Extreme Heat in Jabalpur: जबलपुर में इन दिनों 40 से 42 डिग्री सेल्सियस तापमान चल रहा है. गर्मी के भारी प्रकोप से सभी का जीवन अस्त व्यस्त है. इस गर्मी में गंभीर रूप से बीमार लोगों को स्वास्थ्य लाभ के लिए आईसीयू में रखा जाता है, लेकिन जबलपुर (Jabalpur) के जिला अस्पताल सेठ गोविंद दास चिकित्सालय (विक्टोरिया) (District Hospital Jabalpur) में मरीज परेशान हैं. यहां आईसीयू जैसे संवेदनशील वार्ड में भर्ती मरीजों को दो हफ्ते से भीषण गर्मी का सामना करना पड़ रहा है. इस वार्ड में लगे सभी एयर कंडीशन बंद (AC Stopped) हैं. मरीज और उनके परिजन बेहाल हैं, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने आईसीयू वार्ड में पंखे तक की व्यवस्था नहीं कराया है.
टेबल फैन और हाथ पंखों से हो रहा गुजारा
जिला अस्पताल के ICU में जो भी मरीज भर्ती हो रहे हैं, उनको इस भीषण गर्मी में भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. यहां परिजन खुद ही हाथ पंखों का इस्तेमाल कर गर्मी से लड़ रहे हैं. कुछ परिजनों ने वार्ड में निजी तौर पर टेबल फैन का भी प्रबंध किया है. बहुत से मरीज आसपास की दुकानों से मिलने वाले टेबल फैन और छोटे-छोटे पंखे खरीद लाए हैं. बता दें कि जब मरीज अस्पताल में भर्ती होता है तब भर्ती होने के बाद उसकी देखभाल का सारा प्रबंध अस्पताल प्रबंधन को ही कराना होता है, लेकिन अब तक अस्पताल प्रबंधन ने गर्मी से राहत के लिए कोई भी कदम नहीं उठाया.
ICU में नहीं आती है हवा
आपको बता दें कि किसी भी अस्पताल के आईसीयू को इस तरह से डिजाइन किया जाता है कि उसमें बाहरी जर्म्स ना आ सके और मरीज बेहतर तरीके से जल्दी स्वस्थ हो सके. इसीलिए आईसीयू को पूरी तरह से पैक रखा जाता है. आईसीयू को ठंडा रखने के लिए AC होना अनिवार्य है ताकि मरीज जल्दी स्वस्थ हो सके.
मरीजों की हो रही है हालत गंभीर
अस्पताल प्रबंधन की अनियमित सेवाओं से मरीज बहुत ज्यादा परेशान होते हुए दिख रहे हैं. मरीज वैसे तो अपना उपचार कराने के लिए अस्पताल में भर्ती हुए थे, लेकिन अब इस भीषण गर्मी के बीच उन्हें और भी ज्यादा मानसिक और शारीरिक समस्याओं से भी जूझना पड़ रहा है. यहां पर मरीजों के साथ-साथ उनके परिजन भी बहुत ज्यादा परेशान हो रहे हैं और गर्मी का सामना कर रहे हैं.
आचार संहिता के नाम पर प्रबंधन में झाड़ा पल्ला
एनडीटीवी ने अस्पताल के प्रभारी अधिकारी डॉक्टर मनीष मिश्रा से जब इस मामले को लेकर बात की तो डॉ मनीष मिश्रा ने कहा कि सेवाओं को दुरुस्त करने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन अभी आचार संहिता के कारण सुविधाएं बहाल नहीं हो पा रही हैं. डॉ मनीष मिश्रा ने बताया कि ने बताया कि आईसीयू में लगे एसी खराब हो गए हैं. ये एसी एनएचएम (नेशनल हेल्थ मिशन) के द्वारा लगवाए गए थे. लंबे समय से चलने के कारण ये खराब हो गए हैं. खराब हुए एसी को जल्दी सुधरवाने का प्रयास किया जा रहा है. आचार संहिता लागू होने के कारण अभी नए एसी नहीं खरीदे जा सकते हैं, जैसे ही आचार संहिता खत्म होगी सभी आईसीयू वार्डों में एसी लगाए जाएंगे.
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