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MP First Bird House: सागर में बना मध्य प्रदेश का पहला पक्षी घर, 6 मंजिला बर्ड टावर पर रहेंगे 2500 परिंदें

Bird house in Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश का पहला बर्ड टावर 6 मंजिला है और इसमें कुल 800 खांचे बनाए गए हैं, जिनमें लगभग 2500 पक्षी एक साथ सुरक्षित रूप से रह सकते हैं.

MP First Bird House: सागर में बना मध्य प्रदेश का पहला पक्षी घर, 6 मंजिला बर्ड टावर पर रहेंगे 2500 परिंदें

First bird house built in Madhya Pradesh: शहरीकरण, प्रदूषण और पेड़ों की अंधाधुंध कटाई के कारण पक्षियों के लिए सुरक्षित आवास की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है. इन समस्याओं से निपटने के लिए सागर में एक अनूठी पहल की गई है, जो न केवल पक्षियों के जीवन को सुरक्षित करने में मदद करेगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी. सागर के मंगलगिरी क्षेत्र में स्थित सिटी फॉरेस्ट में प्रदेश का पहला बर्ड टावर (पक्षी घर) तैयार हो चुका है, जिसे विशेष रूप से पक्षियों के आवास के लिए डिजाइन किया गया है.

सर्दी, गर्मी, और बारिश में सुरक्षित ठिकाना

यह बर्ड टावर पक्षियों के लिए मौसम की विषमताओं के बीच एक सुरक्षित आश्रय स्थल प्रदान करेगा. चाहे कड़ाके की सर्दी हो, आंधी-बारिश का मौसम हो या फिर जेठ की तपती गर्मी, इस बर्ड टावर में पक्षियों को हर मौसम से बचने के लिए पर्याप्त सुरक्षा मिलेगी. प्रदेश का पहला बर्ड टावर 6 मंजिला है और इसमें कुल 800 खांचे (घर) बनाए गए हैं, जिनमें लगभग 2500 पक्षी एक साथ सुरक्षित रूप से रह सकते हैं. इस टावर का निर्माण सागर में एक पर्यावरण संरक्षण की दिशा में किए गए प्रयासों का प्रतीक है.

First bird house built

Bird House: मध्य प्रदेश का पहला पक्षी घर 6 मंजिला है.

पक्षियों के लिए सुरक्षित स्थान की आवश्यकता

सागर के पक्षी प्रेमियों ने शहर विधायक शैलेंद्र जैन के सामने पक्षियों के लिए सुरक्षित स्थान की कमी की समस्या को उठाया था. उनके अनुसार, शहरीकरण और पेड़ों की कटाई के कारण पक्षियों के लिए अपने रहने की जगह मिलना मुश्किल हो गया है. खासकर सर्दियों के दौरान पक्षियों को पेड़ों पर रहना कठिन हो जाता है. इसे ध्यान में रखते हुए विधायक ने इस टावर का निर्माण करने का प्रस्ताव दिया, जिसे उन्होंने सिटी फॉरेस्ट के मंगलगिरी क्षेत्र में अमल में लाया.

निर्माण प्रक्रिया और विशेषताएं

दक्षिण वन मंडल के पूर्व डीएफओ महेंद्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में इस बर्ड टावर का निर्माण किया गया है. इस टावर की ऊंचाई 50 फीट से अधिक है और इसका निर्माण कार्य पूरी तरह से संपन्न हो चुका है. इस टावर में 800 खांचे (घर) बनाए गए हैं, जिनमें लगभग 2000 से 2500 पक्षी एक साथ रह सकते हैं. टावर के निर्माण में कुल 6 लाख 30 हजार रुपये की लागत आई है, जो पर्यावरण संरक्षण और जीव दया की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देगा.

पक्षियों के लिए दाना-पानी का इंतजाम

सिर्फ आवास ही नहीं, बर्ड टावर में पक्षियों के भोजन और पानी की व्यवस्था भी की जाएगी. यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पक्षियों को हर मौसम में पर्याप्त दाना और पानी मिले, ताकि वे स्वस्थ रहें और उनका जीवन सुगम हो सके. इसके अलावा सिटी फॉरेस्ट में एक ऑक्सीजन पार्क भी तैयार किया जा रहा है, जिससे पर्यावरण को और बेहतर बनाया जा सके.

पक्षियों का स्वागत

बर्ड टावर का निर्माण पूरा होने के बाद, यहां पक्षियों का बसेरा शुरू हो चुका है. अब सुबह-सुबह इस क्षेत्र में पक्षियों की चहचहाहट सुनाई देने लगी है. यह टावर न केवल पक्षियों के लिए एक सुरक्षित घर बन चुका है, बल्कि यह जीव दया और पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक भी बन गया है. यहां पर आने वाले पक्षियों के लिए पर्याप्त खाद्य और जल की व्यवस्था की जाएगी, ताकि उनका जीवन सुरक्षित और स्वस्थ रहे.

पर्यावरण की दिशा में एक कदम

यह बर्ड टावर सागर जिले के पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों का एक अहम हिस्सा है. दक्षिण वन मंडल के रेंजर रवि सिंह के अनुसार, इस बर्ड टावर का निर्माण न केवल पक्षियों के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह पूरे क्षेत्र के पर्यावरण को सुधारने और शुद्ध हवा के लिए भी महत्वपूर्ण कदम है.

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