MP News: सड़क पर आ चुके नर्सिंग के छात्रों के लिए हाईकोर्ट से आई बड़ी खुशखबरी, अब इन कॉलेजों में शिफ्ट किए जाएंगे छात्र

MP Nursing Scam Case: उच्च न्यायालय की जस्टिस संजय द्विवेदी और जस्टिस अचल कुमार पालीवाल की स्पेशल बेंच में हुई. सुनवाई  के दौरान हाईकोर्ट ने सत्र 2021-22 और सत्र 2022-23 के नर्सिंग पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत उन छात्र-छात्राओं को एनरोलमेंट जारी कर परीक्षा में शामिल करने के निर्देश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी को दिए, जिन छात्रों के कॉलेज सी.बी.आई.

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MP Nursing College Scam: नियम कायदों की धज्जियां उड़ाकर फर्जी नर्सिंग कॉलेज चलाने वाले प्रबंधकों के झांसे के शिकार हुए छात्रों से के लिए सोमवार को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (MP High Court) से बड़ी खुशखबरी आई.  दरअसल, हाईकोर्ट ने अपने नए आदेश में अनसूटेबल कॉलेजों के छात्र-छात्राओं को सूटेबल कॉलेजों (Nursing Colleges) में शिफ्ट करने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि इन छात्रों का एनरोलमेंट जारी कर परीक्षा में सम्मिलित किया जाए.

नर्सिंग फर्जीवाड़े मामले में सोमवार को लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन एडवोकेट विशाल बघेल की जनहित याचिका के साथ सभी अन्य नर्सिंग से जुड़े मामलों की सुनवाई उच्च न्यायालय की जस्टिस संजय द्विवेदी और जस्टिस अचल कुमार पालीवाल की स्पेशल बेंच में हुई. सुनवाई  के दौरान हाईकोर्ट ने सत्र 2021-22 और सत्र 2022-23 के नर्सिंग पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत उन छात्र-छात्राओं को एनरोलमेंट जारी कर परीक्षा में शामिल करने के निर्देश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी को दिए, जिन छात्रों के कॉलेज सी.बी.आई. जांच में अनसूटेबल पाए गए थे. कोर्ट ने कहा है कि इन छात्रों के एनरोलमेंट के लिए पोर्टल बनाया जाए  और एनरोलमेंट जारी कर सभी प्रभावित छात्र-छात्राओं को परीक्षा में सम्मिलित किया जाए. 

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MP Nursing Scam
Photo Credit: NDTV

पहले कोर्ट ने दिया था ये आदेश

आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में बड़े पैमाने पर चल रहे अमानक नर्सिंग कॉलेजों (Nursing Colleges) के खिलाफ सुनवाई के बाद हाईकोर्ट (MP High Court) ने अपना हथौड़ा चलाया था. कोर्ट ने पहले नर्सिंग घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपी थी. बाद में सीबीआई (CBI) की रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट ने राज्यभर के 65 नर्सिंग कॉलेजों को अयोग्य करार देने के साथ ही उन पर बैन लगा दिया था. कोर्ट के इस फैसले के बाद सैकड़ों स्टूडेंट्स के भविष्य अधर में लटक गया था. हालांकि, हाईकोर्ट ने सीबीआई की रिपोर्ट के आधार पर राज्य के 308 नर्सिंग कॉलेजों में से 169 नर्सिंग कॉलेजों को क्लीन चिट भी दिया था. यानी इन नर्सिंग कॉलेजों के आगे संचालन और उनके छात्रों की परीक्षा के द्वार भी खोल दिए थे. इसके साथ ही राज्य की मध्य प्रदेश हाईकोर्ट  ने 74 नर्सिंग कॉलेजों में जहां सीबीआई की रिपोर्ट में कमियां पाई गईं थी, उनके लिए रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाने के निर्देश दिए थे.

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तब हाईकोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा था कि जो सीबीआई जांच में अपात्र पाए गए 65 कॉलेजों में दाखिला ले चुके छात्रों और उन संस्थाओं के साथ कोई भी नरमी नहीं बरती जानी चाहिए. इसके साथ ही कोर्ट इन नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता दिलाने में मदद करने वाले अफसरों के खिलाफ भी सख्त रुख इख्तियार कर लिया था. कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा है कि जिन-जिन अधिकारियों और निरीक्षण टीमों के जरिए गड़बड़ी की गई है, उन पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी. लेकिन, अब इस मामले हाईकोर्ट ने नरम रुख इख्तियार करते हुए कॉलेजों की मान्यता खत्म होने से प्रभावित होने वाले छात्रों को बड़ी राहत दी है. 

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