MP Global Investor Summit 2025: पर्यटन अधोसंरचनाओं का विकास हो या फिर पर्यटकों की सुविधाओं में विस्तार, मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग ने विभिन्न स्तर पर तैयारियां की है. ग्लोबल इन्वेस्टर समिट (GIS 2025) के दौरान पर्यटन क्षेत्र (Tourism Sector) में निवेश (Investment) के लिये संभावनाएं के नए द्वार खुलेंगे. समिट के दूसरे दिन 25 फरवरी को फ्यूचर रेडी मध्यप्रदेश के निर्माण में पर्यटन और संस्कृति के योगदान और अवसरों पर एक परिचर्चा का आयोजन किया जाएगा. MP में पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनरशिप (PPP) परियोजनाओं में हनुवंतिया, मांडू, ओरछा, अमरकंटक सहित विभिन्न पर्यटन गंतव्यों पर टेंट सिटीज, कारवां पर्यटन, रोपवे, गोल्फ कोर्स और स्टैचू ऑफ वननेस (ओंकारेश्वर) और स्टैचू ऑफ यूनिटी (केवड़िया, गुजरात) को जोड़ने वाले क्रूज पर्यटन के लिए निवेश के अवसर उपलब्ध है.
टूरिज्म समिट में कौन-कौन होगा?
GIS 2025 में टूरिज्म समिट के दौरान केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत, सचिव, पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार वी विद्यावति, प्रमुख सचिव, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग और प्रबंध संचालक MP टूरिज्म बोर्ड शिव शेखर शुक्ला, इतिहासकार पद्मश्री केके मोहम्मद, अध्यक्ष, एडवेंचर टूर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष पद्मश्री अजीत बजाज, अभिनेता पंकज त्रिपाठी, कार्यकारी उपाध्यक्ष इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड रोहित खोसला, हेड कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन्स एंड कॉर्पोरेट एफेयर्स मेक माई ट्रिप समीर बजाज, निदेशक जेहनुमा होटल्स अलि राशिद, अभिनेता विजय विक्रम सिंह अपने विचार व्यक्त करेंगे.
पर्यटन नीति और फिल्म पर्यटन नीति में निवेशकों को मिलेगा विशेष लाभ
पर्यटन नीति और फिल्म पर्यटन नीति में निवेशकों को विशेष लाभ दिया जाने का प्रावधान किया गया है. फिल्म शूटिंग की अनुमति के लिए पारदर्शी, समय सीमा के अंतर्गत दी जाने वाली ऑनलाइन "सिंगल विंडो सिस्टम" लागू किया गया है और जनजातीय भाषाओं जैसे मालवी, बुंदेलखंडी, आदि में फिल्में बनाने के लिए अतिरिक्त अनुदान दिया जाएगा, जिससे राज्य की सांस्कृतिक विविधता को बढ़ावा मिलेगा. बच्चों के सिनेमा और महिला केंद्रित फिल्मों को भी विशेष अनुदान दिया जाएगा, जिससे स्वस्थ मनोरंजन और महिलाओं के मुद्दों पर आधारित कहानियों को प्रोत्साहन मिलेगा. मध्य प्रदेश के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक व्यक्तित्वों पर आधारित फिल्मों के लिए भी अतिरिक्त अनुदान का प्रावधान है, ताकि राज्य की समृद्ध विरासत को सिनेमा के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाया जा सके.
कुल मिलाकर, यह नीति फिल्म निर्माण को सुगम बनाने, सांस्कृतिक विविधता को प्रोत्साहित करने और स्थानीय प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बनाई गई है.
2 करोड़ तक अनुदान
मध्य प्रदेश फिल्म पर्यटन नीति 2025 का मुख्य उद्देश्य राज्य में फिल्म निर्माण को बढ़ावा देना, रोजगार और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाना, तथा फिल्म निर्माण संबंधी आधारभूत ढांचे में निवेश आकर्षित करना है. नई नीति में वित्तीय अनुदान को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाया गया है. फीचर फिल्म के लिए अधिकतम अनुदान 2 करोड़ रुपए तक, वेब सीरीज के लिए 1.50 करोड़ रुपए तक, टीवी शो/सीरियल्स के लिए 1 करोड़ रुपए तक, डॉक्यूमेंट्री के लिए 40 लाख रुपए तक, अंतर्राष्ट्रीय फिल्म के लिए 10 करोड़ रुपए तक, और शॉर्ट फिल्मों के लिए 15 लाख रुपए तक का अनुदान दिया जा सकता है. यह अनुदान कुल शूटिंग दिनों के 75% मध्य प्रदेश में होने पर ही मिलेगा. यह नीति प्रदेश में फिल्म निर्माण को प्रोत्साहित करेगी, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ होगा और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. इसके साथ ही, यह राज्य को फिल्म निर्माण के एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करने में मदद करेगी.
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गुणवत्तापूर्ण डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माण को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों में पुरस्कार प्राप्त डॉक्यूमेंट्री फिल्मों को अनुदान प्राप्त करने का अवसर दिया गया है. अंतरराष्ट्रीय फिल्म निर्माण परियोजनाओं को आकर्षित करने के लिए 10 करोड़ तक के प्रोत्साहन दिए जाएंगे, जिससे विदेशी फिल्म निर्माताओं को राज्य की खूबसूरत लोकेशंस और संस्कृति को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके. यह नीति सिनेमा उद्योग के सभी पहलुओं को शामिल करते हुए समग्र विकास का दृष्टिकोण अपनाती है, जिसमें स्थानीय प्रतिभाओं, क्षेत्रीय भाषाओं, महिलाओं के सशक्तिकरण और बुनियादी ढांचे के विकास को प्राथमिकता दी गई है.
मध्य प्रदेश पर्यटन नीति 2025 के तहत कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं. निवेशकों को आकर्षित करने के लिए पर्यटन बोर्ड में 'निवेश प्रोत्साहन सेल' की स्थापना की गई है. भूमि आवंटन की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया गया है और निजी निवेशकों को लैंड पार्सल, मार्ग सुविधा केंद्र और हेरिटेज संपत्तियां आवंटित की जाएंगी. बड़ी परियोजनाओं को विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा, जैसे कि 100 करोड़ से अधिक के निवेश वाली अल्ट्रा मेगा परियोजनाओं को कलेक्टर गाइडलाइन दर पर 90 वर्षों के लिए भूमि का सीधा आवंटन किया जाएगा.
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विभिन्न विभागों से अनुमति प्राप्त करने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया गया है, जिससे निवेशकों को समयबद्ध तरीके से अनुमतियां मिल सकेंगी. लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत अनुमतियों को समय सीमा में प्रदान किया जाएगा. गोल्फ टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए निजी निवेशकों को पीपीपी मॉडल के तहत अनुबंध पर जमीन दी जाएगी. निजी निवेशकों को गोल्फ टूरिज्म के लिए आवंटित भूमि का १०% व्यवसायिक उपयोग करने की अनुमति दी जाएगी. आवंटित मार्ग सुविधा केंद्र को कम हुई भूमि के बदले समतुल्य मूल्य की भूमि उपलब्ध कराई जाएगी. नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण, जल संसाधन विभाग, लोक निर्माण विभाग के रेस्ट हाउस, गेस्ट हाउस, डाक बंगला, सर्किट हाउस आदि को पर्यटन परियोजना की स्थापना के लिए निजी निवेशकों को लीज पर दिया जाएगा. स्टार्टअप उद्यमियों को निविदाओं में भाग लेने का अवसर मिलेगा. कुल मिलाकर, यह नीति निवेशकों को आकर्षित करने, पर्यटन को बढ़ावा देने और राज्य में पर्यटन संबंधी आधारभूत ढांचे का विकास करने के उद्देश्य से बनाई गई है जिससे निश्चित ही पर्यटन में नए निवेश के द्वार खुलेंगे.
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