सभी विभागों को फंड, लेकिन हाई कोर्ट को ‘अंतिम पायदान’-बजट आवंटन में देरी पर सरकार को फटकार

MP High Court Budget Delay: जबलपुर में लायर्स चैंबर और मल्टी लेवल Parking Project की Financial Sanction लंबित होने पर MP High Court ने सरकार को फटकार लगाई. कोर्ट ने कहा कि "सभी Departments को Fund दिया जा रहा है, लेकिन High Court को अंतिम पायदान पर रखा गया है." अगली सुनवाई 17 दिसंबर को होगी.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins

मध्य प्रदेश के जबलपुर में आधुनिक लायर्स चैंबर और मल्टी लेवल पार्किंग के निर्माण के लिए बजट आवंटन में हो रही देरी पर मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने कड़ी नाराज़गी जताई है. मुख्य न्यायाधीश संजिव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सराफ की युगलपीठ ने टिप्पणी की कि, “सभी जगह फंड दे रहे हैं, लेकिन हाई कोर्ट को अंतिम स्थान पर रखा गया है.” अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि बजट स्वीकृति पर शीघ्र निर्णय लेकर कोर्ट को अवगत कराया जाए. मामले की अगली सुनवाई 17 दिसंबर को निर्धारित की गई है.

छह माह से अटकी वित्तीय स्वीकृति

लायर्स चैंबर और मल्टी लेवल पार्किंग परियोजना का शिलान्यास 4 मई 2025 को हाई कोर्ट के गेट नंबर-4 के सामने किया गया था. लगभग 117 करोड़ रुपये की लागत से इस आधुनिक संरचना का निर्माण होना प्रस्तावित है. भूमि पूजन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति जितेंद्र कुमार माहेश्वरी, न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा, न्यायमूर्ति सूर्यकांत शर्मा और तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत की उपस्थिति में किया गया था.

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय, जबकि दूसरी याचिका में अधिवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने पैरवी की. उन्होंने बताया कि बार एसोसिएशन ने लगातार राज्य सरकार को पत्र लिखे, जिसके जवाब में शासन ने कहा कि 5 मई 2025 को सैद्धांतिक स्वीकृति (Administrative Approval) मिल चुकी है, लेकिन वित्त विभाग से व्यावहारिक वित्तीय स्वीकृति (Financial Sanction) अभी तक लंबित है. इसके चलते निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है. अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि जब छह माह पहले सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी गई थी, तो वित्तीय स्वीकृति में इतनी देरी क्यों की जा रही है?

जनहित का मामला: रोज जाम और पार्किंग संकट

याचिकाकर्ताओं ने यह भी कहा कि यह मामला सीधे जनहित से जुड़ा हुआ है. हाई कोर्ट परिसर और आसपास पार्किंग सुविधा के अभाव में प्रतिदिन भारी जाम की स्थिति बनती है, जिससे आम नागरिकों और वकीलों को परेशानी होती है. अधिवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कोर्ट को बताया कि प्रस्तावित मल्टी लेवल पार्किंग बनने से इस समस्या से राहत मिलेगी और व्यवस्थित पार्किंग प्रबंधन सुनिश्चित होगा.

Advertisement