Madhya Pradesh High Court: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट से पेंशनर्स को राहत मिली है. वहीं, सरकार को झटका लगा है. दरअसल, पेंशनर्स एसोसियेशन ने छठवें पे-कमीशन का 32 माह का लाभ न दिए जाने को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर उसके पक्ष में राहतकारी आदेश हुआ था. उक्त आदेश के विरुद्ध सरकार ने रिव्यू याचिका दायर की थी, जिसमें पूर्व आदेश पर रोक लगाए जाने की मांग की गई थी, जिसे न्यायालय ने निरस्त कर दिया.
प्रमुख पेंशनर्स एसोसिएशन (Pensioners Association) के एचपी उरमलिया ने बताया कि वर्ष 2016 में उनकी ओर से छठवें पे-कमीशन के लाभ को लेकर एक याचिका दायर की गई थी. जिस पर दो मार्च, 2020 को हाई कोर्ट ने मध्य प्रदेश शासन के वित्त मंत्रालय को निर्देशित किया था कि छह माह के अंदर छह प्रतिशत ब्याज सहित राशि भुगतान की जाए. इसके बावजूद भी राशि का भुगतान नहीं किया गया, जिस पर अवमानना याचिका दायर की गई थी.
इसी दौरान सरकार की ओर से रिव्यू पिटीशन हाई कोर्ट में दायर कर पूर्व के आदेश पर रोक लगाए जाने की मांग की गई थी, जिसे 31 अक्टूबर, 2025 को हाई कोर्ट ने निरस्त कर पूर्व के आदेश को यथावत रखा. उरमलिया ने बताया कि हाईकोर्ट के उक्त आदेश से प्रदेश के करीब साढ़े तीन लाख पेंशनर्स में हर्ष है, जिन्होंने शासन से यथाशीघ्र आदेश का पालन कर देय राशियों का भुगतान किए जाने की मांग की है.
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