एमपी के उच्च शिक्षा मंत्री ने मांगी माफी, राजा राममोहन राय पर दिया था विवादित बयान; TMC ने BJP पर साधा निशाना

मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने राजा राम मोहन राय को लेकर दिए गए अपने विवादित बयान पर माफी मांग ली है. उन्होंने एक वीडियो जारी कर कहा कि वह अपने बयान को लेकर दुखी हैं और माफी मांगते हैं.

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Madhya Pradesh Hindi News: मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने राजा राममोहन राय को लेकर दिए विवादित बयान पर माफी मांगी है. उन्होंने कहा कि वह अपने बयान को लेकर दुखी हैं और माफी मांगते हैं. बता दें कि मंत्री इंदर सिंह के बयान से मध्य प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई थी, जिससे कांग्रेस हमलावर हो गई थी. उधर टीएमसी ने भी मंत्री के बयान पर भाजपा (BJP) पर निशाना साधा है.

वीडियो जारी कर मांगी माफी

उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने वीडियो जारी किया है, जिसमें उन्होंने कहा, "भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर मैं आगर के सार्वजनिक कार्यक्रम में मौजूद था, जहां उनके जीवन की चर्चा करते हुए अंग्रेजों के षड्यंत्र पर बात कर रहा था. उस समय गलती से समाज सुधारक राजा राममोहन राय के बारे में मेरे मुंह से कुछ गलत निकल गया, जिसके लिए दुख है. इसका मैं प्रायश्चित करता हूं. राजा राममोहन राय का व्यक्तिगत रूप से मैं सम्मान करता हूं."

टीएमसी ने भाजपा पर साधा निशाना

इंदर सिंह परमार के बयान पर तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने भी भाजपा पर निशाना साधा है. टीएमसी भाजपा पर बंगाल के गौरव का अपमान करने का आरोप लगाया है. पश्चिम बंगाल की मंत्री शशि पांजा ने कहा कि महान समाज सुधारक राजा राममोहन राय ने सती प्रथा को समाप्त किया था, जिन्हें अब भाजपा नेता "ब्रिटिश एजेंट" और "नकली सुधारक" कह रहे हैं. नेता का यह बयान दर्शाता है कि भाजपा कितना नीचे गिर गई है. बंगाल के मंत्री ने निशाना साधते हुए आगे कहा, "जब आप जब आप बंगाल की बुद्धि की बराबरी नहीं कर सकते तो आप बंगाल का अपमान करने लगे. हम राजा राममोहन राय की पूजा करते हैं."

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इंदर सिंह परमार ने क्या कहा था...

इंदर सिंह परमार आगर मालवा में 15 नवंबर को हुए Birsa Munda Jayanti कार्यक्रम में बोल रहे थे. उन्होंने दावा किया कि पश्चिम बंगाल में अंग्रेजी शिक्षा के माध्यम से लोगों की आस्था बदलने का औपनिवेशिक अभियान चल रहा था. परमार ने कहा, "अंग्रेजों ने देश के कई लोगों को समाज सुधारक बनाकर पेश किया, जिनमें राजा राममोहन राय भी शामिल थे. वह "अंग्रेजों के दलाल (British Agent)" के रूप में कार्यरत रहे. धर्मांतरण की जो प्रक्रिया उन्होंने बढ़ाई, उसे बिरसा मुंडा ने रोकने का कार्य किया और समाज को बचाया."

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