MP News: लोकतंत्र में नागरिक टैक्स इसलिए देते हैं ताकि उन्हें सड़क, बिजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं समय पर मिल सकें. लेकिन जब व्यवस्था वर्षों तक आंखें मूंदे रहे, तो जनता को खुद आगे आना पड़ता है. ऐसा ही उदाहरण मध्य प्रदेश के गुना शहर की गोविंद गार्डन कॉलोनी में सामने आया है.
नगर पालिका और जनप्रतिनिधियों की लगातार अनदेखी से परेशान कॉलोनीवासियों ने आपस में चंदा जुटाकर सड़क निर्माण का कार्य शुरू कर दिया. करीब एक हजार की आबादी वाली इस कॉलोनी के लोग वर्षों तक नगर पालिका, प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के दफ्तरों के चक्कर लगाते रहे. हर बार सिर्फ आश्वासन मिले, लेकिन ज़मीनी स्तर पर कोई काम नहीं हुआ.
हर चुनाव में वादा, चुनाव बाद सन्नाटा
स्थानीय निवासी युधिष्ठिर रघुवंशी ने बताया कि सांसद, विधायक, मंत्री, नगर पालिका और कलेक्टर कार्यालय तक कई बार आवेदन दिए गए. हर चुनाव में सड़क निर्माण का वादा किया गया, लेकिन चुनाव बीतते ही सभी वादे भुला दिए गए. बारिश के मौसम में हालात इतने खराब हो जाते थे कि लोगों को अपने खर्च पर मुरम डलवानी पड़ती थी.
रहवासियों की मेहनत की कमाई से बन रही सड़क
पप्पू रघुवंशी ने बताया कि जब शासन और नगर पालिका से कोई मदद नहीं मिली, तो कॉलोनी के लोगों ने मिलकर खुद सड़क बनाने का फैसला लिया. किसी ने 30 हजार तो किसी ने 50 हजार रुपये तक का सहयोग किया. यह सड़क पूरी तरह से रहवासियों की मेहनत की कमाई से बन रही है. इसमें किसी भी जनप्रतिनिधि या सरकारी विभाग का कोई योगदान नहीं है.
गिरते लोग, फंसते वाहन, फिर भी नहीं सुनी गई बात
स्थानीय निवासी सौरव जैन ने बताया कि सड़क की हालत इतनी खराब थी कि आए दिन लोग गिरकर घायल हो जाते थे और बारिश में ट्रैक्टर तक फंस जाते थे. रहवासियों ने नगर पालिका को जन-भागीदारी के तहत सड़क निर्माण का प्रस्ताव भी दिया था, लेकिन उस पर भी कोई सुनवाई नहीं हुई.
हालांकि कॉलोनी की आंतरिक गलियों में सीसी सड़क का निर्माण शुरू हो गया है, लेकिन मुख्य मार्ग की स्थिति अब भी बदहाल बनी हुई है. रहवासियों का कहना है कि यदि नगर पालिका में थोड़ी भी जिम्मेदारी बची है, तो कम से कम मुख्य सड़क का निर्माण तो सरकारी बजट से कराया जाना चाहिए.
गुना जिला कलेक्टर का बयान
इस मामले में गुना कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल ने कहा कि कॉलोनीवासी उनसे मिलने आए थे. उन्हें सलाह दी गई है कि जिस कॉलोनाइजर से उन्होंने मकान या प्लॉट खरीदे थे, उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराएं और उसकी एक प्रति प्रशासन को दें.
कलेक्टर के अनुसार, यदि प्राइवेट बिल्डर ने कॉलोनी विकसित की है, तो सड़क और मूलभूत सुविधाओं की जिम्मेदारी उसी की होती है. अगर बिल्डर फरार है, तो शिकायत के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.