था. उसी समय यहां के पुलिस अधिकारियों को आवेदन दिया गया था. जिसमें लिखा था बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाए, एसडीएम के समक्ष बयान कराए जाएं. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं किया गया.

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उन्होंने कहा मैं वापस थाने आया हूं FIR कराने के लिए. एक FIR  उन पर भी दर्ज करानी होगी जिन लोगों ने मिली भगत से मासूम बच्चों को वहां से भगा दिया. अगर बच्चों को वापस से रेस्क्यू नहीं किया गया बच्चों की उम्र का वेरिफिकेशन नहीं किया गया FIR समय पर दर्ज नहीं की गई. मेरे यहां आने के बाद भी मुझे मजबूरन यहां रुकना पड़ेगा. इसलिए टेंट की व्यवस्था के लिए बोला गया है. स्कूल की बसों में बच्चों को बाल श्रम करने के लिए भरकर लाया जाता था अभी-अभी लोकल किसी व्यक्ति से जानकारी मिली है कि फैक्ट्री से लगा हुआ एक आश्रम है उसआश्रम में भी बच्चों को रखा जाता है. 

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पुलिस अधिकारी ने इस मामले में ये कहा

रायसेन शराब फैक्ट्री में काम करने वाले बाल मजदूर जिनमें लड़के लड़कियां शामिल हैं के घर नहीं पहुंचने पर परिजन फैक्टरी पहुंचे और यहां पर उन्होंने हंगामा किया. जिसके बाद प्रियंक कानूनगो थाने में कार्रवाई के लिए पहुंचे. संभाग के अधिकारियों को जानकारी लगते ही फैक्ट्री पहुंचे पर परिजनों को समझाइश दी कार्यवाही  के बाद बच्चों को शोपा जाएगा 

बच्चे गायब होने के आरोप अध्यक्ष द्वारा लगाए जाने के बाद एडिशनल एसपी कमलेश कुमार ने बताया बच्चे यहां थे. सीडब्ल्यूसी लेबर अधिकारी स्टेटमेंट लेने वाली कार्रवाई कर रहे थे. उनके द्वारा सारी कार्रवाई की गई है. आगे की FIR वाली कार्रवाई भी चल रही है.

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