CM के निर्देश के बावजूद आबकारी आयुक्त ने सोम ग्रुप को दिया तीन दिन का समय, बाल श्रम मामले में 4 अधिकारी हो चुके हैं सस्पेंड

Child Labor Rescue in Raisen:दरअसल शनिवार की दोपहर को रायसेन में एनसीपीसीआर ने सोम शराब बनाने वाली कंपनी पर कार्रवाई की थी. जिसमें शराब बनाते हुए 60 नाबालिग बच्चे मिले थे.

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Madhya Pradesh: CM यादव के निर्देश के बावजूद आबकारी विभाग की मनमानी तो देखिए. आबकारी आयुक्त ने सोम ग्रुप को तीन दिन का समय दिया है. आयुक्त ने सोम ग्रुप को कारण बताओं नोटिस जारी करते हुए 3 दिन में जवाब मांगा है. सोम ग्रुप को नियमों का पालन नहीं करने के मामले में आबकारी आयुक्त अभिजीत अग्रवाल ने नोटिस देकर तीन दिन में जवाब मांगा है. साथ ही ये कहा गया है कि अगर तीन दिन के अंदर जवाब नहीं दिया गया तो फैक्टरी को सील कर दिया जाएगा.

एनसीपीसीआर ने सोम शराब बनाने वाली कंपनी पर की थी कार्रवाई

दरअसल शनिवार की दोपहर को रायसेन में एनसीपीसीआर ने सोम शराब बनाने वाली कंपनी पर कार्रवाई की थी. जिसमें शराब बनाते हुए 60 नाबालिग बच्चे मिले थे. तत्काल कार्रवाई करते हुए आयोग के अध्यक्ष भोपाल चले गए थे. जब शाम तक पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया और बच्चे गायब होने की जानकारी लगी तो वह उमरावगंज थाने पहुंचे और जब तक कार्रवाई करवाने के लिए वहीं बैठे रहे. आयोग अध्यक्ष ने जिला प्रशासन पर कार्रवाई नहीं करने और फैक्ट्री एवं मौजूदा प्रशासन पर बच्चे को भगाने के गंभीर आरोप लगाए थे.

60 बच्चो को किया गया था रेस्क्यू

उन्होंने 39 नाबालिग़ बच्चों को गायब करने के आरोप लगाए थे. तब अध्यक्ष ने कहा था कि जिला प्रशासन इस बड़े माफिया की चापलूसी कर रहा है इसलिए कार्रवाई नहीं की जा रही है. इसके बाद इस मामले में सीएम यादव ने कई निर्देश जारी किए थे. प्रदेश के सीएम के सीधे हस्तक्षेप के बाद आबकारी विभाग का केवल नोटिस जारी करना, उसमें भी तीन दिन का समय देना किसी के गले नहीं उतर रहा है. सोम डिस्टलरी शराब फैक्ट्री से 60 बच्चे रेस्क्यू किए गए थे.

सीएम के निर्देश के बाद हुई थी कड़ी कार्रवाई

तब CM डॉक्टर मोहन यादव (Mohan Yadav) के संज्ञान लेने के बाद फैक्ट्ररी में बालश्रम के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई थी. रात में प्रभारी जिला अधिकारी कन्हैयालाल अतुलकर और 3 आबकारी उप निरीक्षक प्रीति शैलेंद्र उइके, सेफली वर्मा और मुकेश कुमार को निलंबित कर दिया गया था. वहीं रविवार को प्रशासन ने एक और बड़ा एक्शन लेते हुए श्रम निरीक्षक मंडीदीप रामकुमार श्रीवास्तव को निलंबित कर दिया गया था. 

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