Bhopal-Indore Metro Region: भोपाल और इंदौर में बनाए जाएंगे 'मेट्रो रीजन',  इन 9 ज़िलों की बदलेगी तस्वीर

Bhopal Metro region News: भोपाल मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र में  भोपाल, सीहोर, रायसेन, विदिशा और राजगढ़ जिले शामिल होंगे, जबकि इंदौर मेट्रोपॉलिटन एरिया में इंदौर, उज्जैन, देवास और धार जिले होंगे. मध्यप्रदेश महानगर क्षेत्र नियोजन एवं विकास विधेयक 2025 विधानसभा में पेश हो चुका है, जिसके तहत प्रदेश में दो मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र बनाए जाएंगे. 

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Indore Metro region News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल और आर्थिक राजधानी इंदौर (Indore) जल्द ही देश के अगले बड़े मेट्रो रीजन में तब्दील हो जाएंगे. दरअसल, मध्य प्रदेश विधानसभा (Madhya Pradesh Assembly) में सरकार ने मेट्रोपॉलिटन विधेयक (Metropolitan Bill) पेश कर दिया है, जिससे सिर्फ शहरों की तस्वीर ही नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र का भविष्य बदल सकता है. भोपाल से लेकर इंदौर तक और सीहोर (Sehore) से धार (Dhar) तक प्रदेश के 9 ज़िले मेट्रोपॉलिटन रीजन के तहत विकसित किए जाएंगे.

भोपाल मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र में  भोपाल, सीहोर, रायसेन, विदिशा और राजगढ़ जिले शामिल होंगे, जबकि इंदौर मेट्रोपॉलिटन एरिया में इंदौर, उज्जैन, देवास और धार जिले होंगे. मध्यप्रदेश महानगर क्षेत्र नियोजन एवं विकास विधेयक 2025 विधानसभा में पेश हो चुका है, जिसके तहत प्रदेश में दो मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र बनाए जाएंगे. 

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मंत्री ने गिनाए मेट्रोपॉलिटन विधेयक के फायदे

सरकार के इस फैसले पर कैबिनेट मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि हमारी सरकार का एक विजन है, जो बड़े शहर हैं, उनसे छोटे शहरों को जहां से औद्योगिक क्षेत्र बन सकता है, उन सभी को मिलकर मेट्रोपोलिटन शहर बनाया जाए. इसी सोच के तहत आने वाले समय में जितना महानगरों का विकास संभव होगा, वह नीचे तक जाएगा. फिर गांव तक वह काम बढ़ेगा. इससे विकास और रोजगार की संभावनाएं तेजी से बढ़ेंगी.

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15 साल के लिए बनेगा डेवलपमेंट प्लान

मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट का प्लान कम से कम 15 साल के लिए बनाया जाएगा. इसके तहत इन्फ्रास्ट्रक्चर, पर्यटन, उद्योग, परिवहन और हाउसिंग की  प्लानिंग एक साथ की जाएगी. मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली मेट्रोपॉलिटन एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी के बिना  मंज़ूरी के कोई भी विकास कार्य नहीं होगा. यहां तक कि सरकारी विभागों को भी निर्माण से पहले अनुमति लेने पड़ेंगे. खास बात ये है कि अगर 60 दिन में कोई फ़ैसला नहीं आया, तो विकास अनुमति स्वीकृत मानी जाएगी. ऐसा माना जा रहा है कि भोपाल और इंदौर मेट्रोपॉलिटन बनने के बाद न सिर्फ शहरों का दायरा बढ़ेगा, बल्कि योजनाएं भी ज़्यादा व्यवस्थित और प्रभावशाली होंगी.

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ऐसा होगा मेट्रोपॉलिटन एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी

मेट्रोपॉलिटन रीजन के विकास के लिए मेट्रोपॉलिटन एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी का गठन किया जाएगा. इस अथॉरिटी के अध्यक्ष खुद मुख्यमंत्री होंगे, इसके अलावा तीन मंत्री, नगरीय विकास, पंचायत एवं ग्रामीण विकास और राजस्व मंत्री उपाध्यक्ष होंगे. मुख्य सचिव सदस्य होंगे और मेट्रो कमिश्नर कार्यपालिका का संचालन करेंगे. मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र में विकास के सारे बड़े फैसले अथॉरिटी लेगी. साथ ही एकीकृत मेट्रो ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी भी बनाई जाएगी, जो ट्रैफिक और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को लेकर फैसले लेगी. विपक्ष ने भी इस प्लानिंग को जरूरी बताया है, लेकिन मास्टर प्लान को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं.

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पूर्व मंत्री व कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह  ने कहा कि मेट्रोपोलिटन एरिया समय की आवश्यकता है. इंदौर हो या भोपाल या भविष्य में जबलपुर या ग्वालियर इन्हें महानगर बनाने की आवश्यकता है. गुड़गांव और नोएडा में बड़े उद्योग आए हैं, जिससे दिल्ली के पर्यावरण पर काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ा है. लिहाजा, इस मुद्दे पर भी हमें काफी सावधान होना चाहिए. इंदौर के महानगर के प्रस्ताव को अगर हम ठीक से विकास करेंगे और सुनियोजित व्यवस्था बनाएंगे, तो इंदौर, देवास, उज्जैन, पीथमपुर और महू जिले को मिलाकर एक अच्छा बड़ा महानगर बन सकता है. इसके आगे उन्होंने कहा कि हम भोपाल को महानगर बनाने की बात कर रहे हैं, लेकिन भोपाल में पिछले 20 साल से भाजपा सरकार मास्टर प्लान तक लेकर नहीं आ पाई है, तो ऐसे में हम भोपाल को महानगर कैसे बना पाएंगे?

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