Raid on Poor Quality Spice Factory : अगर आप मसाले खरीदने जा रहे हैं तो जरा सावधान रहिए क्योंकि ग्वालियर की एक मसाला फैक्ट्री (Spice Factory) में जो समान और मसाले मिले हैं उनको देखकर आप चौंक पड़ेंगे. अगर आप अपनी रसोई के लिए किसी दुकान से पिसे हुए मसाले खरीदने जा रहे हैं तो ध्यान से पड़ताल कीजिए क्योंकि हो सकता है कि उस धनिया पाउडर के पैकेट में लकड़ी का रंगा हुआ बुरादा हो. वहीं किसी अन्य मसाले में चावल का आटा मिला हो सकता है. ये सब इसलिए बताया जा रहा है क्योंकि जब ग्वालियर में खाद्य सुरक्षा (Food Security) की संभागीय टीम ने मसाला तैयार करके बेचने वाली एक फैक्ट्री पर अचानक छापा मारा तो वहां पर कई खुलासे हुए.
कहां का है मामला?
संभागीय खाद्य सुरक्षा की टीम ने अचानक दाल बाजार में किसमिस गली में एक तलघर (Basement) में संचालित होने वाली महामाया मसाला पिसाई केंद्र नामक एक मसाला फैक्ट्री पर छापा मारा तो टीम के लोग वहां का नजारा देखकर चौंक पड़े. वहां रखे लकड़ी के बुरादे को देखकर सब समझ गए कि यहां सब कुछ मिलावटी है. यहां पर थोड़ी-बहुत नहीं बल्कि 300 किलोग्राम बुरादा मिला. इसके साथ ही तमाम तरह के कलर, मिलावटी समान और तेल भी मिले.
फैक्ट्री को किया गया सील
जांच दल ने पहले वहां मिली धनिया पावडर (Coriander Powder) के 2, मिर्च और हल्दी के अलावा रंगों और लकड़ी के टुकड़ों के भी सैम्पल लिए. हालांकि संचालक का कहना था कि वह तो ऑर्डर पर मसालों की पिसाई करता है. वहीं सैम्पल लेने के बाद फैक्ट्री को सील कर दिया गया है.
बच्चों को होता है सबसे ज्यादा नुकसान : एक्सपर्ट
फैक्ट्री संचालक का कहना है कि रंग मसालों में ही मिलाया जाता है. वह रोज 500 बोरी मसालों की पिसाई ऑन डिमांड करता है. वहीं इस मिलावट को लेकर एक्सपर्ट डॉक्टर अजय पाल सिंह का कहना है कि मसालों में कलर का उपयोग बेहद खतरनाक है. इससे पेट की तमाम बीमारियों के साथ कैंसर तक हो सकता है, सबसे ज्यादा खतरा छोटे बच्चों के लिए है. वहीं इससे युवतियों व महिलाओं में बांझपन तक की समस्या हो सकती है.
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