सावधान! मसाले की जगह कहीं आप 'कचरा' तो नहीं खा रहे हैं? इस फैक्ट्री में मिला 300 KG लकड़ी का बुरादा

Madhya Pradesh Latest News : मिलावट को लेकर एक्सपर्ट डॉक्टर अजय पाल सिंह का कहना है कि मसालों में कलर का उपयोग बेहद खतरनाक है. इससे पेट की तमाम बीमारियों के साथ कैंसर तक हो सकता है, सबसे ज्यादा खतरा छोटे बच्चों के लिए है. वहीं इससे युवतियों व महिलाओं में बांझपन तक की समस्या हो सकती है.

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Raid on Poor Quality Spice Factory : अगर आप मसाले खरीदने जा रहे हैं तो जरा सावधान रहिए क्योंकि ग्वालियर की एक मसाला फैक्ट्री (Spice Factory) में जो समान और मसाले मिले हैं उनको देखकर आप चौंक पड़ेंगे. अगर आप अपनी रसोई के लिए किसी दुकान से पिसे हुए मसाले खरीदने जा रहे हैं तो ध्यान से पड़ताल कीजिए क्योंकि हो सकता है कि उस धनिया पाउडर के पैकेट में लकड़ी का रंगा हुआ बुरादा हो. वहीं किसी अन्य मसाले में चावल का आटा मिला हो सकता है. ये सब इसलिए बताया जा रहा है क्योंकि जब ग्वालियर में खाद्य सुरक्षा (Food Security) की संभागीय टीम ने मसाला तैयार करके बेचने वाली एक फैक्ट्री पर अचानक छापा मारा तो वहां पर कई खुलासे हुए.

MP News : मसाले में मिलावट करने वाली फैक्ट्री में छापा

कहां का है मामला?

संभागीय खाद्य सुरक्षा की टीम ने अचानक दाल बाजार में किसमिस गली में एक तलघर (Basement) में संचालित होने वाली महामाया मसाला पिसाई केंद्र नामक एक मसाला फैक्ट्री पर छापा मारा तो टीम के लोग वहां का नजारा देखकर चौंक पड़े. वहां रखे लकड़ी के बुरादे को देखकर सब समझ गए कि यहां सब कुछ मिलावटी है. यहां पर थोड़ी-बहुत नहीं बल्कि 300 किलोग्राम बुरादा मिला. इसके साथ ही तमाम तरह के कलर, मिलावटी समान और तेल भी मिले.

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संभागीय टीम प्रभारी लोकेंद्र सिंह का कहना है कि इस पिसाई केंद्र के संचालक यहां मसाले तैयार कर दुकानों पर सप्लाई करते हैं. हालांकि वे अपना ज्यादा माल ग्रामीण इलाकों में ही खपाते हैं. सिंह के अनुसार जांच टीम को उनके यहां पिसे और खड़े मसालों के अलावा 300 किलो लकड़ी का बुरादा, 12 किलो चावल का आटा, 900 ग्राम लाल, 1 किलो नारंगी, 960 ग्राम पीला, 300 ग्राम हरा रंग और 6 लीटर तेल भी मिला. यह सभी सामग्री मसालों में मिलाने के लिए रखी हुई थी.

MP News : फैक्ट्री में मिला लकड़ी का बुरादा

फैक्ट्री को किया गया सील 

जांच दल ने पहले वहां मिली धनिया पावडर (Coriander Powder) के 2, मिर्च और हल्दी के अलावा रंगों और लकड़ी के टुकड़ों के भी सैम्पल लिए. हालांकि संचालक का कहना था कि वह तो ऑर्डर पर मसालों की पिसाई करता है. वहीं सैम्पल लेने के बाद फैक्ट्री को सील कर दिया गया है.

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बच्चों को होता है सबसे ज्यादा नुकसान : एक्सपर्ट 

फैक्ट्री संचालक का कहना है कि रंग मसालों में ही मिलाया जाता है. वह रोज 500 बोरी मसालों की पिसाई ऑन डिमांड करता है. वहीं इस मिलावट को लेकर एक्सपर्ट डॉक्टर अजय पाल सिंह का कहना है कि मसालों में कलर का उपयोग बेहद खतरनाक है. इससे पेट की तमाम बीमारियों के साथ कैंसर तक हो सकता है, सबसे ज्यादा खतरा छोटे बच्चों के लिए है. वहीं इससे युवतियों व महिलाओं में बांझपन तक की समस्या हो सकती है.

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