MP News In Hindi: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (CM Mohan Yadav) द्वारा मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh Government) में किशोरियों के बेहतर स्वास्थ्य के लिये किये जा रहे प्रयासों को यूनिसेफ (UNICEF India) ने सराहा है. यूनिसेफ ने अपने एक्स पर किये गये पोस्ट में मुख्यमंत्री द्वारा किशोरियों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए सेनिटेशन एवं हाइजीन योजना (School Hygiene and Menstrual Health Awareness) को अनूठी पहल बताकर प्रशंसा की. एमपी के विद्यालयों और महाविद्यालय की छात्राओं को स्वच्छता के महत्व और उनके उपायों के बारे में जानकारी दी जाती है. इसी अभियान को लेकर सीएम की सराहना की गई है. MP देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जहां सरकार ने सेनेटरी पैड के लिए छात्राओं के बैंक खातों में राशि भेजी है. कर्नाटक, राजस्थान और दिल्ली जैसे कुछ राज्यों में छात्राओं को मुफ्त सैनिटरी पैड दिए जाते हैं, जबकि नकद राशि केवल मध्य प्रदेश में दी जा रही है.
सेनेटरी नैपकिन के लिए राशि अंतरित
बता दें कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 11 अगस्त को भोपाल में आयोजित छात्राओं के संवाद एवं सम्मान कार्यक्रम में समग्र शिक्षा के अंतर्गत सेनिटेशन एवं हाइजीन योजना में 19 लाख छात्राओं के खाते में 57 करोड़ 18 लाख रुपये की राशि अंतरित की थी. सेनिटेशन एवं हाइजीन योजना में कक्षा 7 से 12 तक की छात्राओं को सेनेटरी नैपकिन के लिए राशि अंतरित की गई है.
भोपाल की बेटी गौरांगी ने तैयार किया है इलस्ट्रेटर
यूनिसेफ इंडिया ने सीएम मोहन यादव के जिस इलस्ट्रेटर को शेयर किया है. उसे भोपाल की बेटी गौरांगी शर्मा ने डिजाइन किया है. गौरांगी की पढ़ाई डीपीएस स्कूल से हुई है, इन दिनों वे निफ्ट कोलकाता की थर्ड ईयर की स्टूडेंट हैं. इसके साथ ही गौरांगी यूनिसेफ इंडिया की Youth Co-Creator भी हैं. सीएम ने इस डिजाइन के लिए गौरांगी को धन्यवाद भी दिया है.
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इनसे लें प्रेरणा..
प्रदेश की बेटियों की प्रतिभा की चर्चा करते हुए डॉ. यादव ने कहा कि हमारी बेटियों ने हर क्षेत्र में श्रेष्ठ प्रदर्शन किया. प्रतिभाशाली बेटियों ने देश और दुनिया में मध्य प्रदेश का नाम रौशन किया है. राज्य सरकार प्रदेश की महिलाओं और बेटियों के कल्याण के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने छात्राओं से आग्रह किया की वे देश की महान महिला विभूतियां से प्रेरणा लें. उनके आदर्शों को अपने जीवन में उतारे. भारतीय संस्कृति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति को दुनिया में श्रेष्ठ संस्कृति के रूप में पहचाना जाता है.
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